प्रत्यय किसे कहते हैं? परिभाषा, भेद, प्रत्यय शब्द उदाहरण 50 Pratyay in Hindi

नमस्कार पाठको आज हम इस अध्याय में हिंदी व्याकरण के महत्वपूर्ण टॉपिक प्रत्यय (Pratyay In Hindi) के विषय में अध्ययन करेंगे। तथा प्रत्यय से सम्बंधित सभी प्रश्नो का उत्तर देने का प्रयास किया है जैसे प्रत्यय किसे कहते हैं इसका अर्थ क्या होता हैं। परीक्षा में प्रत्यय और उपसर्ग अथवा उपसर्ग और प्रत्यय से सम्बंधित प्रश्न पूछे जाते हैं।

प्रत्यय किसे कहते हैं? परिभाषा, भेद, प्रत्यय शब्द उदाहरण 50 Pratyay in Hindi

प्रत्यय का अर्थ :-

प्रत्यय– प्रति + अय

(प्रति = साथ में, पर बाद में)

(अय = जुड़ने वाला, चलने वाला)

प्रत्यय किसे कहते हैं?

प्रत्यय की परिभाषा–

वे शब्दांश जो किसी शब्द के अन्त में लगकर उस शब्द के अर्थ में परिवर्तन कर देते हैं, अर्थात् नए अर्थ का बोध कराते हैं, उन्हें प्रत्यय कहते हैं; जैसे–

  • समाज + इक = सामाजिक
  • सुगन्ध + इत = सुगन्धित
  • भूल + अक्कड़ = भुलक्कड़
  • मीठा + आस = मिठास

प्रत्यय की विशेषता :-

•  प्रत्यय शब्दांश होते हैं।

•  इनका कोई स्वतंत्र अर्थ नहीं होता।

•  ये जिस शब्द के साथ लगते हैं, उसके अर्थ को प्रभावित करते हैं।

•  इनमें संधि नियम लागू नहीं होता है।

प्रत्यय के भेद / प्रकार

हिन्दी में प्रत्यय दो प्रकार के होते हैं

1. कृत् प्रत्यय                

2. तद्धित प्रत्यय

1. कृत् प्रत्यय–

जब किसी क्रिया या मूल धातु के साथ प्रत्यय का प्रयोग किया जाए, तो उससे बनने वाला यौगिक शब्द कृदन्त कहलाता है तथा यह प्रत्यय कृत् प्रत्यय कहलाता है।

कृत प्रत्यय 5 प्रकार के होते हैं–    

      (i) कर्तृवाचक    

      (ii) कर्मवाचक

      (iii) करणवाचक

      (iv) भाववाचक

      (v) क्रियाबोधक

(i) कर्तृवाचक–

 जब किसी क्रिया या मूलधातु के साथ प्रत्यय का प्रयोग किया जाए और वह कर्ता के अर्थ का बोध कराए, ‘कर्तृवाचक कृत् प्रत्यय’ कहलाता है; जैसे—

प्रत्ययधातुकृदन्त
 अक्कड़बूझबुझक्कड़
कूदकुदक्कड़
नाचनचक्कड़
 आऊटिकटिकाऊ
चलचलाऊ
उड़ाउड़ाऊ
कामकमाऊ
आकतैरतैराक
पैरपैराक
आकूपढ़पढ़ाकू
ओड़ा वैयाभागभगोड़ा
हँसहँसोड़ा
गागवैया
देदिवैया
एराकमाकमेरा
लूटलुटेरा
ऐतलठलठैत
फेंकफिकैत
ताश्रुश्रोता
दादाता
पालपालन
 हारपालनपालनहार
तारनतारनहार
टूटनटूटनहार
इयाजड़जड़िया
 वालादेदेनेवाला
बोलबोलनेवाला
दिखदिखनेवाला
 अकजातजातक
घातघातक
पालपालक

(ii)   कर्मवाचक– 

जब किसी क्रिया या मूलधातु के साथ प्रत्यय का प्रयोग किया जाए और वह कर्म (को) के अर्थ का बोध कराए, ‘कर्मवाचक कृत् प्रत्यय’ कहलाता है; जैसे— 

प्रत्ययधातुकृदन्त
नाबेलबेलना
कसकसना
घोटघोटना
नीचाटचटनी
सूँघसूँघनी
औनाखेलखिलौना
बिछाबिछौना

(iii) करण वाचक– 

जब किसी क्रिया या मूलधातु के साथ प्रत्यय का प्रयोग किया जाए और वह साधन के अर्थ का बोध कराए अर्थात् करण कारक (से) के अर्थ में प्रयुक्त हो, ‘करणवाचक कृत् प्रत्यय’ कहलाता है; जैसे—

प्रत्ययधातुकृदन्त
जमाजामन
अनढकढक्कन
 नीओटओटनी
धौंकधौंकनी
कतरकतरनी
फूँकफूँकनी
झाड़झाडू
 थैलथैला
मेलमेला
ठेलठेला
फँसाफाँसा
झूलझूला

(iv) भाववाचक प्रत्यय– 

जब किसी क्रिया या मूलधातु के साथ प्रत्यय का प्रयोग किया जाए और वह भाव के अर्थ का बोध कराए, ‘भाववाचक कृत् प्रत्यय’ कहलाता है; जैसे—

