नमस्कार पाठको आज हम इस लेख में “वाक्य शुद्धि – परिभाषा, प्रकार, नियम और उदाहरण – Vakya Shuddh” के विषय में अध्ययन करेंगे तथा आपके सभी प्रश्नो का हल दिया गया है।
वाक्य शुद्धि की परिभाषा
किसी वाक्य में व्याकरणिक नियमों से अशुद्धि को दूर करना वाक्य शुद्धीकरण कहलाता है; जैसे–
मैं प्रात:काल के समय घूमने जाता हूँ। (अशुद्ध वाक्य)
मैं प्रात:काल घूमने जाता हूँ। (शुद्ध वाक्य)
वाक्य शुद्धि के प्रकार (भेद)
• किसी भी वाक्य में अशुद्धि के मूल रूप से दो कारण होते हैं–
1. पदक्रम संबंधी अशुद्धि 2. पद संबंधी अशुद्धि
1. पदक्रम संबंधी अशुद्धि–
जब किसी वाक्य में पदों का क्रम व्याकरणिक नियमों के अनुसार नहीं होता तो वाक्य में जो अशुद्धि होती है उसे पदक्रम संबंधी अशुद्धि कहते हैं; जैसे–
मंत्री जी को एक फूलों की माला पहनाई– अशुद्ध
मंत्री जी को फूलों की एक माला पहनाई– शुद्ध
• पदक्रम संबंधी वाक्य शुद्धि शुद्धीकरण के महत्त्वपूर्ण नियम–
(i) वाक्य में प्रयुक्त पदों का क्रम– कर्ता का विस्तारक + कर्ता + कर्म का विस्तारक + कर्म + क्रिया का विस्तारक + क्रिया + पूरक का विस्तारक + पूरक
- मेरी बहन गीता धार्मिक पुस्तकें बहुत पढ़ती है।
मेरी बहन– कर्ता का विस्तारक
गीता– कर्ता
धार्मिक– कर्म का विस्तारक
पुस्तकें– कर्म
बहुत– क्रिया का विस्तारक
पढ़ती है– क्रिया
- हरीश का भाई रमेश हिन्दी सिनेमा बहुत देखता है।
हरीश का भाई– कर्ता का विस्तारक
रमेश– कर्ता
हिन्दी– कर्म का विस्तारक
सिनेमा– कर्म
बहुत– क्रिया का विस्तारक
देखता है– क्रिया
- जोधपुर का मेहरानगढ़ दुर्ग दर्शनीय स्थल है।
जोधपुर का– कर्ता का विस्तारक
मेहरानगढ़ दुर्ग– कर्ता
दर्शनीय– पूरक का विस्तारक
स्थल है– पूरक
(ii) कारकों का क्रम– सम्बोधन (8) + कर्ता (1) + अधिकरण (7) + सम्बन्ध (6) + अपादान (5) + सम्प्रदान (4) + करण (3) + कर्म (2) + क्रिया
• जैसे– हे बालकों! (सम्बोधन) कृष्ण (कर्ता) हमेशा नन्दगाँव (अपादान) से गोकुल घूमने के लिए (सम्प्रदान) रथ (करण) से आते हैं।
(iii) यदि किसी वाक्य में सम्बोधन सूचक/विस्मय सूचक शब्द प्रयुक्त हो तो सबसे पहले इन्हीं का प्रयोग किया जाता है; जैसे–
ओ भाई! जरा देखकर चलो।
हे भगवान! बहुत बुरा हुआ।
(iv) यदि किसी वाक्य में काल सूचक और स्थान सूचक विशेषण प्रयुक्त हो तो काल सूचक विशेषण हमेशा पहले और स्थान सूचक विशेषण हमेशा बाद में प्रयुक्त किया जाता है; जैसे–
पिताजी प्रात: पाँच बजे मंदिर जाते हैं।
सीमा प्रात: सात बजे विद्यालय जाती है।
(v) यदि किसी वाक्य में द्विकर्मक प्रयुक्त हो तो जो कर्म पहले प्रयुक्त होता है, वह सजीव, परसर्ग सहित और गौण कर्म होता है तथा बाद में प्रयुक्त कर्म निर्जीव, परसर्ग रहित और मुख्य कर्म होता है; जैसे–
(i) अध्यापक छात्रों को पुस्तक पढ़ाता है।
छात्रों को– सजीव, परसर्ग सहित, गौण कर्म
पुस्तक– निर्जीव, परसर्ग रहित और मुख्य कर्म
(ii) विवेक जया को पत्र लिखता है।
जया को– सजीव, परसर्ग सहित, गौण कर्म
पत्र– निर्जीव, परसर्ग रहित और मुख्य कर्म
(iii) हरीश संजय को पाठ पढ़ाता है।
संजय को– सजीव, परसर्ग सहित, गौण कर्म
पाठ– निर्जीव, परसर्ग रहित और मुख्य कर्म
(vi) यदि किसी वाक्य का उत्तर हाँ / नहीं में देना हो तो उस वाक्य की शुरुआत हमेशा ‘क्या’ से की जाती है; जैसे–
क्या आपने खाना खाया?
