तत्सम, तद्भव और अर्द्धतत्सम शब्द किसे कहते हैं? (Tatsam Shabd & Tadbhav)

नमस्कार पाठको, आज हम हिंदी व्याकरण के महत्वपूर्ण टॉपिक तत्सम और तद्भव शब्द (Tatsam Shabd & Tadbhav) के बारे में अध्ययन करेंगे। इस अध्ययन के दौरान हम विभिन बिन्दुओ पर गौर करेंगे जैसे तत्सम, तद्भव और अर्द्धतत्सम शब्द किसे कहते हैं? यहां पर आपको तत्सम और तद्भव शब्द से सम्बंधित विभिन प्रश्नो के जवाब देने का प्रयास किया गया है।

परीक्षा की दृष्टि से यदि बात करे तो हम आपको यह बता दे की यह अध्याय बहुत ही अधिक महत्वपूर्ण है। किसी भी भर्ती परीक्षा का पेपर आप देख लीजिये आपको इस अध्याय यानि तत्सम शब्द और तद्भव शब्द में से बहुत से प्रश्न देखने को मिल जायेंगे। जिन्हे आप यदि अच्छे से अध्ययन कर ले तो आप आसानी से किसी भी प्रश्न पत्र में अच्छे अंक प्राप्त कर सकते हैं। तो आइयें शुरू करते हैं आज का विशेष अध्ययन।

तत्सम, तद्भव और अर्द्धतत्सम शब्द किसे कहते हैं? (Tatsam Shabd & Tadbhav)

तत्सम शब्द किसे कहते हैं?

‘तत्’ तथा ‘सम’ के मेल से तत्सम शब्द बना है। ‘तत्’ का अर्थ होता है-‘उसके’ तथा ‘सम’ का अर्थ है ‘समान’ ।
अर्थात् उसके समान, ज्यों का त्यों। अतः किसी भाषा में प्रयुक्त उसकी मूल भाषा के शब्द जब ज्यों के त्यों प्रयुक्त होते हैं, तत्सम शब्द कहलाते हैं।

तत्सम शब्द की परिभाषा :-

“हिन्दी की मूल भाषा संस्कृत है, अतः संस्कृत भाषा के जो शब्द हिन्दी भाषा में अपरिवर्तित रूप में ज्यों के त्यों प्रयुक्त हो रहे हैं,
हिन्दी भाषा के तत्सम शब्द कहलाते हैं।”


जैसे- अग्नि, आम्र, कर्ण, दुग्ध, कर्म, कृष्ण।

  • वे शब्द भी हिन्दी में तत्सम शब्दों की श्रेणी में आते हैं जिन्हें आज की आवश्यकतानुसार संस्कृत शब्दों में
    संस्कृत के ही उपसर्ग या प्रत्यय लगाकर बना लिए गये हैं,
  • जैसे-क्रय शक्ति, आयुक्त, प्रौद्योगिकी, उत्पादनशील, आकाशवाणी, दूरदर्शन।
  • साथ ही कुछ ऐसे शब्द भी हिन्दी में तत्सम शब्द कहलाते हैं जिन्हें संस्कृत भाषा के प्रचलन काल में ही विदेशी भाषाओं या
    अन्य स्रोतों से लेकर संस्कृत ने अपना लिया फिर संस्कृत से हिन्दी में भी आ गये।
    जैसे-दीनार, सिन्दूर, मुद्रा, मर्कट, रात्रि, केन्द्र, यवन, तांबूल, तीर, असुर, पुष्प, नीर, गण, गंगा, कदली आदि।

तद्भव शब्द किसे कहते हैं?

