लिंग किसे कहते हैं? लिंग की परिभाषा, भेद एवं परिवर्तन के नियम, उदाहरण

नमस्कार आज हम हिंदी व्याकरण के मुख्य अध्याय लिंग के विषय में अध्ययन करेंगे और जानेंगे की किस प्रकार लिंग का सम्पूर्ण ज्ञान आपको प्रतियोगी परीक्षा में अच्छे अंक दिलवाने में सहायक है। इस अध्याय में आपको लिंग से सम्बंधित विभिन्न सवालो का जवाब मिलेगा जैसे लिंग किसे कहते हैं? लिंग की परिभाषा क्या है, भेद इत्यादि प्रश्नो का उतर यहाँ दिया गया है।

लिंग किसे कहते हैं? लिंग की परिभाषा, भेद एवं परिवर्तन के नियम, उदाहरण

लिंग किसे कहते हैं?

वे शब्द जो किसी संज्ञा की पहचान कराए अर्थात् संज्ञा के जिस रूप के द्वारा पुरुष जाति या स्त्री जाति का बोध हो, लिंग कहलाते हैं; जैसे– लड़का (पु.), पुस्तक (स्त्री.), गाय (स्त्री.), कुत्ता (पु.), बकरी (स्त्री.)

लिंग/लिङ्ग का अर्थ–

सामान्य शब्दों में यदि लिंग के अर्थ की बात कर तो उसका मतलब होता है “चिह्‌न

लिंग के भेद

हिंदी व्याकरण में लिंग के दो भेद है।

1. पुल्लिंग
2. स्त्रीलिंग

1. पुल्लिंग शब्द के जिस रूप के द्वारा पुरुष जाति का बोध हो, पुल्लिंग कहलाता है; जैसे– घोड़ा, बकरा, पिता, पुत्र, पेन, बालक इत्यादि।

2. स्त्रीलिंग शब्द के जिस रूप के द्वारा स्त्री जाति के होने का बोध हो, स्त्रीलिंग कहलाता है; जैसे– घोड़ी, बकरी, माता, बालिका, पेंसिल, कुर्सी इत्यादि।

• विशेष संस्कृत भाषा में प्रयुक्त नपुंसकलिंग शब्दों को हिन्दी में वाक्य प्रयोग के आधार पर पुल्लिंग और स्त्रीलिंग में रखा जाता है।

• सदैव पुल्लिंग शब्द– कौआ, खरगोश, भेड़िया, तोता, उल्लू, पक्षी, पशु, खटमल, बाज, मच्छर, गरुड़, गैंडा, जुगनू, भालु, गिद्ध, चीता, कछुआ, केंचुआ, तेंदुआ, गिरगिट, गीदड़, ततैया, समूह, दल, मण्डल, संघ, झुंड, गिरोह, दस्ता, कुटुंब, लोग, परिवार, समाज, समुदाय इत्यादि।

• सदैव स्त्रीलिंग शब्द– मछली, मक्खी, मैना, छिपकली, लोमड़ी, मकड़ी, चील, तितली, गिलहरी, दीमक, संतान, चींटी, कोयल, गौरैया, जोंक, बटेर, जूँ, फौज, सभा, भीड़, प्रजा, पुलिस, सरकार, जनता, सेना, टोली, समिति, संसद इत्यादि।

• उभयलिंगी शब्द वर्तमान समाज में कुछ पदवाची शब्द ऐसे हैं, जिनमें लिंग परिवर्तन नहीं होता है, चाहे पद पर स्थित व्यक्ति पुरुष हो, चाहे स्त्री; जैसे– राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मंत्री, डॉक्टर, प्रिंसिपल, मैनेजर, मुख्यमंत्री, वकील, सांसद, संत, सचिव, व्याख्याता, इंस्पेक्टर, प्रोफेसर, जज, मजिस्ट्रेट इत्यादि।

लिंग परिवर्तन के विशेष नियम–

1. शब्दांत ‘अ’ के स्थान पर ‘आ’ जोड़कर स्त्रीलिंग बना दिया जाता है–

पुल्लिंगस्त्रीलिंग
वृद्धवृद्धा
अनुजअनुजा
शिष्यशिष्या
प्रियप्रिया
आचार्य  आचार्या
बालबाला
सुतसुता
छात्रछात्रा
सदस्य     सदस्या
शूद्रशूद्रा

2. शब्दांत ‘अ/आ’ के स्थान पर ‘ई’ जोड़कर–

पुल्लिंग   स्त्रीलिंग
लड़का   लड़की
काकाकाकी
कबूतरकबूतरी
चाचा  चाची
ब्राह्मणब्राह्मणी
दादा  दादी
बेटाबेटी
पुत्र पुत्री
बकरा बकरी
मुर्गामुर्गी
भतीजाभतीजी

3. शब्दांत ‘अ/आ’ के स्थान पर ‘इया’ जोड़कर–

पुल्लिंग   स्त्रीलिंग
कुत्ता  कुतिया
बूढ़ाबुढ़िया
लोटा  लुटिया
डिब्बाडिबिया
चूहाचूहिया
बेटाबिटिया
चिड़ा  चिड़िया
गुड्डागुड़िया
बंदरबंदरिया

