नमस्कार आज हम हिंदी व्याकरण के महत्वपूर्ण अध्याय मे से “एक वाक्यांश के लिए एक शब्द (Vakyansh ke liye ek shabd in hindi)” के बारे मे अध्ययन करेंगे । इस अध्ययन के दौरान हम इस टॉपिक यानि “एक वाक्यांश के लिए एक शब्द (Vakyansh ke liye ek shabd in hindi)” से संबंधित विभिन्न बिंदुओ पर चर्चा करेंगे । इस चर्चा मे हम बहुत से ऐसे महत्वपूर्ण प्रश्न (MCQ) के बारे मे भी चर्चा करेंगे ।
वैसे तो आपको तो पता ही होगा अगर आप किसी भर्ती परीक्षा की तैयारी कर रहे हो तो की यह “एक वाक्यांश के लिए एक शब्द (Vakyansh ke liye ek shabd in hindi)” परीक्षा की दृष्टि से बहुत ही अधिक महत्वपूर्ण है क्योंकि आपने देखा ही होगा की कीस तरह से इस अध्याय से बहुत से प्रश्न आजकल पूछे जाने लगे है । इसलिए आपको भी अगर इस अध्याय मे से कुछ ऐसा खास टॉपिक को पूरी तरह से तैयार करना है तो यह आपके लिए एक बेहतरीन अवसर है । इसकी वजह से आप बहुत अच्छे अंक प्राप्त कर सकते हैं।
आजकल ऐसे सवाल नही पूछे जाते है जैसे पहले के exam मे पूछे जाते थे जैसे की 1000 वाक्यांश के लिए एक शब्द लिखिए, 50 वाक्यांश के लिए एक शब्द, 20 वाक्यांश के लिए एक शब्द इत्यादि प्रकार के प्रश्नों का आजकल लोप हो चुका है अब आपको एक नए प्रकार के प्रश्न देखने को मिलेंगे । जिनका वर्णन यहाँ इस अध्याय मे किया गया है ।
वाक्यांश के लिए एक शब्द
भाषा में संक्षिप्तता लाने के लिए अनेक शब्दों, पदबंधों और वाक्यांश के लिए एक शब्द का प्रयोग किया जाता है। यह वाक्य का एक सार्थक शब्द होता है। इन शब्दों के माध्यम से भाषा में सुदृढ़ता, भावों में गंभीरता आती है। यह शब्द ‘गागर में सागर’ भरने वाली कहावत को चरितार्थ करते हैं।
जैसे :-
जो बहुत जानता है – बहुज्ञ ।
जिसकी ग्रीवा सुन्दर हो – सुग्रीव ।
अनुचित बात के लिए आग्रह – दुराग्रह।
जो कुछ नहीं जानता है – अज्ञ ।
जो शास्त्र जानता है – शास्त्रज्ञ ।
स्वेद से उत्पन्न होने वाला – स्वेदज ।
जो जानने योग्य है – ज्ञातव्यजो ।
जो व्याकरण का जानकार है – वैयाकरण ।
जो जानने को इच्छुक हो – जिज्ञासु ।
जो अग्र की सोचता हो – अग्रशोची ।
जो सब कुछ जानता है – सर्वज्ञ ।
जिसका कोई शत्रु नहीं हो – अजातशत्रु ।
जो अल्प जानता है – अल्पज्ञ ।
विष्णु का उपासक – वैष्णव ।
जो कहने योग्य है – कथ्य, कथनीय ।
भू के गर्भ का हाल जाननेवाला – भूगर्भवेत्ता ।
जो राजनीति जानता है – राजनीतिज्ञ ।
गिरा हुआ – पतित ।
जो संगीत जानता है – संगीतज्ञ ।
साहित्य रचना से सम्बन्ध – साहित्यिक ।
जो पूछने योग्य है – प्रष्टव्य ।
