नमस्कार छात्रों आज हम इस लेख में हिंदी व्याकरण के बहुत ही महत्वपूर्ण अध्याय कारक के विषय में पढ़ेंगे।
इस लेख में आपको कारक से संबंधित सम्पूर्ण जानकारी अथवा ज्ञान दिया गया है। Karak in Hindi
जैसे कारक किसे कहते हैं? कारक के भेद कितने होते हैं? कारक की परिभाषा, कारक के उदाहरण एवं कारक चिन्ह, karak Table, कारक का अर्थ karak kise kahate hain?
इत्यादि विषयो को इस लेख में कवर किया गया है ताकि आप कारक से संबंधित संपूर्ण प्रकार का ज्ञान प्राप्त कर सके और आपके जीवन में आने वाले प्रत्येक प्रतियोगी परीक्षा में अधिक से अधिक अंक प्राप्त कर आप अपने सपने साकार कर सके।
प्रतियोगी परीक्षाओं को ध्यान में रखते हुए यहां पर आपको कारक Worksheet With Answer भी दी गई है। विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में आए प्रश्नों का भी यहां समावेश किया गया है तथा साथ में यहां इस लेख में 200 से अधिक उदाहरण भी दिए गए है। Karak ke bhed तो चलिए आइए शुरू करते है अपनी ज्ञान की पाठशाला और सीखते है की कारक किसे कहते हैं?
कारक का अर्थ (Mean of Karak In Hindi) :-
कारक शब्द की निष्पत्ति ‘कृ’ धातु के साथ ‘अक’ प्रत्यय का प्रयोग करने से हुई है; जिसका अर्थ होता है, क्रिया को करने वाला या क्रिया का निष्पादक अथवा संपादक।
कारक किसे कहते हैं? (Karak kise kahate hain?)
“संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से उसका संबंध वाक्य में प्रयुक्त अन्य शब्दों के साथ ज्ञात होता है, उसे ‘कारक’ कहते हैं।”
अथवा
प्रत्येक वाक्य में एक क्रिया अवश्य होती है। जो क्रिया में सहायक हो या जो किसी शब्द का क्रिया से संबंध बताए, वह ‘कारक’ है।”
कारक की परिभाषा (Karak ki Paribhasha in Hindi)
संज्ञा अथवा सर्वनाम के जिस रूप के द्वारा इनका संबंध क्रिया के साथ जाना जाता है, उसे ‘कारक’ कहते हैं।
अथवा
कारक वह व्याकरणिक कोटि है, जो वाक्य में आए संज्ञा आदि शब्दों का क्रिया के साथ संबंध का बोध कराती है।
कारक चिन्ह (कारक के चिन्ह)
यहां आपको karak table दिया गया है जिसमे कारक चिन्ह का चार्ट है। जिसकी सहायता से आप आसानी से कारक चिन्ह का ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं।
क्र. स. | कारक | कारक चिह्न | वाक्य में प्रयोग |
---|---|---|---|
1 | कर्ता | ने | |
2 | कर्म | को | |
3 | करण | से(जुड़ने हेतु)/के द्वारा | |
4 | संप्रदान | के लिए | |
5 | अपादान | से (अलग होने हेतु) | |
6 | संबंध | का, की, के | |
7 | अधिकरण | में, पर | |
8 | संबोधन | हे, ओ, अरे |
कारक के भेद (Karak ke Bhed / types in Hindi)
सामान्यता प्रत्येक विद्यार्थी के मन में एक प्रश्न होता है की कारक के भेद कितने होते हैं? अथवा कारक के कितने भेद होते है। तो आइए चलिए जानते है की Karak ke bhed kitne hote hain?