प्रत्ययधातुकृदन्त
घेरघेरा
जोड़जोड़ा
खींचखींचा
 अअड़आड़
समझासमझ
चमकचमक
अंतगढ़गढंत
रटरटंत
भिड़भिडंत
 आईपढ़पढ़ाई
दिखदिखाई
पिसपिसाई
कमाकमाई
 आऊटिकटिकाऊ
गिरगिराऊ
जलाजलाऊ
 आनउठउठान
लगलगान
ढलढलान
आपमिलमिलाप
जलजलाप
 आवचढ़चढ़ाव
पड़पड़ाव
घूमघुमाव
चुनचुनाव
आवाछलछलावा
भूलभुलावा
 आवटलिखलिखावट
थकथकावट
दिखादिखावट
आसपीप्यास
 आहटभनभनाभनभनाहट
जगमगाजगमगाहट
गड़गड़ागड़गड़ाहट
मुस्कुरामुस्कुराहट
थकथकावट
धमकधमकी
मरमरी
बोलबोली
औतासमझसमझौता
चुकचुकौता
औतीफिरफिरौती
चुनचुनौती
काटकटौती
औवलमींचमिचौवल
बूझबुझौवल
अकपालपालक
तारतारक
मारमारक
याचयाचक
 अतबचबचत
खपखपत
रंगरंगत
 तीगिनगिनती
चढ़चढ़ती
गिनगिनती
 नचलचलन
कहकहन
उलझउलझन
 नीकरकरनी
मिलमिलनी
बोबोनी

(v) क्रिया बोधक– 

जब किसी क्रिया या मूल धातु के साथ प्रत्यय का प्रयोग किया जाए और वह प्रत्यय भी क्रिया का बोधक हो, क्रियाबोधक कृत् प्रत्यय कहलाता है; जैसे—

प्रत्ययधातुकृदन्त
लिखलिखा
तादौड़दौड़ता
हुएहँसतेहँसते हुए

2. तद्धित प्रत्यय– 

जब किसी संज्ञा, सर्वनाम या विशेषण शब्दों के साथ प्रत्यय का प्रयोग किया जाए तो उससे बनने वाला यौगिक शब्द तद्धितान्त तथा यह प्रत्यय तद्धित प्रत्यय कहलाता है; जैसे—

छात्र + आ = छात्रा

देव + ई = देवी

मीठा + आस = मिठास

अपना + पन = अपनापन

•  तद्धित प्रत्यय 6 प्रकार के होते हैं–

      (i)   कर्तृवाचक तद्धित प्रत्यय

      (ii)  भाववाचक तद्धित प्रत्यय

      (iii) सम्बन्धवाचक तद्धित प्रत्यय

      (iv) अपत्यवाचक/सन्तानबोधक तद्धित प्रत्यय

      (v)  ऊनतावाचक/हीनता/लघुतावाचक तद्धित प्रत्यय

      (vi) स्त्रीबोधक तद्धित प्रत्यय

(i) कर्तृवाचक तद्धित प्रत्यय–

 ​​​​​​​वे प्रत्यय जो किसी संज्ञा, सर्वनाम या विशेषण शब्दों के अंत में जुड़कर कर्ता के अर्थ का बोध कराते हैं, कर्तृवाचक तद्धित प्रत्यय कहलाते हैं; जैसे—

प्रत्ययमूल शब्दतद्धितान्त
आरलोहालुहार
सोनासुनार
गाँवगँवार
आरीपूजापुजारी
भीखभिखारी
 आराहत्याहत्यारा
भाठाभठियारा
बनिजबनिजारा
उआगेरूगेरुआ
खारखारुआ
पारपारुआ
 ईतेलतेली
भेदभेदी
तमोलतमोली
इयाछलछलिया
रसरसिया
आढ़तआढ़तिया
एराघासघसेरा
ठाठठठेरा
ऐतबरछाबरछैत
दंगादंगैत
नातानातैत
 ऊपेटपेटू
गरजगरजू
बाजारबाजारू
चीतोपतोपची
नकलनकलची
दानखानखानदान
पीकपीकदान
दानीगोंदगोंददानी
पीकपीकदानी
बान/वानबागबागवान
मेजमेजबान
कारपेशपेशकार
चर्मचर्मकार
संगीतसंगीतकार
वालागाड़ीगाड़ीवाला
कामकामवाला
एड़ीगांजागंजेड़ी
नशानशेड़ी
हारालकड़ीलकड़हारा
पानीपनिहारा

(ii) भाववाचक तद्धित प्रत्यय– 

वे प्रत्यय जो किसी संज्ञा, सर्वनाम या विशेषण शब्दों के अंत में जुड़कर भाव के अर्थ का बोध कराते हैं, भाववाचक तद्धित प्रत्यय कहलाते हैं; जैसे—

प्रत्ययमूल शब्दतद्धितान्त
 आईठाकुरठकुराई
पण्डितपण्डिताई
चतुरचतुराई
साफसफाई
आकाधमधमाका
सड़सड़ाका
आटाखर्रखर्राटा
फर्रफर्राटा
 आनघमासघमासान
उड़उड़ान
लम्बालम्बान
आवटअमाअमावट
मेह (वर्षा)महावट
आसखट्‌टाखटास
मीठामिठास
आसापुंडपुंडासा
मुँहमुँहासा
आहटकडुवाकडुवाहट
गरमगरमाहट
गृहस्थगृहस्थी
चोरचोरी
किसानकिसानी
दलालदलाली
औतीबापबपौती
काठकठौती
चाहचाहत
रंगरंगत
 ताराईरायता
सुन्दरसुन्दरता
मधुरमधुरता
लघुलघुता
 नीचाँदचाँदनी
पैज(पाँव)पैजनी
नथनथनी
 पनकालाकालापन
बालबालपन
छोटाछुटपन
भोलाभोलापन