जो देखने योग्य है – दृष्टव्य, दर्शनीय।
जिसका तेज निकल गया हो – निस्तेज ।
जो सुनने योग्य है – श्रोतव्य, श्रवणीय ।
कम बोलनेवाला – अल्पभाषी ।
जो कला जानता है। – कलाविद/कलाकार ।
जो न्याय जानता है। – नैयायिक।
जो भू के गर्भ का शास्त्र जानता है। – भूगर्भशास्त्री।
ईश्वर में विश्वास नहीं रखता है – नास्तिक ।
ईश्वर में विश्वास रखता है – आस्तिक ।
रात और संध्या के बीच की बेला – गोधूलि ।
जो पहले कभी नहीं हुआ – अभूतपूर्व ।
जो पहले कभी नहीं देखा गया – अदृष्टपूर्व ।
जो पहले कभी नहीं सुना गया – अश्रुतपूर्व ।
जिसके पाणि में चक्र है – चक्रपाणिविज्ञान ।
विज्ञान जानने वाला – वैज्ञानिक ।
आकाश में चलनेवाला – खेचर ।
जो बहुत भाषाएँ जानता है – बहुभाषाविद् ।
जो माँस नहीं खाता है – निरामिष ।
जो बहुत और व्यर्थ बोलता है – वाचाल ।
जो मीठा बोलता है। – मितभाषी ।
क्षणभर में भंग होने वाला – क्षणभंगुर ।
जो किसी का प्रतिनिधित्व करता है – प्रतिनिधि ।
जो सुनने में मधुर हो – श्रुतिमधुर ।
द्रुपद की पुत्री – द्रौपदी ।
जो देखा नहीं जा सकता है – अदृश्य ।
हृदय का विदारण करनेवाला – हृदयविदारक ।
जो स्मरण करने योग्य है – स्मर्तव्य, स्मरणीय ।
किए हुए उपकार को जानता है – कृतज्ञ।
जिसने चित्त किसी विषय में दिया है। – दत्तचित्त ।
किए हुए उपकार की हत्या करता है। – कृतघ्न ।
जो मधुर बोलता है – मधुरभाषी ।
जो कटु बोलता है – कटुभाषी ।
धन देनेवाला – कुबेर ।
जो जरायु से जनमता है – जरायुज ।
जो व्याख्या करता है – व्याख्याता ।
जो स्वयं उत्पन्न हुआ हो – स्वयंभू ।
जो आसानी से लब्ध हो सके – सुलभ ।
जो मुश्किल से लब्ध या प्राप्त हो – दुर्लभ ।
जो सबको एकसमान देखता है – समदर्शी।
द्रुत गमन करने वाला – द्रुतगामी ।
सुन्दर हृदय वाला – सुहृदय ।
जहाँ लोगों का मिलन हो – सम्मेलन।
जो सुनने में कटु लगे – श्रुतिकटु, कर्णकटु।
जो पिंड से जनमता है – पिंडज।
जो स्वेद से जनमता है – स्वेदज ।
जो अंडे से जनमता है – अडंज ।
जो धरती फोड़कर जनमता है – उद्भिज ।
जहाँ खाना मुफ्त मिलता है – सदाव्रत ।
जो सव्य अर्थात् बायें हाथ से सधा हुआ हो – सव्यसाची ।
जो जीतने योग्य नहीं है – अजेय ।
जो टालमटोल या विलंब से काम करे – दीर्घसूत्री ।
जो युद्ध में स्थिर रहता है – युधिष्ठिर ।
क्षुधा से आतुर – क्षुधातुर ।
मृग समान नेत्रों वाली – मृगनयनी ।
जो मोक्ष चाहता है। – मुमुक्ष ।
जिसकी उपमा न दी जा सके – अनुपम ।
जो विश्व का हित चाहता है – विश्वहितैषी ।
जो केवल स्वयं का अर्थ चाहता है। – स्वार्थी ।
जो परायों का अर्थ चाहता है – परार्थी, परमार्थी।