हिन्दी में कारकों की संख्या आठ मानी गई हैं। इन कारकों के नाम एवं इनके कारक-चिह्नों का विवरण इस प्रकार है
(1) कर्ता कारक (karta karak In Hindi) (ने) :-
कर्ता कारक किसे कहते हैं? :-
किसी क्रिया को करने वाला ‘कर्ता कारक’ कहलाता है। यह विशेष रूप से कोई संज्ञा या सर्वनाम ही होता है और इसका सीधा संबंध क्रिया से होता है।
अथवा
कर्ता कारक किसे कहते हैं? :- ‘कर्ता’ का शाब्दिक अर्थ होता है ‘करने वाला’। वाक्य में जो संज्ञा , या सर्वनाम शब्द क्रिया को सम्पन्न करता है, ‘कर्ता कारक’ कहलाता है।
कर्ता कारक के उदाहरण :-
जैसे –
(a) रवि ने पुस्तक पढ़ी।
(b) उसने खाना पकाया।
यदि किसी वाक्य में कर्ता के साथ ‘ने’ परसर्ग जुड़ा हो तो ये तीन बातें निश्चित होती हैं –
क्रिया → भूतकालिक
कर्म → सकर्मक
वाच्य → कर्तृ
विजय पुस्तक पढ़ता है। (कर्तृ)
सीमा पुस्तक पढ़ती है। (कर्तृ)
विजय ने पुस्तक पढ़ी। (कर्तृ)
सीमा ने पुस्तक पढ़ी। (कर्तृ)
विजय ने पुस्तकें पढ़ीं। (कर्तृ)
मोहन गायें चराता है। राधा नाचती है। (कर्ता)
समीना पत्र लिखती है। मोहित व्यायाम करता है। (कर्ता)
वह फुटबॉल खेल रहा है। यह खाना पका रही है। (कर्ता)
प्राकृतिक शक्ति/पदार्थ भी कर्ता कारक के रूप में हो सकते हैं।
जैसे-
सूर्य उगता है। चंद्रमा चमकता है।
तारे टिमटिमाते हैं। बादल गरजते हैं।
विशेष – कर्ता कारक की पहचान के लिए वाक्य में प्रयुक्त क्रिया से ‘कौन’ के द्वारा प्रश्न किया जाता है।
2. कर्म कारक (karm karak In Hindi) – को
कर्म कारक किसे कहते हैं?
शब्द के जिस रूप पर क्रिया का फल पड़ता है, उसे कर्म कारक कहते हैं।
कर्म Karak in Hindi जैसे –
मोहित ने पुस्तक पढ़ी। मनीषा अखबार पढ़ती है।
विहान फुटबॉल खेलता है। राम ने रावण को मारा।
अथवा
कर्म Karak ki Paribhasha :-
कर्ता जिसे सर्वाधिक चाहता है उसे कर्म कहते हैं अथवा संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप पर क्रिया का फल पड़े अथवा कर्ता को जो इष्ट हो उसे कर्म कारक कहते है।
विशेष – कर्म की पहचान के लिए वाक्य में प्रयुक्त क्रिया से ‘क्या/किसको’ के द्वारा प्रश्न किया जाता है। यदि इनका उत्तर मिले (लेकिन कर्ता को छोड़कर) तो कर्म कारक होता है।
जैसे –
बच्चे ने तमाशा किया। पूनम खाना पकाती है।
डॉक्टर ने रोगी को दवा दी। अध्यापक छात्रों को पढ़ाता है।
विशेष – जब किसी वाक्य में क्रिया के साथ दो कर्म प्रयुक्त हों, तो ‘क्या और किसको’दोनों के द्वारा प्रश्न किया जाता है, जो कर्म पहले प्रयुक्त होता है, वह ‘सजीव, परसर्ग सहित और गौण कर्म’ होता है तथा जो कर्म बाद में प्रयुक्त होता है, वह ‘निर्जीव, परसर्ग रहित और मुख्य कर्म’ होता है।
जैसे –
अध्यापक ने छात्रों को पुस्तक पढ़ाई।
सजीव | निर्जीव |
परसर्ग सहित | परसर्ग रहित |
गौण कर्म | मुख्य कर्म |
महेश ने बच्चों को फुटबॉल दिलाई।
सजीव | निर्जीव |
परसर्ग सहित | परसर्ग रहित |
गौण कर्म | मुख्य कर्म |