‘तद्भव’ शब्द ‘तत्’ तथा ‘भव’ के मेल से बना है। ‘तत्’ का अर्थ है ‘उससे’ तथा ‘भव’ का अर्थ है ‘उत्पन्न’।
अर्थात् ‘उससे उत्पन्न।’ यहाँ ‘उससे’ शब्द संस्कृत’ के लिए प्रयुक्त हुआ है।

हिन्दी भाषा के वे शब्द जो सीधे संस्कृत से ज्यों के त्यों नहीं लिए गये बल्कि वे शब्द जो संस्कृत से पालि, पालि से प्राकृत, प्राकृत से अपभ्रंश तथा अपभ्रंश से पुरानी हिन्दी से होते हुए घिस-पिटकर परिवर्तित रूप में हिन्दी में प्रयुक्त हो रहे हैं, हिन्दी के तद्भव शब्द कहलाते हैं। जैसे संस्कृत के पितृ से पिता, मातृ से माता, अग्नि से आग, आम्र से आम, गोधूम से गेहूँ रूप में परिवर्तित होकर हिन्दी में प्रयुक्त हो रहे हैं।

1. यदि किसी शब्द में अनुनासिक (चन्द्रविन्दु) का प्रयोग होता है तो वह प्रायः तद्भव शब्द माना जाता है। 2. ड़ व ढ़ वर्ण का प्रयोग भी सदैव तद्भव शब्द में ही होता है।


अर्धतत्सम शब्द किसे कहते हैं?

हिन्दी भाषा के वे तद्भव शब्द जो सीधे संस्कृत से पुरानी हिन्दी के समय में आकर परिवर्तित हो गये; हिन्दी के अर्द्ध तत्सम शब्द कहलाते हैं । अर्थात् वे शब्द जो संस्कृत के अपने मूल रूप से थोड़े से विकृत रूप में हिन्दी में अपनाये गये हैं, ध्यान से देखने पर ये संस्कृत (तत्सम) रूप का स्पष्ट आभास कराते हैं। डॉ. ग्रियर्सन एवं डॉ. चटर्जी संस्कृत के उन शब्दों को अर्द्ध तत्सम शब्द मानते हैं जो उच्चारण की अशुद्धता या असावधानी के कारण किंचित परिवर्तित हो गये।

तत्सम और तद्भव शब्दों के उदाहरण

यहां पर आपको तत्सम और तद्भव शब्द के उदाहरण दिए जा रहे है जिनका अध्ययन करके आप अपने ज्ञान को और अधिक बढ़ा सकते हैं। अधिक से अधिक प्रयास के माध्यम से आप इस अध्याय से सम्बंधित सभी प्रश्न बहुत अच्छे से हल कर पाएंगे और आपके सारे भर्ती परीक्षाओ में अच्छे अंक होंगे।