जो इतिहास के पहले का है – प्रागैतिहासिक ।
जो इतिहास से संबंद्ध है – ऐतिहासिक ।
लौटकर आया हुआ – प्रत्यागत ।
जो पुरुष धुर से विहीन हो – विधुर।
जो साधा न जा सके – असाध्य ।
सत्य के लिए आग्रह – सत्याग्रह ।
जो नया जनमा हो – नवजात ।
जो रंग का मंच है – रंगमंच ।
जो बहुत बोलता है – वाचाल ।
जो विश्वभर का बंधु है – विश्वबंधु ।
जो अति लघु नहीं है – जातिलघु।
भविष्य में होने वाला – भावी।
जो अति दीर्घ नहीं है – नातिदीर्घ।
जो नाटक का सूत्र धारण करता है – सूत्रधार ।
जो एक को छोड़ किसी अन्य का नहीं है – अनन्य ।
जो दया के साथ है – सदय ।
जो सब में व्याप्त है – सर्वव्यापी ।
जो सब कुछ भक्षण करनेवाला है – सर्वभक्षी ।
जो स्त्री के वशीभूत या उसके स्वभाव का हो- स्त्रैण ।
जो सरलता से बोध्य हो – सुबोध ।
जो मुश्किल से बोध्य हो – दुर्बोध ।
जो वचन के योग्य न हो – अनिर्वचनीय ।
जो भू को धारण करता है – भूधर ।
पत्ते की बनी हुई कुटी – पर्णकुटी ।
जो सर्वशक्तिसम्पन्न है – सर्वशक्तिमान ।
जो यश से युक्त हो – यशस्वी ।
जो नया आया हुआ हो – नवांगतुक।
जो इंद्रियों के ज्ञान के बाहर है – इंद्रियातीत ।
जो नहीं हो सकता – असंभव।
जो पूर्व में था या हुआ पर अभी नहीं है – भूतपूर्व ।
जो मुकदमा लड़ता है। – मुकदमेबाज़ ।
जो अक्षर पढ़ना-लिखना जानता है। – साक्षर ।
शिक्षा का ज्ञाता – शिक्षाविद् ।
जो अश्व का सवार है – अश्वरोही ।
जो हमेशा रहने वाला है – शाश्वत ।
जिसके पाणी में वीणा है। – वीणापाणी ।
आलोचना के योग्य – आलोच्य ।
जो बिलकुल बहरा है – वज्रबधिर ।
जो दूसरों के अधीन है – पराधीन ।
जो देखने में प्रिय लगता है – प्रियदर्शी ।
जो कर्तव्य से च्युत हो गया है – कर्तव्यच्युत ।
जो कठिनाइयों से पचता है – दुष्पाच्य, गुरुपाक।
जो आसानी से पच जाता है। – सुपाच्य, लघुपाक।
जो शोक करने योग्य नहीं है – अशोक्य।
जो विषयों में आसक्त है – विषयासक्त ।
जो बात वर्णन से अतीत है। – वर्णनातीत ।
जो स्त्री सूर्य को भी न देख सके – असूर्यपश्या ।
जो अत्यंत कष्ट से निवारित किया जा सके – दुर्निवार।
जो दिन में एक भोजन करता है। – एकाहारी ।
जो नष्ट होनेवाला है – नश्वर ।
जो स्त्री कविता रचती है – कवयित्री ।
जो वचन से परे हो – वचनातीत ।
जो हाथ से मुक्त है – मुक्तहस्त ।
जो हमेशा खड्ग हाथ में लिए तैयार रहता है- खड्गहस्त।
जो जन्म से ही अंधा है – जन्मांध ।
जो रथ पर सवार है – रथी ।
जो नृत्य करता या नाचता है- – नृत्यकार, नर्तक ।
जो कोई वस्तु वहन करता है – वाहक ।
जो विधि या कानून के विरुद्ध है – अवैध, गैरकानूनी ।