विशेष – यदि किसी वाक्य में ‘क्या’ और ‘किसको’ दोनों का उत्तर अलग-अलग मिल रहा हो और देने का बोध हो रहा हो तथा दान दिया जा रहा हो तो क्रिया एककर्मक होती है और ‘को’परसर्ग युक्त शब्द कर्म कारक न होकर ‘संप्रदान कारक’ होता है।
जैसे-
(a) राजा ने ब्राह्मण को गाय दी।
ब्राह्मण – संप्रदान कारक
गाय – कर्म कारक
(b) अविनाश ने रजनीश कोपाँच हजार रुपये दिए।
रजनीश को – संप्रदान कारक
पाँच हजार रुपये – कर्म कारक
(c) अविनाश ने रजनीश कोपाँच हजार रुपये उधार दिए।
रजनीश को – कर्म कारक
पाँच हजार रुपये – कर्म कारक
(d) भाई-बहन को पाँच सौ रुपये देता है।
बहन को – कर्म कारक
पाँच सौ रुपये – कर्म कारक
(e) प्रवीण ने धोबी को कपड़े दिए।
धोबी को – गौण कर्म कारक
कपड़े – मुख्य कर्म कारक
(f) प्रवीण ने भिखारी को कपड़े दिए
भिखारी को – संप्रदान कारक
कपड़े – कर्म कारक
कर्म कारक ‘को’परसर्ग का प्रयोग प्राय: ‘प्राणीवाचक’ संज्ञा पदों के साथ किया जाता है।
जैसे –
कृष्ण ने कंस को मारा। सविता पक्षियों को दाना डालती है।
विवेक ने पवन को बुलाया। हरीश ने भाई को पत्र लिखा।
विशेष – यदि किसी वाक्य में ‘बजाना और बढ़ाना’क्रिया प्रयुक्त हों, तो क्रिया के साथ प्रयुक्त कर्म सजीव हो या निर्जीव हो ‘को’ परसर्ग का प्रयोग किया जाता है।
जैसे –
बच्चों ने झगड़े को बढ़ाया। महेश ने ढोलक को बजाया।
3. करण कारक (‘से/के द्वारा’) (Karan karak in hindi) –
करण कारक किसे कहते हैं? :-
संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप की सहायता से क्रिया का व्यापार/कार्य होता है, उसे करण कारक कहते हैं।
जैसे –
सब्जी के साथ रोटी खाई।
मैंने समाचार पत्र के द्वारा सूचना प्राप्त की।
उसकी मृत्यु हृदय रोग से हुई।
उसने सारी बातें प्यार से कीं।
मैंने उसे तार के द्वारा सूचित किया।
मैं विजय के द्वारा सूचना भेज दूँगा।
4. संप्रदान कारक (Sampradan Karak in Hindi) (‘के लिए’) –
संप्रदान कारक किसे कहते हैं :-
संप्रदान का अर्थ होता है ‘देना’। वाक्य में जिसे कुछ दिया जाए अथवा किसी से कुछ लिया जाए, वे शब्द संप्रदान कारक के रूप होते हैं।
जैसे –
व्यक्ति धन के लिए देश-विदेश भटकता है।
संजय माता के लिए दवा लाया।
विकास ने भिखारी को कम्बल दिया। (संप्रदान कारक)
माँ ने बीमार व्यक्ति को कपड़े दिए। (संप्रदान कारक)
बालक ने भिखारी को रोटी दी। (संप्रदान कारक)
बालक ने भिखारी को बुलाया। (कर्म कारक)
5. अपादान कारक (Apadan Karak in Hindi) (‘से’ – अलग होने के अर्थ में) –
अपादान कारक किसे कहते हैं :-
संज्ञा/सर्वनाम के जिस रूप के द्वारा अलग होने, निकलने, डरने, लजाने/शर्माने और तुलना करने का बोध हो, ‘अपादान कारक’ कहलाता है।
जैसे –
मेरा घर तुम्हारे घर से बहुत दूर है।
गंगा हिमालय से निकलती है।
पत्ता पेड़ से गिरता है।
बच्चा छत से गिर गया।
रहीम कुत्ते से डरता है।
नीहारिका साँप से डर गई।
अनिल संतोष से अच्छा गाता है।
मोर कबूतर से सुंदर होता है।
सीमा मनोज से शर्माती है।
करण कारक और अपादान कारक में अंतर |