(iii) संबंधवाचक तद्धित प्रत्यय– 

वे प्रत्यय जो किसी संज्ञा, सर्वनाम या विशेषण शब्दों के अंत में जुड़कर संबंध के अर्थ का बोध कराते हैं, ‘संबंधवाचक तद्धित प्रत्यय’ कहलाते हैं; जैसे—

प्रत्ययमूल शब्दतद्धितान्त
आलससुरससुराल
ननिहननिहाल
ददिहददिहाल
आलाशिवशिवाला
एरामौसामौसेरा
चाचाचचेरा
फूफाफुफेरा
जाभानभानजा
जीभानभानजी
उलमातमातुल
ओईननदननदोई
बहनबहनोई

(iv) अपत्ययवाचक/सन्तानबोधक तद्धित प्रत्यय– 

वे प्रत्यय जो किसी संज्ञा, सर्वनाम या विशेषण शब्दों के अंत में जुड़कर उत्पन्न होने अर्थात् सन्तान के अर्थ का बोध कराते हैं, ‘अपत्यवाचक /सन्तानबोधक तद्धित प्रत्यय’ कहलाते हैं; जैसे—

प्रत्ययमूल शब्दतद्धितान्त
दितिदैत्य
  अशिवशैव
दनुदानव
मनुमानव
यदुयादव
दशरथदाशरथि (राम)
वल्मीकवाल्मीकि
पर्वतपार्वती
गंधारगांधारी
जह्नुजाह्नवी (गंगा)
इन्द्रऐन्द्री (इन्द्र की पत्नी)
  एयअंजनिआंजनेय
गंगागांगेय (भीष्म)
अतिथिआतिथेय
कुंतीकौंतेय
पुरुषपौरुषेय
आयनकात्यकात्यायन
वत्सिवात्स्यायन
आमहपितृपितामह
मातृमातामह

(v) ऊनता/हीनता/लघुतावाचक तद्धित प्रत्यय– 

वे प्रत्यय जो किसी संज्ञा, सर्वनाम या विशेषण शब्दों के अंत में जुड़कर उनके छोटे रूप का बोध कराते हैं, ‘ऊनता/हीनता/लघुतावाचक तद्धित प्रत्यय’ कहलाते हैं; जैसे—

प्रत्ययमूल शब्दतद्धितान्त
 आकालूकलुआ
बाबूबबुआ
लालूललुआ
ढोलकढोलकी
रस्सारस्सी
प्यालाप्याली
हथौड़ाहथौड़ी
नालानाली
कुआँकुई
 इयाखाटखटिया
आमअमिया
लोटालुटिया
डिब्बाडिबिया
 ओलासाँपसपोला
खाटखटोला
गढ़गढ़ोला
कीकनकनकी
टिमटिमकी
टीगोरीगोरटी
छोरीछोरटी
 ड़ीटांगटंगड़ी
पंखपंखड़ी
 ड़ाचामचमड़ा
मुखमुखड़ा
लंगलंगड़ा
 रीकोठाकोठरी
छाताछतरी
 लीटीकाटीकली
खाजखुजली
ढपढपली
  सालाललाल-सा
उड़ताउड़ता-सा
भराभरा-सा
थोड़ाथोड़ा-सा
छोटाछोटा-सा

(vi) स्त्रीबोधक तद्धित प्रत्यय– 

वे प्रत्यय जो किसी संज्ञा, सर्वनाम या विशेषण शब्दों के अंत में जुड़कर स्त्री जाति का बोध कराते हैं, अर्थात् पुल्लिंग से स्त्रीलिंग शब्दों का निर्माण करते हैं, ‘स्त्रीबोधक तद्धित प्रत्यय’ कहलाते हैं; जैसे—

प्रत्ययमूल शब्दतद्धितान्त
  ईदेवदेवी
घोड़ाघोड़ी
टोकराटोकरी
बेटाबेटी
लड़कालड़की
  इननागनागिन
साँपसाँपिन
पड़ोसीपड़ोसिन
मालिकमालकिन
बाघबाघिन
तेलीतेलिन
 आसुतसुता
छात्रछात्रा
प्रियप्रिया
अनुजअनुजा
  नीमोरमोरनी
ऊँटऊँटनी
नटनटनी
शेरशेरनी
आनीदेवरदेवरानी
सेठसेठानी
इयाबंदरबंदरिया
कुत्ताकुतिया

प्रत्यय के विशेष नियम–

1.  यदि किसी शब्द के अंत में ‘व’ हो और उत्पन्न होने या उससे जुड़े होने का बोध कराएँ, तो वहाँ ‘अ’ प्रत्यय होता है; जैसे—

प्रत्ययमूल शब्दनिर्मित शब्द
 अविभुवैभव
रघुराघव
शिवशैव
दनुदानव

2.  यदि किसी शब्द के अंत में ‘य’ हो और उससे पहले आधा वर्ण हो तो वहाँ ‘य’ प्रत्यय होता है; जैसे—

प्रत्ययमूल शब्दनिर्मित शब्द
  यएकऐक्य
दितिदैत्य
अदितिआदित्य
पृथक्पार्थक्य
स्वस्थस्वास्थ्य

3.  यदि किसी शब्द के अंत में ‘य’ हो और उससे (य) पहले आधा वर्ण नहीं हो तो ‘य’ से तुरंत पहले आने वाले स्वर को मिलाकर प्रत्यय बना दिया जाता है; जैसे—

प्रत्ययमूल शब्दनिर्मित शब्द
एयराधाराधेय
कुंतीकौंतेय
ईयशासकशासकीय
नरकनारकीय

•  विशेष– यदि किसी शब्द के अंत में ‘य’ हो और उससे पहले आधा वर्ण हो या नहीं हो लेकिन ‘तव्य’ या ‘अनीय’ की ध्वनि आ रही हो तो वहाँ ‘य’ या ‘ईय’ प्रत्यय न होकर ‘तव्य’ या ‘अनीय’ प्रत्यय होता है; जैसे—