जो लोक में संभव न हो – अलौकिक ।
जो अनुकरण करने योग्य है – अनुकरणीय ।
नहीं खाने योग्य – अखाद्य ।
जो युवा राजा हो – युवराज ।
जो सबसे आगे गिनाने योग्य है – अग्रगण्य ।
जो पुरुष अभिनय करे – अभिनेता ।
जो स्त्री अभिनय करे – अभिनेत्री ।
जो कष्ट सहन कर सके – कष्टसहिष्णु ।
जो शत्रु की हत्या करता है – शत्रुघ्न ।
जो दूसरे की हत्या करता है। – हत्यारा ।
जो उद्धार करता है। – उद्धारक ।
जो नम में चलता है – नभचर, खेचर ।
जो द्वार की रक्षा करता है – द्वारपाल ।
जो दूसरों के स्थान पर अस्थायी – स्थानापन्न ।
रूप से काम करे
जो प्रमाण द्वारा सिद्ध न हो सके – अप्रमेय ।
जो बात बार-बार कही जाए – पुनः उक्त/पुनर्रुक्त।
जो धर्माचरण करता है – धर्मात्मा ।
जहाँ खाना सदा मुफ़्त में बँटता है – सदाव्रत ।
जो पांचाल देश की हो – पांचाली ।
जो यान जल में चलता है – जलयान ।
जो पुरुष लोहे की तरह बलिष्ठ है – लौहपुरुष ।
जो विषय विचार में आ सकता है – विचारगम्य ।
जो सत्व, रज और तम तीनों गुणों – निर्गुण, निर्गुणातीत।
से परे हो
जिसके समान दूसरा नहीं है – अद्वितीय ।
जिसके पास कुछ नहीं है – अकिंचन ।
जिसके हृदय में दया नहीं है – निर्दय ।
जिसका निवारण नहीं किया जा सके – अनिवार्य ।
जिसके लोचन सुंदर हो – सुलोचन ।
जिसके कुल का पता ज्ञात न हो – अज्ञातकुल ।
जिसके हाथ में शूल है – शूलपाणि ।
जिसके आने की तिथि मालूम न हो – अतिथि।
जिसमें शक्ति नहीं है – अशक्त ।
जिसमें सामर्थ्य नहीं है – असमर्थ ।
जिसमें कलंक नहीं है – निष्कलंक ।
जिसके पाणि में वीणा हो – वीणापाणि ।
जिसके पाणि में चक्र हो – चक्रपाणि ।
जिसके पार देखा जा सके – पारदर्शक ।
जिसके पार न देखा जा सके – अपारदर्शक ।
जिसके शेखर पर चंद्रमा हो – चंद्रशेखर ।
जिसके दस आनन हैं – दशानन ।
जिसके चार पद हैं – चतुष्पद ।
जिसका जन्म अग्र हुआ हो – अग्रज ।
जिसका जन्म अनु हुआ हो – अनुज ।
जिसका जन्म जल से हुआ हो – जलज ।
जिसका दमन कठिन हो – दुर्दम्य ।
जिसमें प्रतिभा है। – प्रतिभावान ।
जिसमें मल न हो – निर्मल ।
जिसमें मल हो – मलिन ।
जिसमें पाप नहीं है – निष्पाप ।
जिसका अनुभव किया गया हो – अनुभूत ।
जिसका मन उदार या महान् हो – उदारमन, महामना ।
जिसका मूल नहीं है। – निर्मूल ।
जिसका उदर लंबा है – लंबोदर |
जिसका प्रयोजन सिद्ध हो चुका है – कृतार्थ।
जिसका ज्ञान इंद्रियों के द्वारा न हो – अगोचर, अतींद्रिय ।
जिसकी आशा न की जाए – अप्रत्याशित ।
जिसका मन कहीं और हो – अनमना ।
जिसका जन्म उच्च कुल में हुआ हो – अभिजात, कुलीन ।