करण कारक और अपादान कारक दोनों में ‘से’ परसर्ग का प्रयोग किया जाता है, यदि जुड़ने के अर्थ का बोध हो अर्थात् साधन के अर्थ का बोध हो तो करण होगा अन्य स्थिति में अपादान कारक होता है। जैसे -मैं स्कूटर से आया हूँ। (करण)मैं जयपुर से आया हूँ। (अपादान) |
6. संबंध कारक किसे कहते हैं? (‘का/की/के’) –
शब्द के जिस रूप से किसी व्यक्ति या पदार्थ का दूसरे व्यक्ति या पदार्थ से संबंध प्रकट हो, संबंध कारक कहलाता है।
जैसे –
मोहन का भाई सोहन पुस्तक पढ़ रहा है।
रजनी की गुड़िया बहुत सुंदर है।
मुकेश के मित्र बहुत शरारती हैं।
रमेश के पैरों में दर्द हो रहा था।
सुनीता की गर्दन में चोट लग गई।
मेरे पास दस एकड़ जमीन है।
राहुल का भाई श्याम है।
विशेष – संबंध कारक में अवस्था, नाते-रिश्ते, माप, स्वामित्व, करण-कार्य, कर्ता-कर्म और जनक-जन्य इत्यादि के संबंध सूचित होते हैं।
जैसे –
मेरे भाई की उम्र पैंतीस वर्ष है। (अवस्था)
रमेश का भाई सुरेश है। (नाते-रिश्ते)
मेरे पास दो करोड़ रुपये हैं। (स्वामित्व)
यह सोने का हार है। (करण-कार्य)
यह रोहित का घर है। (स्वामित्व)
रामचरित मानस तुलसीदास की कृति है। (कर्ता-कर्म)
मेरे पास चार एकड़ जमीन है। (माप)
राम के पुत्र लव-कुश थे। (जनक-जन्य)
7. अधिकरण कारक (adhikaran karak kise kahate hain) (‘में, पर, के ऊपर’) –
अधिकरण का अर्थ होता है (आधार/आश्रय) संज्ञा के जिस रूप से क्रिया के आधार का बोध हो, अधिकरण कारक कहलाता है।
जैसे –
गाड़ी में दस सवारी बैठी हैं।
छत पर बच्चा खेल रहा है।
विद्यालय में चार आम के वृक्ष हैं।
में – अधिकरण, के – संबंध
घर के भीतर साँप घूम रहा है।
पेड़ के ऊपर कोयल बैठी है।
आँगन के बीच चारपाई बिछा दो।
खिड़की के अंदर झाँक कर देखो।
रीट की परीक्षा फरवरी में होगी।
विशेष – अनेक में से एक चुनकर की गई तुलना में अधिकरण कारक होता है।
जैसे –
सभी भाइयों में छोटा सबसे तेज है।
इन लड़कों में रवि सबसे होशियार है।
8. संबोधन कारक (Sambodhan Karak in Hindi) (‘हे, ओ, अरे’) –
शब्द के जिस रूप से किसी को पुकारा या संबोधित किया जाता है, संबोधन कारक कहलाता है।
जैसे-
हे भगवान! तू सबका भला कर।
ओ भाई ! जरा देखकर चल।`
अरे बेटे ! मुझे बता देते।
सज्जनों और दोषियों! चुप हो जाओ। (अशुद्ध)
सज्जनो और देवियो! चुप हो जाओ। (शुद्ध)
अरे बेटा! तू कहाँ जाएगा।
अजी भाईसाहब! सुनो तो सही।
ओ लड़के! इधर आ।
कारक Worksheet with Answers
- Q.1 ‘राजा ने ब्राह्मण को गाय दी।’ रेखांकित शब्द में कारक हैं-
- सम्प्रदान कारक, कर्म कारक
- कर्म कारक, कर्म कारक
- कर्ता कारक, कर्म कारक
- कर्म कारक, सम्प्रदान कारक
- Solution :-
यदि किसी वाक्य में क्या और किसको दोनों का उत्तर अलग – अलग मिल रहा हो और देने का बोध हो रहा हो तथा दान दिया जा रहा हो तो क्रिया एक कर्मक होती है और ‘को’ परसर्ग युक्त शब्द कर्म कारक न होकर ‘सम्प्रदान कारक’ होता है।
- Solution :-
- Q.2 निम्नलिखित में से कौन-सा/ से वाक्य कर्ता कारक का है/ हैं?