प्रत्ययमूल शब्दनिर्मित शब्द
तव्यकृ/करकर्तव्य
अनीयवंदवंदनीय

4.  यदि किसी शब्द के अंत में ‘अ, इ, ई, य, एय, इक, अयन या आयन’ प्रत्यय जुड़े हों, तो शब्द के प्रारंभ में आने वाले स्वर में निम्नानुसार परिवर्तन हो जाता है—

      (i) शब्द के प्रारंभ में आने वाले स्वर ‘अ’ का ‘आ’ हो जाता है; जैसे—

प्रत्ययमूल शब्दनिर्मित शब्द
मनुमानव
 रघुराघव
 वसुदेववासुदेव
 मगधमागध
आयनवत्स्यवात्स्यायन
वल्मीकवाल्मीकि
 दशरथदाशरथि
अदितिआदित्य
जनकजानकी
 पर्वतपार्वती
मधुरमाधुर्य
 स्वस्थस्वास्थ्य
इकसमाजसामाजिक
 शरीरशारीरिक
 व्यवसायव्यावसायिक
एयगंगागांगेय
 अंजनिआंजनेय

(ii) शब्द के प्रारंभ में आने वाले स्वर ‘इ/ई/ए’ का ‘ऐ’ हो जाता है; जैसे—

प्रत्ययमूल शब्दनिर्मित शब्द
इंद्रऐंद्री
विष्णुवैष्णव
शिवशैव
विदेहवैदेही
इकविज्ञानवैज्ञानिक
निरन्तरनैरन्तर्य
ईश्वरऐश्वर्य
इकनीतिनैतिक
विभुवैभव
इकविचारवैचारिक
एकऐक्य
इकवेदवैदिक
केकेयकैकेयी

(iii)  शब्द के प्रारंभ में आने वाले स्वर ‘उ/ऊ/ओ’ का ‘औ’ हो जाता है; जैसे—

प्रत्ययमूल शब्दनिर्मित शब्द
इकउद्योगऔद्योगिक
इकउपचारऔपचारिक
कुशलकौशल
कुमारकौमार्य
उदारऔदार्य
एयकुंतीकौंतेय
सुन्दरसौन्दर्य
इकभूतभौतिक
इकमूलमौलिक
इकलोकलौकिक
इकयोगयौगिक
इकउपनिवेशऔपनिवेशिक

(iv) शब्द के प्रारंभ में आने वाले स्वर ‘ऋ’ का ‘आर्’ हो जाता है; जैसे—

पृथा + अ¯ऋ¯आर् पार्थगृहस्थ + य¯ऋ¯आर्गार्हस्थ्यपृथक + य¯ऋ¯आर् पार्थक्य

उर्दू के प्रत्यय के उदाहरण

•  हिन्दी की उदारता के कारण उर्दू के कतिपय प्रत्यय हिन्दी में भी प्रयुक्त होने लगे हैं; जैसे—

•  गर            –          जादूगर, बाजीगर, कारीगर, सौदागर

•  ची             –          अफीमची, तबलची, तोपची

•  नाक          –          शर्मनाक, दर्दनाक

•   दार         –          दुकानदार, मालदार, हिस्सेदार, थानेदार

•  आबाद      –          अहमदाबाद, इलाहाबाद, हैदराबाद

•  इन्दा          –          परिन्दा, बाशिन्दा, शर्मिन्दा, चुनिन्दा

•  इश           –          फरमाइश, पैदाइश, रंजिश

•  इस्तान       –          कब्रिस्तान, तुर्किस्तान, अफगानिस्तान

•  खोर          –          हरामखोर, घूसखोर, जमाखोर, रिश्वतखोर

•  गाह           –          ईदगाह, बंदरगाह, दरगाह, आरामगाह

•  गार           –          मददगार, यादगार, रोजगार, गुनाहगार

•  गीर           –          राहगीर, जहाँगीर

•  गी             –          दीवानगी, ताजगी, सादगी

•  गीरी          –          कुलीगीरी, मुंशीगीरी

•  नवीस        –          नक्शानवीस, अर्जीनवीस

•  नामा         –          अकबरनामा, सुलहनामा, इकरारनामा

•  बन्द          –          हथियारबन्द, नजरबन्द, मोहरबन्द

•  मन्द          –          अकलमन्द, जरूरतमन्द, एहसानमन्द

•  साज         –          जिल्दसाज, घड़ीसाज, जालसाज


Pratyay Faq

प्रत्यय का अर्थ क्या हैं?

प्रति + अय
(प्रति = साथ में, पर बाद में)
(अय = जुड़ने वाला, चलने वाला)

प्रत्यय क्या है?

वे शब्दांश जो किसी शब्द के अन्त में लगकर उस शब्द के अर्थ में परिवर्तन कर देते हैं, अर्थात् नए अर्थ का बोध कराते हैं, उन्हें प्रत्यय कहते हैं

प्रत्यय के कितने भेद होते हैं?

2

प्रत्यय कितने प्रकार के होते हैं?

2

प्रत्यय किसे कहते है?

वे शब्दांश जो किसी शब्द के अन्त में लगकर उस शब्द के अर्थ में परिवर्तन कर देते हैं, अर्थात् नए अर्थ का बोध कराते हैं, उन्हें प्रत्यय कहते हैं

pratyay kise kahate hain?