तत्समतद्‌भव
एकादशग्यारह
द‌्वादशबारह
त्रयोदशतेरह
चतुर्दशचौदह
पंचदशपंद्रह
षोडशसोलह
सप्तदशसत्रह
अष्टादशअठारह
ऊनविंशतिउन्नीस
विंशतिबीस
त्रिंशत्तीस
चत्वारिंशत्चालीस
पंचाशत्पचास
षष्टिसाठ
सप्ततिसत्तर
अशीतिअस्सी
नवतिनब्बे
शत्सौ
लक्षलाख
दशलक्षदस लाख
कोटिकरोड़
दशकोटिदस करोड़
अर्बुदअरब
खर्वखरब
शून्यसूना
पादपाव
अद्‌‌र्धतृतीयढ़ाई
अद्‌र्धआधा
त्रिभागिकतिहाई
पादोनपौन
चतुर्थिकचौथाई
सपादसवा
साद्‌र्धसाढ़े
द‌्वयद्‌र्धडेढ़
अद‌्यआज
पर:श्वस्परसों
सवेलासबेरे
झटतिझट
परंपर
नीचैस्नीचे
उच्चैस्उच्चा
कर्तनकाटना
क्षोदखोदना
गणनगिनना
चर्वणचबाना
स्नाननहाना
निगरणनिगलना
लुंचननोचना
प्रसारणफहराना
उपरिऊपर
पृष्ठेपीछे
अपरऔर
अच्छ:अच्छा
परिधानपहनना
पृच्छणपूछना
वंटनबाँटना
वर्षणबरसना
विक्रयणबिकना
कल्यकल
अतरसों:तरसों
त्वरिततुरंत
अपिभी
नित्यनित
सार्धम्साथ
बहुत्वबहुत
खादनखाना
गलनगलना
गुंजनगूँजना
चुंबनचूमना
लंघनलाँघना
निर्वाहननिबाहना
पतनपड़ना
स्फाटनफाड़ना
विच्बीच
अवारओर
पार्श्व:पास
तुरतेतुरंत
प्रापणपाना
स्फुटनफूटना
वद्‌र्धनबढ़ना
बंधनबाँधना
मंडनमढ़ना
मुद्रणमूँदना
लिप्तलिपटना
संतापनासताना
धावनधोना
तपनतपना
रुष्टरूठना
क्षरणछहराना
जेमनजीमना
किम्क्या
इयत्इतना
छोरनछोड़ना
जागरणजागना
दंशनडसना
तर्कनताकना
स्तंभनथामना
यावत्जितना
एष:यह
कियत्कितना
तादृशतैसा
अभ्यंतरभीतर
झंपझुमना
ध्वंसनढहना
द्रुदौड़ना
पतनपड़ना
पानपीना
कोऽपिकोई
तत:तो
जीवजी
आषाढअसाढ़
पंचमीपँचमी
चतुर्दशीचौदस
पूर्णिमापूर्णमासी
तिथिवारत्योहार
भाद्रपद्रभादों
प्रतिपदापरिवा
रक्षणरखना
लेपनलीपना
रुदनरोना
ढक्कढकना
शयनसोना
गानगाना
चालनछानना
उद‌्गिलनजुगालना
स:सो
एतादृशऐसा
ज्वलनजलना
यानजाना
तोडनतोड़ना
मरणमरना
दमनदबाना
यादृशजैसा
आत्मन्आप
कीदृशकैसा
उवत्उतना
बहि:बाहर
दोलनझूलना
स्थापनाथापना
पचनपचना
प्रापणपाना
पूजनपूजना
य:जो
अग्रेआगे
थूत्कारथू-थू
पौषपोस
त्रियोदशीतेरस
सप्तमीसत्तमी
अमावस्याअमावस
दीपावलीदीवाली
फाल्गुनफागुन
नवमीनौमी
पक्षवारपखवारा
नक्षत्रनखत
प्रहरपहर
श्रावणसावन
चतुर्थीचौथ
चैत्रचेत
वैशाखबैसाख
जयेष्ठजेठ
तृतीयातीज
क्षणछिन
युगजुग
घटीघड़ी
यमजम
भट‌्टभाँड
आर्यआजा
आभिरअहीर
गुर्जरगूजर
कंसकारकँसेरा
यशोदाजसोदा
कृष्णकान्ह
स्वर्णकारसुनार
कुंभकारकुम्हार