क्या आप विद्यालय जाओगे?
क्या आपने पत्र पढ़ा?
(vii) यदि किसी वाक्य में उपाधि और योग्यता दोनों प्रयुक्त हो तो उपाधि हमेशा नाम से पहले और योग्यता हमेशा नाम के बाद लिखी जाती है; जैसे–
डॉ. मुन्नाभाई एम.बी.बी.एस.
प्रो. अमित कुमार पीएच.डी.
(viii) यदि किसी वाक्य में सजीव कर्म हो तो उसके साथ ‘को’ परसर्ग प्रयुक्त होता है और यदि निर्जीव कर्म हो तो उसके साथ ‘को’ परसर्ग का प्रयोग नहीं किया जाता है; जैसे–
विजय कपड़े सिलता है।
मीना खाना पकाती है।
• विशेष– यदि किसी वाक्य में बजाना और बढ़ाना क्रिया प्रयुक्त होती है तो कर्म चाहे सजीव हो या निर्जीव हो ‘को’ परसर्ग का प्रयोग किया जाता है; जैसे–
मैंने ढोलक को बजाया।
बच्चों ने झगड़े को बढ़ाया।
(ix) कर्ता और कर्म को छोड़कर शेष सभी कारक प्राय: कर्ता और कर्म के बीच में प्रयुक्त होते हैं; जैसे–
(i) किसान ट्रेक्टर से खेत जोत रहा है।
किसान– कर्ता
ट्रेक्टर– करण कारक
खेत– कर्म
(ii) छात्र मैदान में क्रिकेट खेल रहे हैं।
छात्र– कर्ता
मैदान में– अधिकरण
क्रिकेट– कर्म
(x) यदि किसी वाक्य में पूर्वकालिक क्रिया और मुख्य क्रिया दोनों प्रयुक्त हो तो पूर्वकालिक क्रिया हमेशा मुख्य क्रिया से पहले प्रयोग की जाती है; जैसे–
मेरे आते ही वह फफककर रोने लगी।
फफककर– पूर्वकालिक क्रिया
रोने– मुख्य क्रिया
(xi) यदि किसी वाक्य में क्रिया के साथ न/नहीं का प्रयोग हो तो न/नहीं हमेशा क्रिया से पहले प्रयुक्त होते हैं; जैसे–
विकास क्षमा नहीं माँगेगा।
राकेश जयपुर नहीं जाएगा।
(xii) यदि किसी वाक्य में क्रिया और क्रियाविशेषण दोनों ही प्रयुक्त हो, तो क्रिया विशेषण हमेशा क्रिया से पहले प्रयोग होगा; जैसे–
(i) मितांश धीरे-धीरे बोल रहा है।
धीरे-धीरे– क्रियाविशेषण
बोल रहा– क्रिया
(ii) चेतक घोड़ा तेज दौड़ता है।
तेज– क्रियाविशेषण
दौड़ता– क्रिया
2. पद संबंधी अशुद्धि–
• परिभाषा– जब किसी वाक्य में पदों का व्याकरणिक नियमों के अनुसार प्रयोग नहीं होता तो वाक्य में जो अशुद्धि होती है उसे पद संबंधी अशुद्धि कहते हैं।
नियम–
(i) यदि किसी वाक्य में एक से अधिक कर्ता असमान लिंग और एकवचन में प्रयुक्त हो, तो वाक्य में प्रयुक्त क्रिया निम्नानुसार होगी; जैसे–
मोहन, सोहन व गीता पुस्तक पढ़ रही है।
मोहन, गीता व सोहन पुस्तक पढ़ रहा है।