- सूर्य उगता है।
- चन्द्रमा चमकता है।
- बादल गरजते हैं।
- उपर्युक्त सभी
- Solution:-
प्राकृतिक शक्ति/पदार्थ भी कर्ता कारक के रूप में हो सकते हैं। जैसे- तारे टिमटिमाते हैं।
विशेष:- कर्ता कारक की पहचान के लिए वाक्य में प्रयुक्त क्रिया से ‘कौन’ के द्वारा प्रश्न किया जाता है।
- Solution:-
- Q.3 ‘रजनी की गुड़िया बहुत सुंदर है।’ वाक्य में कौन-सा कारक है?
- कर्ता कारक
- अपादान कारक
- सम्बन्ध कारक
- अधिकरण कारक
- Solution:-
सम्बन्ध कारक – ‘का / की / के’
शब्द के जिस रूप से किसी व्यक्ति या पदार्थ का दूसरे व्यक्ति या पदार्थ से सम्बन्ध प्रकट हो, सम्बन्ध कारक कहलाता है।
- Solution:-
- Q.4 निम्नलिखित में से सम्बोधन कारक का उदाहरण नहीं है-
- आलोक माँ के लिए दवाई लाया।
- हे भगवान ! तू सबका भला कर।
- अरे बेटा ! तू कहाँ जाएगा।
- सज्जनो और देवियो ! चुप हो जाओ।
- Solution :-
आलोक माँ के लिए दवाई लाया। (सम्प्रदान कारक)
- Solution :-
- Q.5 कारक का अर्थ है-
- वे शब्द जो कार्य करने के सूचक हों
- संज्ञा या सर्वनाम का क्रिया से संबंध सूचित हो
- सज्ञा का कर्मवाची शब्द
- संज्ञा या सर्वनामी के कार्यवाची चिह्न
- Solution :-
कारक का सामान्य अर्थ होता है ‘करने वाला’ क्रिया का निष्पादक।
जब किसी संज्ञा या सर्वनाम पद का संबंध वाक्य में प्रयुक्त अन्य पदों व क्रिया के साथ जाना जाता है, उसे कारक कहते है।
- Solution :-
- Q.6 ‘पत्ता पेड़ से गिरता है।’ वाक्य में कौन-सा कारक है?
- अपादान कारक
- करण कारक
- सम्बन्ध कारक
- उपर्युक्त में से कोई नहीं
- Solution :-
अपादान का अर्थ है अलग होना या पृथक होना। संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से एक वस्तु या व्यक्ति का दूसरी वस्तु या व्यक्ति से अलग होने या तुलना करने का भाव हो वहाँ अपादान कारक होता है।
अपादान कारक की विभक्ति ‘से’ है।
उदाहरण :-
मैं जयपुर से चला आ रहा हूँ।
राजीव छत से कूद पड़ा।
- Solution :-
- Q.7 निम्नलिखित में से कौन-सा अधिकरण कारक का उदाहरण है?