जिसका जन्म अंत्य जाति में हुआ हो – अंत्यज ।
जिसका शत्रु जनमा तक न हो – अजातशत्रु ।
जिसका विश्वास किया जा सके – विश्वसनीय ।
जिसका दूसरा उपाय नहीं है – अनन्योपाय ।
जिसकी कल्पना न की जा सके – अकल्पनीय ।
जिसकी चिंता नहीं हो सकती – अचिंत्य ।
जिसकी सीमा न हो – असीम।
जिसको लाँघना कठिन है – दुर्लघ्य।
जिससे उपमा दी जाए – उपमान ।
जिस हँसी से अट्टालिका तक हिल जाए – अट्टहास ।
जिस स्थान पर अभिनेता – नेपथ्य ।
अपना वेश- विन्यास करते हैं।
जिसे कठिनाई से भेदा जा सके – दुर्भेद्य।
जिसकी ग्रीवा सुंदर है – सुग्रीव ।
जिसकी उपमा नहीं है – अनुपम ।
जिसकी बाँहें जानु तक पहुँचती हों – आजानुबाहु ।
जिसकी बाँहे अधिक लंबी हों – प्रलंबबाहु ।
जिसकी उपमा दी जाए – उपमेय ।
जिस जमीन में कुछ न उपजे – ऊसर ।
जिसे चार भुजाएँ हैं – चतुर्भुज ।
जिसने बहुत कुछ देखा है – बहुदर्शी ।
जिसने बहुत कुछ सुना है – बहुश्रुत ।
जिसने प्रतिष्ठा प्राप्त की है – लब्धप्रतिष्ठ ।
जिस पर विश्वास किया गया है – विश्वस्त ।
जिसे सरलता से पढ़ा जा सके – सुपाठ्य ।
जिसे पढ़ा न जा सके – अपाठ्य ।
जिस पर मुकदमा किया गया हो – प्रतिवादी ।
जो इच्छा पर आधारित है – ऐच्छिक ।
अग्नि से उत्पन्न / अग्नि से संबंध – आग्नेय ।
अति वर्षा होना – अतिवृष्टि ।
वर्षा न होना – अनावृष्टि ।
आत्मा और परमात्मा को अद्वैत – अद्वैतवादी।
न माननेवाला
अल्प वेतन भोगनेवाला – अल्पवेतनभोगी ।
अग्र बात सोचनेवाला – अग्रशोची ।
अध्ययन प्राप्त कराने वाला – अध्यापक ।
जिस समय बड़ी मुश्किल से – दुर्भिक्ष ।
भिक्षा मिलती है
जिसने चित्त किसी विषय में लगा दिया है – दत्तचित्त ।
जिस स्त्री को कोई संतान न हुई हो – वंध्या, बाँझ।
जिसे छेदा या तोड़ा न जा सके – अभेद्य ।
जिस स्त्री का धव मर गया हो – विधवा ।
बढ़ा-चढ़ा कर कही गई उक्ति – अतिशयोक्ति ।
आशा से अतीत – आशातीत ।
आँखों के सामने – प्रत्यक्ष।
दुर आग्रह – दुराग्रह ।
अवश्य होनेवाला – अवश्यम्भावी ।
आग से झुलसा हुआ – अनलदग्ध ।
वह स्थान जहाँ मुर्दे जलाये जाते हैं – श्मशान ।
वह पुरुष जिसकी पत्नी साथ नहीं है – विपत्नीक ।
वह पुरूष जिसकी पत्नी साथ है – सपत्नीक ।
वह स्त्री जिसे पति ने त्याग दिया है। – परित्यक्ता ।
वह स्त्री जिसका पति आने ही वाला है – आगमिष्यत्पतिका।
जहाँ जाया न जा सके – अगम्य ।
विष्णु का भक्त या विष्णु से संबद्ध – वैष्णव ।
शिव का भक्त या शिव से संबद्ध – शैव ।
सरस्वती का भक्त या सरस्वती से संबद्ध – शाक्त ।
बार-बार कही गयी उक्ति – पुनरुक्ति।
आँखों के परे – परोक्ष ।