वे शब्दांश जो किसी शब्द के अन्त में लगकर उस शब्द के अर्थ में परिवर्तन कर देते हैं, अर्थात् नए अर्थ का बोध कराते हैं, उन्हें प्रत्यय कहते हैं

pratyay ki paribhasha?

किसी शब्द के अन्त में लगकर उस शब्द के अर्थ में परिवर्तन कर देते हैं, अर्थात् नए अर्थ का बोध कराते हैं, उन्हें प्रत्यय कहते हैं


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प्रत्यय के उदाहरण

Q.1
‘वाल्मीकि’ शब्द में प्रत्यय व मूल शब्द हैं –

1
वाल्मिकी + इ

2
वाल्मिक + ई

3
वल्मीक + इ

4
उपर्युक्त में से कोई नहीं

Solution
वल्मीक + इ = वाल्मीकि (प्रत्यय = इ) से बना शब्द है।
इसमें अपत्यवाचक/सन्तानबोधक तद्धित प्रत्यय है।
अपत्यवाचक/सन्तानबोधक तद्धित प्रत्यय – जिन प्रत्ययों के योग से किसी कुल/वंश/संतानसूचक शब्दों का निर्माण होता है, अपत्यवाचक/ सन्तानसूचक तद्धित प्रत्यय कहते हैं।
जैसे – दाशरथि, राधेय आदि।

Q.2
बुद्धिमान शब्द में प्रत्यय है-

1
धिमान

2
आन

3
मान

4

Solution
बुद्धि + मान = बुद्धिमान

प्रत्यय ‘मान’ से बना शब्द है।
गुणवाचक / संबंधवाचक तद्धित प्रत्यय:- इन प्रत्ययों के लगने से संबंध वाचक शब्दों की रचना होती है; जैसे – भारत + ईय = भारतीय, कठिन + तर = कठिनतर

Q.3
‘पुराण’ में ‘इक’ प्रत्यय लगने पर सही शब्द रूप होगा –

1
पुराणिक

2
पौराणिक

3
पुराणक

4
पोराणिक

Solution
पुराण + इक = पौराणिक

‘इक’ प्रत्यय से बना शब्द है।
इक प्रत्यय का नियम:- इक प्रत्यय जिस शब्द के साथ जुडे़गा उस शब्द के प्रथम वर्ण में स्वर की मात्रा में परिवर्तन हो जाएगा।
जैसे – समाज + इक = सामाजिक
अर्थ + इक = आर्थिक
इतिहास + इक = ऐतिहासिक
भूत + इक = भौतिक

Q.4
निम्नलिखित में से किस विकल्प में कृत प्रत्यय से बने शब्द हैं?

1
तेली, मिठास

2
घबराहट, कौन्तेय

3
कारक, भगोड़ा

4
बचत, छात्रा

Solution
कार (कृ) + अक = कारक

भाग (ना) + ओड़ा = भगोड़ा

कर्तृवाचक प्रत्यय के उदाहरण है।

कर्तृवाचक प्रत्यय – वे प्रत्यय जो धातुओं अर्थात् क्रिया पद के मूल रूप के साथ लगाकर नए शब्द के निर्माण करते हैं, कृदन्त या कृत प्रत्यय कहलाते हैं।

विशेष :- हिन्दी क्रियाओं में अन्तिम वर्ण ‘ना’ का लोप कर शेष शब्द के साथ प्रत्यय का योग किया जाता है।

कृदन्त या कृत प्रत्यय पाँच प्रकार के होते हैं-
(a) कर्तृवाचक
(b) कर्मवाचक
(c) करणवाचक
(d) भाववाचक
(e) क्रिया बोधक

Q.5
‘व्यथित’शब्द में प्रत्यय है-

1
त्

2
ईत

3
इत

4

Solution
व्यथा + इत = व्यथित प्रत्यय ‘इत’ से बना शब्द है।

Q.6
‘जरूरतमन्द’ शब्द में प्रत्यय है –

1

2
न्द

3
मन्द

4
उपर्युक्त में से कोई नहीं

Solution
जरूरत + मन्द = जरूरतमन्द

प्रत्यय ‘मन्द’ से बना शब्द है।

Q.7
‘अफीमची’ में प्रत्यय है –

1
ची

2

3
मची

4

Solution
अफीम + ची = अफीमची

प्रत्यय ‘ची’ से बना शब्द है।
‘ची’ प्रत्यय से बनने वाले अन्य शब्द- तोपची, नकलची, बावर्ची।

Q.11
किस शब्द में ‘एय’ Pratyay का प्रयोग हुआ है-

1
गार्हस्थ्य

2
कात्याय

3
आंजनेय

4
शौर्य

Solution
अंजनि + एय = आंजनेय

Pratyay ‘एय’ से बना शब्द है।

Q.12
किस शब्द में तद्धित Pratyay का प्रयोग हुआ है?

1
गुणवान

2
वाचक

3
घबराहट

4
लड़ाई

Solution

गुण + वान = गुणवान (कर्तृवाचक तद्धित Pratyay)

कर्तृवाचक तद्धित Pratyay – वे Pratyay जो किसी संज्ञा, सर्वनाम या विशेषण शब्द के साथ जुड़कर कर्तावाचक शब्द का निर्माण करते हैं।

Q.13
किस शब्द में Pratyay का सही प्रयोग नहीं हुआ है?