- बहू सास से लजाती है।
- छत पर बच्चा खेल रहा है।
- प्राचार्य ने यह आदेश चपरासी के द्वारा भिजवाया है।
- गरीब को निर्मित वस्त्र दान करो।
- Solution:-
बहू सास से ले जाती है। (अपादान कारक)
प्राचार्य ने यह आदेश चपरासी के द्वारा भिजवाया है। (करण कारक)
गरीब को निर्मित वस्त्र दान करो। (सम्प्रदान कारक)
वाक्य में प्रयुक्त संज्ञा और सर्वनाम के जिस रूप से क्रिया के आधार का बोध होता है, उसे अधकरण कारक कहते हैं।
अधिकरण कारक की विभक्तियाँ में एवं पर हैं।
अधिकरण कारक का उदाहरण :-
इस मंदिर में कई मूर्तियाँ है।
पेड पर चिडिया बैठी है।
- Solution:-
- Q.8 निम्नांकित वाक्यों के आगे दिए गए कारक में कौन-सा सही है?
- सब्जी के साथ रोटी खाई। (करण कारक)
- मैंने समाचार पत्र के द्वारा सूचना प्राप्त की। (कर्म कारक)
- उसने सारी बातें प्यार से की। (अपादान कारक)
- उसकी मृत्यु हृदय – रोग से हुई। (अपादान कारक)
- Solution:-
सब्जी के साथ रोटी खाई। (करण कारक)
मैंने समाचार पत्र के द्वारा सूचना प्राप्त की। (करण कारक)
उसकी मृत्यु हृदय – रोग से हुई। (करण कारक)
उसने सारी बातें प्यार से की। (करण कारक)
- Solution:-
- Q.9 ‘कृष्ण ने कंस को मारा’ संबंधित वाक्य में कारक है-
- कर्त्ता
- कर्म
- संबंध
- सम्प्रदान
- Solution :-
कर्म कारक में ‘को’ परसर्ग का प्रयोग प्राय: ‘प्राणी वाचक’ संज्ञा पदों के साथ किया जाता है।
जैसे- सविता पक्षियों को दाना डालती है।
मनोहर ने जगदीश को बुलाया।
- Solution :-
- Q.10 निम्नलिखित में से कौन-सा वाक्य सम्प्रदान कारक का नहीं है?
- माँ ने बच्चों को खिलौने दिए।
- बालक ने भिखारी को बुलाया।
- संजय माता के लिए दवा लाया।
- शिक्षक ही शिष्य को ज्ञान देता है।
- Solution:-
माँ ने बच्चों को खिलौने दिए। (सम्प्रदान कारक)
बालक ने भिखारी को बुलाया। (कर्म कारक)
संजय माता के लिए दवा लाया। (सम्प्रदाय कारक)
शिक्षक ही शिष्य को ज्ञान देता है। (सम्प्रदान कारक)
- Solution:-
कारक किसे कहते हैं (Karak in Hindi) से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न
यहां आपको कारक किसे कहते हैं अथवा कारक के भेद कितने है या कारक की परिभाषा क्या हैं? प्रश्नों के अतिरिक्त और भी बहुत से महत्वपूर्ण प्रश्न दिए गया है। जिनकी सहायता से आप अपनी Karak in Hindi की तैयारी अच्छे तरीके से कर सकते है।
1. बच्चो ! घर जाओ। में कौन-सा कारक है? –
(A) अधिकरण कारक
(B) अपादान कारक
(C) संप्रदान कारक
(D) संबोधन कारक
2. गणेश छत पर खड़ा है। में कौन-सा कारक है?
(A) अधिकरण कारक
अपादान कारक
संप्रदान कारक
संबोधन कारक
3. मुझसे नहीं बोला जाता। में कौन-सा कारक है? –
(A) कर्म कारक
कर्ता कारक
करण कारक
अपादान कारक
4. राम ने रावण को तीर से मारा था। में कौन-सा कारक है?
(A) कर्म कारक
करण कारक
अपादान कारक
संप्रदान कारक
5. बालक दूध के लिए रो रहा है। में कौन-सा कारक है?
(A) कर्म कारक
करण कारक
अपादान कारक
संप्रदान कारक
6. बहु ससुर से लजाती है। में कौन-सा कारक है?