कृषाणकिसान
गोपाल-गोपालकग्वाला
गड्‌डरिकगड़रिया
अट्‌टालिकाअटारी
यादवजादव
टट्‌ठारठठेरा
डमडोम
त्रिपाठीतिवारी
मातामाँ
पुत्रवधूपुतोहू
पुत्रीपूती
सुपुत्रसपूत
धात्रीदाई
तातताऊ, दादा
वर्षबरस
संध्यासाँझ
रात्रिरात
माघमाग
द‌्वादशीद‌्वादसी
आश्विनआसोज
कार्तिककाती
मार्गशिर्षमीगसर
एकादशीएकादसी
सत्ययुगसतजुग
वणिक्बनिया
चातुर्मास्यचौमासा
वज्रांगबजरंग
शिष्यसिक्ख
चेलकचेला
साधुसाहु
वद्‌र्धकिबढ़ई
लौहकारलुहार
यमुनाजमुना
गणेशगनेस
मणिकारमनिहार
चर्मकारचमार
श्रेष्ठिन्सेठ
चित्रकारचितेरा
डाकिनीडायन
पुजाकारीपुजारी
ज्योतिषीजोशी
ठक्कुरठाकुर
प्रहरीपहरी
लक्ष्मणलखन
भगिनीबहिन
ज्येष्ठजेठ
ज्येष्ठ-पुत्रजेठौत
ननंदननद
भागिनेयभानजा
मातृष्वसामौसी
वधूबहू
पुत्रपूत
शोभनसोहन
सुपुत्रसपूत
पौत्रपोता
प्रपौत्रपरपोता
वत्सबच्चा
भातृभाई
भातृजायाभावज
जामातृजमाई, जँवाई
ज्ञातिनाता
यमराजजमराज
राजपुत्रराजपूत
स्वामीसाँई
गोस्वामीगोसाँई
उपाध्यायओझा
कूबरकूबड़
गलगला
ग्रंथिगाँठ
अक्षिआँख
नक्रनाक
कर्णकान
हस्तहाथ
जिह‌्वाजीभ
दंतदाँत
चर्मचाम
दंष्ट्रादाढ़
बाहुबाँह
श्मश्रुमूँछ
अंगुलिउँगली
जंघाजाँघ
पृष्ठपीठ
अन्नआँत
तनुतन
ओष्ठओंठ, होंठ
मस्तकमाथा
श्वश्रुसास
श्वसुरससूर
गजेंद्रगयंद
भातृजभतीजा
प्राघूर्णपाहुना
श्यालकसाला
सपत्नीसौतन
कुमारकुँआरा
कुमारीकुँआरी
मित्रमीत
पुरुषपुरखा
कच्छकछवाहा
क्षत्रियखत्री
योगीजोगी
द‌्विवेदीदूबे
नापितनाई
शीर्षसीस
शिरस्सिर
अस्थिहड्‌डी
मुष्टिकामुट्‌ठी
कफोणीकुहनी
जंभजभड़ा
धरधड़
स्तनथन
क्रोडगोद
रोमरोआँ
कुक्षिकोख
तंदुतोंद
शृंगारसिंगार
कज्जलकाजल
तिलकटीका
लज्जालाज
गुंठनघूँघट
अश्रुआँसू
नग्ननंगा
निद्रानींद
छादिन्छाती
छालछाला
छिक्काछींक
जूटजूड़ा
टंकटाँग
वटिकाटिकिया
तलतलवा
पटकपगड़ी
प्रस्वेदनपसीना
पर्यस्तपालथी
पादपाँव
पिच्चपीक
पुच्छपूँछ
कुष्ठकोढ़
कासखाँसी
स्फोटकफोड़ा
खर्जूखुजली
घातघाव
ग्रंथिगाँठ
शल्यकीसाही
दद्रुदाद
चक्रवत्चकत्ता
श्वशुरालयससुराल
गृहघर
ज्ञातिनैहर
ग्रामगाँव
आश्रयआसरा
क्षेत्रखेत
मार्गमारग
वाटबाट
चतुष्कचौक
वाटिकाबाड़ी
फुल्लवाटिकाफुलवाड़ी
अक्षवाटअखाड़ा
आखेटअहेर
गर्तगड्‌ढ़ा
छत्रछत
श्मशानमसान
स्थानकथाना
स्थानथान
स्थलथल, ठहर
स्थूलथलथल
टंकशालाटकसाल
पुष्करपोखर
झरझरना
कूपकुआँ
टंकटाँका