1
हनुमान

2
गुणवान

3
शक्तिवान

4
बुद्धिमान

Solution
शक्तिवान शब्द में Pratyay का सही प्रयोग नहीं हुआ है। शक्तिवान की अपेक्षा शक्तिमान शुद्ध रूप है।

हनु + मान = हनुमान, गुण + वान = गुणवान, बुद्धि + मान = बुद्धिमान

Q.14
लेखिका शब्द में Pratyay है-

1
अका

2
अक

3
इका

4
का

Solution
लेख + इका = लेखिका

Q.15
‘कौन्तेय’ शब्द में Pratyay है –

1
एय

2
ईय

3

4
उपर्युक्त में से कोई नहीं

Solution
कुंती + एय = कौन्तेय

Pratyay ‘एय’ से बना शब्द है।

प्रथम स्वर उ / ऊ / ओ होने पर ‘औ’ में बदल जाता है।

Q.16
आदित्य शब्द में Pratyay है-

1

2
इत्य

3

4
त्य

Solution
अदिति + य = आदित्य

Pratyay ‘य’ से बना शब्द है।

किसी शब्द के अन्त में ‘य’ लिखा हुआ हो तथा ‘य’ से ठीक पहले कोई सर्व रहित (हलन्त) हो, वहाँ ‘य’ Pratyay होगा।

Q.17
‘परिन्दा’ शब्द में Pratyay है-

1
इंदा

2
दा

3
इन

4

Solution
परि + इन्दा = परिन्दा शब्द Pratyay ‘इन्दा’ से बना शब्द है।

Q.18
‘घुमाव’ शब्द में कौन-सा Pratyay है?

1
आव

2
अव

3
आवा

4
अवा

Solution
‘घुमाव’ शब्द Pratyay ‘आव’ से बना है। इसमें – कृत/कृदन्त Pratyay है।
कृत्/कृदन्त Pratyay – वे शब्दांश, जो किसी क्रिया या मूलधातु के अंत में जुड़कर किसी यौगिक शब्द का निर्माण करते हैं। कृत्/कृदन्त Pratyay कहलाते हैं; जैसे – लड़ाई, खिलाड़ी आदि।

Q.19
‘अड़ियल’ में कौन-सा Pratyay है?

1
इत

2
इया

3
इयल

4
ईला

Solution
अड़ + इयल = अड़ियल (Pratyay – इयल) इसमें कर्तृवाचक कृदंत Pratyay है। ‘इयल’ Pratyay से बने अन्य शब्द – मरियल, सड़ियल आदि।

Q.20
‘शिक्षक’ शब्द में मूल शब्द व Pratyay छाँटिए-

1
शिक्षा + अक

2
शिक्षा + इक

3
शिक्षक + अक

4
शिक्षा + आक

Solution
‘शिक्षक’ शब्द में मूल शब्द = शिक्षा तथा Pratyay = अक = शिक्षक

Q.21
‘ल’ Pratyay से नहीं बना शब्द है-

1
एकल

2
अमल

3
नवल

4
युगल

Solution
अमल = अ + मल = अमल ‘ल’ Pratyay से नहीं बना शब्द है।
नव + ल = नवल
एक + ल = एकल
युग + ल = युगल
ये सभी Pratyay ‘ल’ से बने हुए शब्द है।

Q.22
‘आ’ Pratyay से बना शब्द है-

1
आत्मजा

2
भवदीया

3
महोदया

4
उपर्युक्त सभी

Solution
निम्न सभी Pratyay ‘आ’ से बने हुए शब्द हैं-
आत्म+आ
भवदीय+आ
महोदय + आ

Q.23
‘अ’ प्रत्यय से बने शब्द है-

1
शैव

2
लाभ

3
राम

4
उपर्युक्त सभी

Solution
शिव + अ = शैव
लभ + अ = लाभ
रम + अ = राम
ये सभी प्रत्यय ‘अ’ से बने हुए शब्द हैं।
‘अ’ प्रत्यय से बने अन्य शब्द – लाघव, दानव आदि।

Q.24
‘एय’ प्रत्यय से बना शब्द है-

1
गांगेय

2
आग्नेय

3
आतिथेय

4
उपर्युक्त सभी

Solution
गांगेय, आग्नेय, आतिथेय, तीनों प्रत्यय एय से बने शब्द हैं।
अपत्यवाचक/सन्तानबोधक तद्धित प्रत्यय – जिन प्रत्ययों के योग से किसी कुल/वंश/संतानसूचक शब्दों का निर्माण होता है, अपत्यवाचक/ सन्तानसूचक तद्धित प्रत्यय कहते हैं।

Q.25
निम्नलिखित में से कौन-सा शब्द कर्तृवाचक कृदंत Pratyay से बना है?

1
कृपालु

2
बिकाऊ

3
दुधारू

4
रंगीला

Solution

  • बिकना + आऊ = बिकाऊ (Pratyay – आऊ) इसमें कर्तृवाचक कृदंत Pratyay है।
  • कृपालु = कृपा + आलु = कर्तृवाचक तद्धित Pratyay
  • दुधारू = दूध + आऊ = कर्तृवाचक तद्धित Pratyay
  • रंगीला = रंग + ईला = कर्तृवाचक तद्धित Pratyay

Q.26
‘पुत्री’ शब्द में Pratyay हैं-

1
संतान वाचक तद्धित Pratyay

2
ऊनता वाचक तद्धित Pratyay

3
संबंध वाचक तद्धित Pratyay

4
स्त्री वाचक तद्धित Pratyay

Solution
स्त्रीवाचक तद्धित Pratyay – वे Pratyay जो संज्ञा, सर्वनाम या विशेषण के साथ लगकर स्त्रीलिंग का बोध कराते हैं।

पुत्र + ई = पुत्री इसमें मूल शब्द ‘पुत्र’ व Pratyay ‘ई’ है।

मूल शब्द में क्रिया न हो।

Pratyay लगने के बाद स्त्री वाचक शब्द बन जाए।

Q.27
भाववाचक कृत Pratyay किस शब्द में है?