अपने परिवार के साथ है जो – सपरिवार ।
स्वयं दूसरों की सेवा करने वाला – स्वयंसेवक ।
आलोचना करनेवाला – आलोचक ।
अपने उच्च आचारों से ही जो पूत है – आचारपूत ।
वह स्त्री जिसका पति प्रोषित हो – प्रोषितपतिका ।
वह स्त्री जिसका पति परदेश से आ गया हो- आगतपतिका ।
देने की इच्छा – दित्सा ।
शयन करने की इच्छा – सुषुप्सा ।
जान से मारने की इच्छा – जिघांसा ।
मोक्ष प्राप्त करने की इच्छा – मुमुक्षा।
बोलने की इच्छा – विवक्षा |
सेतुबंध रामेश्वरम् से हिमालय पहाड़ तक – आसेतुहिमालय ।
मरने की इच्छा – मुमूर्षा ।
जीने की इच्छा – जिजीविषा ।
जानने की इच्छा – जिज्ञासा ।
पीने की इच्छा – पिपासा ।
भोजन करने की इच्छा – बुभुक्षा ।
अनेक नदियों का संगम – संगम ।
जिसके पाणि में वज्र है – वज्रपाणि ।
गगन को चूमने वाला – गगनचुंबी ।
समान उदर से जन्म लेनेवाला – सहोदर ।
कुश के अग्र के समान तीक्ष्ण बुद्धिवाला – कुशाग्रबुद्धि ।
नहीं जीतने योग्य नहीं है जो वह – अजेय ।
बालक से वृद्ध तक – आबालवृद्ध ।
मांस का आहार करनेवाला – मांसाहारी ।
शाक का आहार करनेवाला – शाकाहारी ।
फल का आहार करनेवाला – फलाहारी ।
प्राण देनेवाला – प्राणद ।
ज्ञान देनेवाला – ज्ञानद ।
प्रिय बोलनेवाली स्त्री – प्रियंवदा ।
सम शीत और उष्ण का समान भाव – समशीतोष्ण ।
खुद को पंडित मानने वाला – पंडितम्मन्य ।
प्रकृष्ट अध्यापक – प्राध्यापक ।
जिसका दो बार जन्म हुआ है – द्विज ।
जो पृथ्वी से संबंध है – पार्थिव ।
विश्व का पर्यटन करने वाला – विश्वपर्यटक ।
नहीं मरने वाला – अमर ।
इंद्रियों को जीतने वाला है जो – जितेंद्रिय ।
दूर तक देखने वाला है – दूरदर्शी ।
जो वह जो तीनों कालों को देखने वाला – त्रिकालदर्शी ।
जो बिना वेतन काम करने वाला – अवैतनिक ।
जो दो वेदों को जानने वाला है – द्विवेदी ।
तीन वेदों का जानकार – त्रिवेदी ।
चार वेदों का जानकार – चतुर्वेदी ।
जन्म लेते ही मर जाना – आदंडपात ।
जिस स्त्री का पति जीवित है – सधवा ।
विदेश में प्रवास करने वाला व्यक्ति – प्रवासी।
निशा में विचरण करने वाला – निशाचर ।
जो गृह बसाकर रहता है – गृहस्थ।
जो बिक्री करने वाला है – विक्रेता ।
समान उम्र वाला – समवयस्क ।
सहन करना जिसका स्वभाव है – सहनशील।
भविष्य में होनेवाला – भावी।
शीतल, मंद और सुगंधित वायु – त्रिविधवायु।
पथ का प्रदर्शन करने वाला – पथप्रदर्शक ।
काँटों से भरा हुआ – कंटकाकीर्ण ।
पिता की हत्या करने वाला – पितृहंता ।
माता की हत्या करने वाला – मातृहंता/मातृघाती।
क्षणभर में भंगुर होने वाला – क्षणभंगुर।
दशरथ का पुत्र – दाशरथि।