(A) कर्म कारक
संप्रदान कारक
अपादान कारक
करण कारक
7. राधा की पुस्तक मेरे पास है। में कौन-सा कारक है?
(A) संप्रदान कारक
संबंध कारक
करण कारक
अपादान कारक
8. ओ सोहन ! जरा इधर तो आना। में कौन-सा कारक है?
(A) अधिकरण कारक
अपादान कारक
संप्रदान कारक
9. मोर छत पर नाच रहा है। में कौन-सा कारक है? –
(A) अधिकरण कारक
अपादान कारक
संप्रदान कारक
संबोधन कारक
10. मोहन ने लाठी से साँप को मारा। में कौन-सा कारक है?
कर्म कारक
करण कारक
अपादान कारक
संप्रदान कारक
11. गणपत ने छींका। में कौन-सा कारक है?
कर्म कारक
कर्ता कारक
करण कारक
अपादान कारक
12. राम को दौड़ना है। में कौन-सा कारक है?
कर्म कारक
कर्ता कारक
करण कारक
अपादान कारक
13. मोहन सोहन की अपेक्षा लंबा है। में कौन-सा कारक है?
कर्म कारक
संप्रदान कारक
अपादान कारक
करण कारक
14. आपकी पीतल की थाली देना। में कौन-सा कारक है?
संप्रदान कारक
संबंध कारक
करण कारक
अपादान कारक
15. डाली का गिरा आम खाओ। में कौन-सा कारक है?
कर्म कारक
संप्रदान कारक
अपादान कारक
करण कारक
16. रोहन सोहन के समान लंबा है। में कौन-सा कारक है?
कर्म कारक
करण कारक
अपादान कारक
संप्रदान कारक
17. उसने रवीन्द्र को चाय पिलाई थी। में कौन-सा कारक है?
करण कारक
अपादान कारक
संप्रदान कारक
18. गणेश को खाना चाहिए। में कौन-सा कारक है?
कर्म कारक
कर्ता कारक
करण कारक
अपादान कारक
19. बिहारी के साथ गणेश बाजार गया। में कौन-सा कारक है?
कर्म कारक
करण कारक
अपादान कारक
संप्रदान कारक
20. वह तुम्हारी घड़ी है। में कौन-सा कारक है?
संप्रदान कारक
संबंध कारक
करण कारक
अपादान कारक
21. हे भगवान् ! अब वह कया करेगा? में कौन-सा कारक है?
अधिकरण कारक
अपादान कारक
संप्रदान कारक
संबोधन कारक
22. गणेश तीन साल में दिल्ली से आया था। में कौन-सा कारक –
अधिकरण कारक
अपादान कारक
संप्रदान कारक
संबोधन कारक
23. मोनु के खिलौने बहुत सं दर है। में कौन-सा कारक है?
संप्रदान कारक
संबंध कारक
करण कारक
अपादान कारक
24. राधा मोहन से शर्माती है। में कौन-सा कारक है?
कर्म कारक
संप्रदान कारक
अपादान कारक
25. बिहारी के साथ गणेश बाजार गया। में कौन-सा कारक है?
कर्मकारक
करण कारक
अपादान कारक
संप्रदान कारक
26. रविवार को विद्यालय बंद रहेगा। में कौन-सा कारक है? –
कर्म कारक
करण कारक
अपादान कारक
संप्रदान कारक
29. भिखारी को भीख दे दो। में कौन-सा कारक है
कर्म कारक
करण कारक
अपादान कारक
संप्रदान कारक
30. गणेश को लड्डू अच्छा लगता है। में कौन-सा कारक है?
कर्म कारक
करण कारक
अपादान कारक
संप्रदान कारक
31. What is Karak In Hindi?
(A) Karak in Hindi
(B) Karak in Hindi
(C) Karak in Hindi
(D) Karak In Hindi
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संज्ञा | कारक |
सर्वनाम | वाक्य विचार |
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क्रिया | काल |
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लिंग | वर्ण विचार |
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