1
पढ़ाई

2
लड़ाई

3
प्यास

4
ये सभी

Solution
पढ़ना + आई = पढ़ाई

लड़ना + आई = लड़ाई

पीना + आस = प्यास

यें सभी शब्द भाववाचक कृत Pratyay के है।

मूल शब्द में क्रिया।

Q.28
निम्नलिखित में से किस शब्द में स्त्री वाचक तद्धित Pratyay है-

1
जेठानी

2
सेठानी

3
बकरी

4
ये सभी

Solution
जेठ + आनी = जेठानी
सेठ + आनी = सेठनी
बकरा + ई = बकरी

इन सभी शब्दों में स्त्री वाचक तद्धित Pratyay है।

मूल शब्द में क्रिया न हो।

Q.29
‘शौर्य’ में Pratyay व मूल शब्द है-

1
सुर + या

2
शुर + अ

3
शुर + आ

4
शूर + य

Solution

शूर + य = शौर्य इसमें मूल शब्द ‘शूर’ व Pratyay ‘य’ है।

Q.30
‘इया Pratyay से बना शब्द है-

1
जड़िया

2
कटैया

3
बचैया

4
बजैया

Solution
‘जड़िया’ Pratyay – ‘इया’ से बना शब्द है।
कटैया, बचैया, बजैया – उपसर्ग ‘ ऐया ‘ से बने शब्द है।

Q.31
‘ई’ Pratyay से नहीं बना शब्द है-

1
गान्धारी

2
जाह्नवी (गंगा)

3
वाल्मीकि

4
वैदेही (सीता)

Solution
‘वाल्मीकि’ ‘Pratyay’ ‘इ’ से बना शब्द है।
गान्धारी, जाह्नवी (गंगा), वैदेही (सीता) Pratyay ई से बने शब्द हैं।

Q.32
निम्नलिखित में से कौन – सा विकल्प गलत है?

1
ठकुर+आईन= ठाकुराइन

2
कुमुद+इनी= कुमुदिनी

3
देवर+आनी = देवरानी

4
चमार+इन = चमारिन

Solution
ठकुर+आइन= ठाकुराइन Pratyay- आइन) से बना शब्द है।
कुमुद+इनी= कुमुदिनी (Pratyay- इनी) से बना शब्द है।
देवर+आनी = देवरानी (Pratyay- आनी) से बना शब्द है।
चमार+इन = चमारिन (Pratyay- इन) से बना शब्द है।

Q.33
‘नमकीन’ शब्द में कौन-सा Pratyay है?

1
ईन

2
इन

3

4

Solution
नमक+ईन= नमकीन Pratyay ‘ईन’ से बना शब्द है।(c) जनरल मैनेजर (d) स्कूल

Q.34
किस विकल्प में सभी भाववाचक तद्धित Pratyay है?

1
भिखारी, पुजारी

2
चलते हुए, पढ़ते हुए

3
अपनत्व, जवानी

4
कतरनी, बेलन

Solution
अपना + त्व = अपनत्व
जवान + ई = जवानी
भाववाचक तद्धित Pratyay है।
भाववाचक तद्धित Pratyay – जब किसी संज्ञा, सर्वनाम या विशेषण के साथ Pratyay का प्रयोग किया जाए और वह भाव के अर्थ का बोध कराए, भाववाचक तद्धित Pratyay कहलाता है; जैसे – बचपन, चतुराई आदि।

Q.35
‘आल’ Pratyay से बना शब्द है –

1
ससुराल

2
रंगीला

3
चचेरा

4
उपर्युक्त सभी

Solution
ससुर + आल = ससुराल
रंग + ईला = रंगीला
चाचा + एरा = चचेरा
ये सभी संबंधवाचक तद्धित Pratyay हैं।
संबंधवाचक तद्धित Pratyay – जब किसी संज्ञा/सर्वनाम/विशेषण के साथ Pratyay का प्रयोग किया जाए और वह संबंध के अर्थ का बोध कराए, संबंधवाचक तद्धित Pratyay कहलाता है; जैसे – भानजा, ममेरा आदि।

Q.36
‘अ’ Pratyay से बना शब्द है –

1
मानव

2
दानव

3
शैव

4
उपर्युक्त सभी

Solution
मनु + अ = मानव
दनु + अ = दानव
शिव + अ = शैव
उपर्युक्त तीनों शब्द उपसर्ग ‘अ’ से बने हुए हैं।
यदि किसी शब्द के अंत में ‘व’ हो और उत्पन्न होने के अर्थ का बोध कराए, तो वहाँ ‘अ’ Pratyay होता है; जैसे – बांधव, भार्गव आदि।

Q.37
‘आस’ Pratyay से बना शब्द है-

1
मिठास

2
प्यास

3
खट्टास

4
उपर्युक्त सभी

Solution
ये तीनों शब्द Pratyay ‘आस’ से बने बने हुए शब्द हैं।
भाववाचक तद्धित Pratyay – जब किसी संज्ञा, सर्वनाम या विशेषण के साथ Pratyay का प्रयोग किया जाए और वह भाव के अर्थ का बोध कराए, भाववाचक तद्धित Pratyay कहलाता है; जैसे – बचपन, चतुराई आदि।

Q.38
‘कर्तृवाचक’ Pratyay है:-

1
मुर्खता

2
कायरता

3
सुंदरता

4
भुलक्कड़

Solution
भूलना + अक्कड़ = भुलक्कड़- ‘कृत’ Pratyay से बना शब्द भुलक्कड़ हैं।
कृत्/कृदन्त Pratyay – वे शब्दांश, जो किसी क्रिया या मूलधातु के अंत में जुड़कर किसी यौगिक शब्द का निर्माण करते हैं। कृत्/कृदन्त Pratyay कहलाते हैं; जैसे – लड़ाई, खिलाड़ी आदि।