कुंती का पुत्र – कौंतेय ।
गंगा का पुत्र – गांगेय ।
महल के अंदर का निवास – अंतःपुर ।
कानून द्वारा प्रदत्त – विधिप्रदत्त।
सर्वप्रथम मत को प्रवर्तित करने वाला – आदिप्रवर्तक ।
धन देनेवाला व्यक्ति या देवता – धनद, कुबेर ।
किसी विषय को विशेष रूप से जाननेवाला- विशेषज्ञ ।
पुस्तक के आरम्भ में लिखि या कही – भूमिका, प्राक्कथन।
गई बात
पर्वत की कन्या – पार्वती ।
रक्त से रंगा या सना – रक्तरंजित ।
जंगल (दाव) की अग्नि – दावाग्नि ।
पेट (जठर) की अग्नि – जठराग्नि ।
एक स्थान से दूसरे स्थान को हटाया गया – स्थानांतरित ।
जीतने की इच्छा – जिगीषा ।
तैरने की इच्छा – तितीर्षा ।
देखने की इच्छा – दिदृक्षा ।
पाने की इच्छा – लिप्सा ।
करने की इच्छा – चिकीर्षा ।
किसी काम में दूसरों से बढ़ने की इच्छा – स्पर्द्धा ।
मेघ की तरह नाद करनेवाला – मेघनाद ।
गुरु के समीप रहनेवाला विद्यार्थी – अंतेवासी ।
वाडव का अनल – वाडवानल ।
रात और संध्या के बीच की वेला – गोधूलि ।
युग का निर्माण करनेवाला – युगनिर्माता।
किसी के पास रखी हुई दूसरे की वस्तु – धरोहर, थाती।
यात्रा करनेवाला – यात्री ।
शयन का आगार – शयनागार ।
एक ही समय में वर्तमान – समसामयिक ।
जिस पेड़ के पर्ण झड़ गए हों – अपर्ण ।
जहाँ तक सध सके – यथासाध्य ।
साहित्य-रचना से या – साहित्यिक ।
साहित्य-सेवा से संबद्ध
सख्यभाव मिश्रित अनुराग – प्रणय ।
अश्व पर आरोहण करनेवाला – अश्वारोही ।
संगीत जाननेवाला/संगीत का विशेषज्ञ – संगीतज्ञ ।
शक्ति के अनुसार – यथाशक्ति ।
ग्राम का / ग्राम से संबद्ध – ग्रामीण ।
मन की अवस्था – मनोवृतिच।
नदी से सींचा जानेवाला प्रदेश – नदीमातृक ।
भटकते रहने के चरित्रवाला – यायावर।
मनन करने योग्य – मननीय ।
अन्य अध्ययन सामग्री
संज्ञा | कारक |
सर्वनाम | वाक्य विचार |
विशेषण | वाच्य |
क्रिया | काल |
शब्द | अविकारी शब्द |
क्रिया विशेषण | मुहावरे |
संधि | लोकोक्तियाँ |
लिंग | वर्ण विचार |
वचन | विराम चिन्ह |
समास | वाक्यांश के लिए एक शब्द |
उपसर्ग | पारिभाषिक शब्दावली |
प्रत्यय | कारक चिन्ह |
अनेकार्थी शब्द | विलोम शब्द |
तत्सम शब्द | तद्भव शब्द |
एकार्थक शब्द | सम्पूर्ण हिंदी व्याकरण |
महत्वपूर्ण प्रश्न
वाक्यांश के लिए एक शब्द क्या होगा?
भाषा में संक्षिप्तता लाने के लिए अनेक शब्दों, पदबंधों और वाक्यांश के लिए एक शब्द का प्रयोग किया जाता है। यह वाक्य का एक सार्थक शब्द होता है। इन शब्दों के माध्यम से भाषा में सुदृढ़ता, भावों में गंभीरता आती है। यह शब्द ‘गागर में सागर’ भरने वाली कहावत को चरितार्थ करते हैं।