सरोवरसरवर
घट‌्टघाट
खनिखान
खानिखाई
कोणकोना
गुहागुफा
परिकोटपरकोटा
भ्राष्ट्रभट्‌टी
यंत्रमंत्रजंतरमंतर
चतुष्कीचोकी
छद्छज्जा
यमद‌्वारजमवार
जलधरजलहर
द‌्युलोकजुलोक
ज्योतिर्लिंगजोतिलिंग
दोलाझूला
अष्ठीलाटीला
दभ्रडाबर
देहलीदिल्ली, ड्योढ़ी
त्रिकोणतिकोना
त्रिकलिंगतैलंग
दलाढ्यदलदल
दिशांतरदिसावर
देवगृहदेवहर
धवलगिरिधौलागिरि
प्रतिवेश, प्रतिवासपड़ोस
पाषाणपहाड़
प्रतोलीपौल
अंगरक्षकअँगरखा
अंगोच्छअँगोछा
स्तृइस्तिरी
कंचुकअचकन
कर्करकंकड़
कर्पटकबाड़
काचकाँच
केदारकियारी
कुद्‌दालकुदाल
कुंडकूँड़ा
क्षुरप्रखुरपा
गंजगजरा
घर्घरघाघरा
कर्पटकपड़ा
शाटिकासाड़ी
चतुष्पादचौपाया
चतुष्पदीचौपाई
खट्वाखाट
पल्यंकपलँग, पालकी
शय्यासेज
कमलकँवल
कंकणकंगन
कंकटकंघा
कपाटकिवाड़
कर्पूरकपूर
काष्ठकाठ
कोष्ठककोठा
घटघड़ा
गर्गरगगरा
दंडडंडा
टंगटाँगा
डोरकडोरा
तृणतिनका
दीपकदीया
शकटछकड़ा
कंकटकाँटा
स्तंभखंभा
छत्रछाता
स्फटिकफिटकिरी
गेंदुकगेंद
रसनारस्सी
रक्षाराखी
यज्ञजनेऊ
इष्ठकाईंट
प्रस्तरपत्थर
मौक्तिकमोती
भांडहाँडी
हिंदोलहिंडोला
खर्परखप्पर
तरवारितलवार
क्षुरछूरा
छेदनछेना
घुघुरवघुँघरू
तांबुलतंबोल
प्रणालपरनाला
पाशफंदा
वर्त्तिबत्ती
पुस्तिकापोथी
पीठकपीढ़ा
लकुडलकड़ी
यष्ठिलाठी
संदंशसँडासी
सूचीसूई
श्रैणीसीढ़ी
हारिहार
शृंखलासाँकर, साँकल
डिंबडिब्बा
तालकताला
त्रिकाष्ठटिकठी
त्रोटकटोटका
वेषभेस
बीटकबीड़ा (बीड़ी)
गवेरुकगेरू
शरछड़
छदछाज (ला)
यंत्रजंतर
युक्तजूता
झल्लरीझालर
टंककटका
स्तोकटुकड़ा
डमरुडमरू
तनिकातन्नी
तोलकतोला
स्थालीथाली
पट्‌टपट्‌टा
पट‌्टिकापट‌्टी
पात्रपरात
परिधिपहिया
पाशकपासा
पिटकपिटारा
पुत्रकपुतला
पेटिकापेटी
फालफावड़ा
स्वर्णसोना
ताम्रताँबा
पित्तलपीतल
हीरकहीरा
लोहलोहा
कांस्यकाँसा
पुष्परागपुखराज
म्रक्षणमक्खन
छच्छिकाछाछ
अत्रआटा
खाद्‌यखाद
गुडगुड़
कुदुरुगोंद
अन्‌नाद्‌यअनाज
धान्यधान
गोधूमगेहूँ
चणकचना
यवजौ
कर्पासकपास
शर्कराशक्कर
लवंगलौंग
लवणलोन
शतपुष्पासौंफ
शुंडीसोंठ
पक्कान्नपकवान
पर्पटपापड़
क्षीरखीर
पूपपुआ
चूर्णचूरमा
ज्युष्टजूठन
जुष्टजूठा
अमृतअमिय
पानीयपानी
घृतघी
दुग्धदूध
दधिदही
धत्‌तूरधतूरा
वृक्षरूख
निंबनीम
फुल्लफूल
वटबड़
जडजड़
कुष्मांडकुम्हड़ा
चीडचीड़
गोलकगूलर
गंजागाँजा
जटा, जड़जड़
यूथीजूही
स्थाणुठूँठ