Q.39
Pratyay लगाते समय ध्यान रखने योग्य बातें हैं-

1
अंतिम मात्रा हटाकर

2
क्रिया का ‘ना’ हटाकर

3
अंतिम मात्रा उ हो तो हटाए नहीं संधि जैसा करे

4
(1) (3)

5
ये सभी

Solution
Pratyay लगाते समय इन सभीं बातों का विशेष ध्यान रखा जाता हैं।

Q.40
निम्न में से किस शब्द में ‘कृत’ Pratyay का प्रयोग हुआ है-

1
सजावट

2
छुटपन

3
पनिहारा

4
सुन्दरता

Solution
सज + आवट = सजावट (कृत् Pratyay) में भाववाचक Pratyay है।

भाववाचक Pratyay – वे Pratyay जो क्रिया से भाववाचक संज्ञा का निर्माण करते हैं।

Q.41
‘अयन’ Pratyay से बना शब्द है-

1
दांड्यायन

2
वात्स्यायन

3
रामायण

4
सांस्कृत्यायन

Solution
राम + अयन = रामायण

जो ‘अयन’ Pratyay से बना शब्द है।

‘अयन’ Pratyay से बने अन्य शब्द = नारायण, अन्वयन।

दाडत्यायन, वात्स्यायन व सास्कृत्यायन तीनों शब्द Pratyay ‘आयन’ से बने है।

Q.42
किस शब्द में ‘य’ Pratyay का प्रयोग हुआ है?

1
आग्नेय

2
गांगेय

3
कौन्तेय

4
ऐश्वर्य

Solution
ईश्वर + य = ऐश्वर्य Pratyay ‘य’ से बना शब्द है।

‘य’ Pratyay का नियम:- ‘य’ Pratyay जिस शब्द के साथ जुड़ेगा। उस शब्द के प्रथम वर्ण में स्वर की मात्रा बड़ी हो जाएगी तथा अंतिम वर्ण में स्वर हट जाएगा।
जैसे- ललित + य = लालित्य
स्वस्थ + य = स्वास्थ्य

अग्नि + एय = आग्नेय

गंगा + एय = गांगेय

कुंती + एय = कौन्तेय

तीनों उपसर्ग ‘एय’ से बने शब्द है।

Q.43
किस शब्द में ‘इक’ Pratyay का सही प्रयोग नहीं हुआ है?

1
ऐतिहासिक

2
वर्णिक

3
औद्योगिक

4
वार्षिक

Solution
वर्णिक शब्द में ‘इक’ Pratyay का प्रयोग नहीं हुआ है।
‘इक’ Pratyay का नियम:- ‘इक’ Pratyay जिस शब्द के साथ जुडे़गा उस शब्द के प्रथम वर्ण में स्वर की मात्रा में परिवर्तन हो जाएगा।

इतिहास + इक = ऐतिहासिक

उद्योग + इक = औद्योगिक

वर्ष + इक = वार्षिक

उपर्युक्त तीनों उपसर्ग ‘इक’ से बने शब्द हैं।

Q.44
निम्न में स्त्रीबोधक Pratyay नहीं माना जा सकता है-

1
आनी

2
उक

Solution
‘उक’ Pratyay स्त्रीबोधक Pratyay न होकर संबंध वाचक तद्धित Pratyay है।- आनी, आइन, इका स्त्रीबोधक तद्धित Pratyay हैं।

Q.45
निम्न में से ‘ऊनतावाचक’ Pratyay का उदाहरण है-

1
पत्रिका

2
रामायण

3
दानव

4
देवी

Solution

पत्र + इका = पत्रिका

Pratyay ‘इका’ से बना शब्द है जो ऊनतावाचक Pratyay का उदारहण है।

ऊनतावाचक – संज्ञा, सर्वनाम या विशेषण के साथ प्रयुक्त होकर ये उनके लघुता सूचक शब्दों का निर्माण करते हैं।

Q.46
निम्न में से कृदन्त Pratyay है-

1
लेखक

2
मालदार

3
तेली

4
लुहार

Solution

लेख + अक = लेखक Pratyay ‘अक’ से बना शब्द है।

कृदन्त Pratyay – वे Pratyay जो धातुओं अर्थात् क्रिया पद के मूल रूप के साथ लगकर नए शब्द का निर्माण करते हैं, कृदन्त या कृत Pratyay कहलाते हैं।

Q.47
‘ऐक्य’ शब्द में Pratyay है-

1
एक

2
ईय

3

4
इक

Solution
एक + य = ऐक्य

Q.48
‘आग्नेय’ शब्द में Pratyay है –

1
ईय

2
एय

3
ऐय

4
इय

Solution
अग्नि + एय = आग्नेय

Q.49
‘स्वास्थ्य’ शब्द में Pratyay है –

1

2

Q.50
‘दानव’ शब्द में प्रत्यय है –

1

2
नव

3
अव

4

Solution
दनु + अ = दानव- प्रत्यय ‘अ’ से बना शब्द है।

  • अपत्यवाचक/सन्तानबोधक तद्धित प्रत्यय – जिन प्रत्ययों के योग से किसी कुल/वंश/संतानसूचक शब्दों का निर्माण होता है, अपत्यवाचक/ सन्तानसूचक तद्धित प्रत्यय कहते हैं; जैसे – दाशरथि, राधेय, मानव = मनु + अ आदि।

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