4. कुछ पुल्लिंग शब्दों के साथ बिना किसी परिवर्तन के ‘नी’ जोड़कर–

पुल्लिंगस्त्रीलिंग
सिंहसिंहनी
शेर शेरनी
ऊँटऊँटनी
मोर मोरनी
जाटजाटनी
चोरचोरनी
रीछरीछनी
हाथीहथनी

5. पुल्लिंग शब्द के अंतिम स्वर के स्थान पर ‘आइन’ जोड़कर–

पुल्लिंगस्त्रीलिंग
पंडापंडाइन
चौबेचौबाइन
दूबे दुबाइन
पंडित पंडिताइन
ठाकुरठकुराइन
शुक्ल शुक्लाइन
लाला ललाइन
गुरुगुरुआइन
बाबूबबुआइन

6. पुल्लिंग शब्द के अंतिम स्वर के साथ ‘इन’ प्रत्यय जोड़कर–

पुल्लिंग   स्त्रीलिंग
लुहार लुहारिन
ग्वालाग्वालिन
नाई नाइन
हलवाईहलवाइन
बाघबाघिन
कुम्हारकुम्हारिन
धोबी  धोबिन
कहार कहारिन
पुजारीपुजारिन
नाती  नातिन
नागनागिन

7. पुल्लिंग शब्द के अंत में ‘इका’ प्रत्यय जोड़कर–

पुल्लिंग   स्त्रीलिंग
नायकनायिका
गायकगायिका
सेवकसेविका
लेखकलेखिका
पाठकपाठिका
बालकबालिका
अध्यापक अध्यापिका
उपदेशक  उपदेशिका

8. शब्दान्त ‘वान/मान’ के स्थान पर क्रमश: ‘वती/मती’ जोड़कर–

पुल्लिंग   स्त्रीलिंग
धनवानधनवती
आयुष्मानआयुष्मती
गुणवानगुणवती
भगवानभगवती
ज्ञानवान   ज्ञानवती
रूपवानरूपवती
श्रीमानश्रीमती
बुद्धिमान  बुद्धिमती
महान महती

9. पुल्लिंग शब्द के अंत में प्रयुक्त ‘ई’ के स्थान पर ‘इनी’ जोड़कर–

पुल्लिंग   स्त्रीलिंग
संन्यासी   संन्यासिनी
स्वामीस्वामिनी
हितकारी  हितकारिणी
मानी  मानिनी
तपस्वीतपस्विनी
एकाकीएकाकिनी
यशस्वीयशस्विनी
परोपकारी परोपकारिणी
अभियानी अभियानिनी

10. पुल्लिंग शब्द के अंत में प्रयुक्त ‘ता’ के स्थान पर ‘त्री’ जोड़कर

पुल्लिंग   स्त्रीलिंग
नेतानेत्री
अभिनेता  अभिनेत्री
रचयितारचयित्री
कर्ता  कर्त्री
धाता  धात्री
वक्ता  वक्त्री
दाता  दात्री
प्रबंधकर्ता प्रबंधकर्त्री
भ्राता  भ्रात्री

11. सदैव पुल्लिंग शब्दों के साथ ‘मादा’ शब्द जोड़कर और सदैव स्त्रीलिंग शब्दों के साथ ‘नर’ शब्द जोड़कर लिंग परिवर्तन कर दिया जाता है–

पुल्लिंग   स्त्रीलिंग
खटमल   मादा खटमल
खरगोश   मादा खरगोश
भेड़ियामादा भेड़िया
मच्छरमादा मच्छर
कौआमादा कौआ
चीता  मादा चीता
बाज  मादा बाज
तोता  मादा तोता
छिपकली नर छिपकली
मक्खीनर मक्खी
मछलीनर मछली
मैना   नर मैना
कोयलनर कोयल
तितलीनर तितली
लोमड़ीनर लोमड़ी
गिलहरीनर गिलहरी
चील  नर चील

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पुल्लिंग किसे कहते हैं?

शब्द के जिस रूप के द्वारा पुरुष जाति का बोध हो, पुल्लिंग कहलाता है; जैसे– घोड़ा, बकरा, पिता, पुत्र, पेन, बालक इत्यादि।

स्त्रीलिंग किसे कहते हैं

शब्द के जिस रूप के द्वारा स्त्री जाति के होने का बोध हो, स्त्रीलिंग कहलाता है; जैसे– घोड़ी, बकरी, माता, बालिका, पेंसिल, कुर्सी इत्यादि।

लिंग की परिभाषा क्या है?

वे शब्द जो किसी संज्ञा की पहचान कराए अर्थात् संज्ञा के जिस रूप के द्वारा पुरुष जाति या स्त्री जाति का बोध हो, लिंग कहलाते हैं; जैसे– लड़का (पु.), पुस्तक (स्त्री.), गाय (स्त्री.), कुत्ता (पु.), बकरी (स्त्री.)

लिंग के भेद क्या हैं?

हिंदी व्याकरण में लिंग के दो भेद है।
1. पुल्लिंग
2. स्त्रीलिंग

नमस्कार, मेरा नाम अजीतपाल हैं। मैंने हिंदी साहित्य से स्नातक किया है। मेरा शुरूवात से ही हिंदी विषय के प्रति लगाव होने के कारण मैंने हिंदी विषय के बारे में लेखन का कार्य आरभ किया। हाल फ़िलहाल में Pathatu एजुकेशन प्लेटफार्म के लिए लेखन का कार्य कर रहा हूँ।

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