क्रयाणककिराणा
आढकीअरहर
ऋद‌्धउरद
छायाछाँह
दूर्वादूब
यवानिकाअजवायन
अतसीअलसी
मुद्‌गमूँग
शाकसाग
वंगणबैंगन
लशुनलहसुन
शृंगसींग
विट्बीट
दंशडंक
ऊर्णऊन
कच्छपकछुआ
मरिचमिर्च
हरिद्राहलदी
जीरकजीरा
गृंजनगाजर
आम्रआम
कदलकेला
अमृतअमरूत, अमरूद
जंबुजामुन
अम्लीइमली
नारिकेलनारियल
आमलकआँवला
उष्ट्रऊँट
गोगाय
वानरबंदर
वत्सबच्छा
सिंहसिंघ
ऋक्षरीछ
शूकरसूअर
हस्तिनहाथी
महिषभैंस
षंडसाँड़
चित्रकचीता
पक्षीपंछी
कोकिलकाेयल
गृध्रगिद्‌ध
सर्षपसरसों
शुंडीसूँड़
पुच्छपँूछ
मत्स्यमछली
लवणलून
धन्याकधनिया
हिंगुहींग
खर्जूरखजूर
शिंबीसेब
कंटकफलकटहल
अक्षोटअखरोट
निंबूकनीबू
गर्दभगधा
व्याघ्रबाघ
बर्करबकरा
वलदबैल
भल्लुकभालू
लोमटकलोमड़ी
घोटकघोड़ा
हरिणहिरन
शृंगालसियार
जीवजी
उलूकउल्लू
काककौआ
मयूरमोर
टिट‌्टिभटिटिहरी, टिड्‌डी
चर्मवटकाचमगादड
चिल्लचील
पक्षालुपखेरू
पक्षपंख
शुक्तिसीप
चिंगटझींगा
वृश्चिकबिच्छू
कर्कटकेकड़ा
मर्कटीमकड़ी
भ्रमरभौंरा
मक्षरमच्छड़, मच्छर
कृकलासगिरगिट
क्षिप्रगिलिछिपकली
फणफन
विग्रहबीघा
वटकबाट
हरितहरा
पीतपीला
नीलनीला
गभीरगहरा
बभ्रुभूरा
चित्रलचितरा
गोत्रगोत
दुर्लभदूलह
दोलाडोला
मुकुटमौर
चंद्रचाँद
माघवृष्टिमहावट
धरित्रीधरती
जगत्जग
विद्‌युतबिजली
ताम्रचूडतमचुर
तित्तिरतीतर
चंचुचों
घटिकाघड़ियाल
सर्पसाँप
नकुलनेवला
मक्षिकामक्खी
कीटककीड़ा
गोधागोह
क्रोशकोस
उज्ज्वलउजला
श्यामलासाँवला
गौरगोरा
विवाहब्याह
वरयात्राबरात
अग्निआग
मेघमेह
बालुकाबालू
वाष्पभाप
वारिदबादल
प्रालेयपाला
अकार्यअकारज
द‌्विक्दुकेला
अत्यद‌्भुतअचंभा
अष्टकेलिअटखेली
कंकालकंगाल
कर्कटकिरकिरा
क्षुरणखरोंच
आयुष्मान्खुमान
जल्पगल्प, गप
गुणनगुना
कर्पदिकाकौड़ी
अलग्नअलग
स्वक्सगा
पश्चात्तापपछतावा
सहार्ध्यसाझा
तपस्वीतपसी
अज्ञानीअनाड़ी
जुष्टजूठा
बधिरबहरा
प्रहरीपहरी
जन्मजनम
पूर्वपूरब
वामबायाँ
दक्षिणदाहिना
पश्चिमपछाँह
दु:खदुख
महार्घमहँगा
अवघटऔघट
अवतारऔतार
अद‌्बर्त्तनउबटन
गर्जनगरज
धूलिधूल
भ्रमभरम
धूमधुआँ
विकारबिगाड़
आश्रयआसरा
उत्कृतोरुउकड़ूँ
अवचओछा
कर्करकिरकिरी
क्षुद्रखुदरा
गह‌्वरगबरू
गुरुमंत्रगुर
उपलओला
अच्छअच्छा
वातुलबावला
उत्थानउठान
कल्लोलकलोल
वृद‌्धबुुड‌्ढ़ा
यज्ञमानजजमान
बंध्याबाँझ
ग्रर्भिणीगाभिन
नियमनेम
महापात्रमहावत
अंधकारअंधेरा
उज्ज्वलउजाला
उत्साहउछाह
नियमनेम
मलमैल
अवगुणऔगुन
उल्लासहुल्लास
उपाख्यानउपखान
कुटुंबकुटुम
जाड्यजाड़ा
निष्ठुरनिठुर
क्षेपखेप
अक्षरआखर
बुभुक्षाभूख
तीक्ष्णतीखा
क्षीणछीन
प्रत्ययपता
पत्रपत्ता, परत
द‌्यूतजुआ
यौवनजोबन
शापसराप
आश्रयआसरा
शकुनसगुन
आशीआसीस
आशाआस
विनयबिनती
वार्ताबात
वचनबैन
विभितकबहेड़ा
कणकन
कणिकाकिनका
रणरन
किरणकिरन
पुण्यपुन्य
लवणतालुनाई
जीर्णझीना
भद्रभला
अर्कआक
घनचक्रघनचक्कर
तिरश्चीनतिरछा
स्फूर्तीफुरती
स्वच्छसुथरा
रूक्षरूखा
शुद‌्धसीधा
साक्षिन्साखी
शिक्षासीख
परीक्षापरख
भीक्षाभीख
विच्छेदविछोह
गात्रगात
एकस्थइकट्‌ठा
जुड्जोड़
आश्चर्यअचरज
छायाछाँह
पूर्णपूरा
शीतलसीतल
आदेशआयसु
शिथिलढीला
व्याख्यानबखान
विरूपबुरा
वामनबौना
बंकबाँका
निमंत्रणन्योता
दृष्टिदिट‌्ठि
स्तोकथोड़ा
नृत्यनाच
सर्वसब
क्वाथकाढ़ा
प्रहेलिकापहेली
कुटजकूड़ा
घनघना
पटलपलड़ा
भाटकभाड़ा
रजनीरैन
सुघटसुघड़
सहितसाथ
च्युतकचूक
क्षेपकसेवक
जगत्जग
जगतिजगत
क्षुद्रछोटा
जटितजड़ित
जांगलिन्जांगलू
जालजाला
जितिजीत
जिवितजीता
युवाजुवा
झल्लिकाझलक
झष्झाँसा
चपटझापड़
टंकारटकोर
तुच्छटुचा
तिरस्टेढ़ा
स्तब्धढंडा
स्थगठग
डीनडींग
दुष्करडोकरा
तंगढंग
स्थाताढाँचा
दृढढाढ़स
धृष्टढीठ
शिथिलढीला
तडिततड़ित
त्रिक्रमतिकड़म
स्तरथर
स्तोमकथोक
द्विभाषीदुभाषिया
धावनधावा
मध्यमधीमा
धूम्रधुआँ
धूकधोखा
न्यंच्नन्हा
नवनया
निष्कर्मनिकम्मा
निराकृतन्यारा
न्यायन्याव
परितोलनपड़ताल
प्रतिच्छायापरछाई
परपराया
प्रत्यभिज्ञानपहचान
पंक्तिपाँति
पाषंडपाखंड
पीठिकापीढ़ी
पुराणपुराना
पुंजपूँजी
पूर्णपूरा
पदांतरपैतरा
पादतलपैदल
पैणपैना
प्रीतिप्यार


अद्‌र्धतत्सम शब्द

तत्समअद्‌र्धतत्समतद्भव
कृष्णकिशुन, किशनकान्हा
अग्निअगिनआग
वत्सबच्छबच्चा
चूर्णचूरनचूर
अक्षरअच्छरआखर
कृपाकिरिपाकिरपा
मयूरमउरमोर
चंद्रचंदरचाँद
परीक्षापरीच्छापरख
लक्ष्मीलच्छमीलखमी
भिक्षाभिच्छाभीख
भिक्षारीभिच्छारीभिखारी
शिक्षासिच्छासीख
लक्ष्मणलच्छणलखन
हस्तहत्थहाथ
संध्यासंझासाँझ
कर्पूरकप्पूरकपूर
उज्ज्वलउज्जलउजला
नक्षत्रनछत्रनखत
वर्षाबरसाबारीस
चत्वारिचत्तारिचार
चतुर्दशचौद‌्दराचौदह
आज्ञाआग्याँआन
देवीदेई
मुखमुँह
क्रियाकिरिया
कर्मकरम
पत्रपत्तर
धर्मधरम

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