मोहन, सोहन व गीता सभी पुस्तक पढ़ रहे हैं।
(ii) यदि किसी वाक्य में कर्ता और कर्म दोनों ही परसर्ग-सहित हो तो वाक्य में प्रयुक्त क्रिया न तो कर्ता के अनुसार प्रयुक्त होती है और न ही कर्म के अनुसार प्रयुक्त होती है, बल्कि भाव के अनुसार प्रयुक्त होती है; जैसे–
राम ने रावण को मारा।
बच्चों ने साँप को देखा।
(iii) यदि किसी वाक्य में एक से अधिक कर्म असमान लिंग और वचन में प्रयुक्त हो तो क्रिया हमेशा अन्तिम कर्म के अनुसार प्रयुक्त होती है; जैसे–
राम ने पेन, पुस्तक और थैला खरीदा।
श्याम ने पेन, थैला और पुस्तक खरीदी।
मोहन ने पेन, पुस्तक और थैले खरीदे।
वाक्यगत अशुद्धियों के अन्य कारण–
• लिंग संबंधी अशुद्धि–
अशुद्ध रूप | शुद्ध रूप |
आज मैंने नया पोशाक पहना। | आज मैंने नई पोशाक पहनी। |
बेटी पराए घर का धन होता है। | बेटी पराए घर का धन होती है। |
कल मैंने नई स्कूटर खरीदा। | कल मैंने नया स्कूटर खरीदा। |
मुझे तुम्हारा भाई मिली। | मुझे तुम्हारा भाई मिला। |
• पदों के क्रम संबंधी अशुद्धि–
अशुद्ध रूप | शुद्ध रूप |
गाय का ताकतवर दूध होता है। | गाय का दूध ताकतवर होता है। |
अपनी बात आपको मैं बताता हूँ। | मैं आपको अपनी बात बताता हूँ। |
शहीदों का देश सदा आभारी रहेगा। | देश शहीदों का सदा आभारी रहेगा। |
नेताजी को एक फूलों की माला पहनाई। | नेताजी को फूलों की एक माला पहनाई। |
• पुनरुक्तिदोष/पुनरावृति सम्बन्धी अशुद्धि–
अशुद्ध रूप | शुद्ध रूप |
जोधपुर में कई दर्शनीय स्थल देखने योग्य हैं। | जोधपुर में कई दर्शनीय स्थल हैं। जोधपुर में कई स्थल देखने योग्य हैं। |
कृपया आप मेरे घर आने की कृपा करें। | कृपया आप मेरे घर आए। आप मेरे घर आने की कृपा करें। |
वह बहुत जल्दी वापस लौट आया। | वह बहुत जल्दी लौट आया। |
प्रधानमंत्री जी जनता के हितकर कल्याण के लिए कार्य कर रहे हैं। | प्रधानमंत्री जी जनता के हितकर/ कल्याण के लिए कार्य कर रहे हैं। |
मैं प्रात:काल के समय घूमने जाता हूँ। | मैं प्रात:काल घूमने जाता हूँ। |
• संज्ञा पदों से संबंधी अशुद्धि–
(अ) अनावश्यक संज्ञा पद
(ब) अनुपयुक्त संज्ञा पद
(अ) अनावश्यक संज्ञा पद संबंधी अशुद्धि–
अशुद्ध रूप | शुद्ध रूप |
मैं सोमवार के दिन व्रत रखता हूँ। | मैं सोमवार को व्रत रखता हूँ। |
प्रात:काल के समय घूमना चाहिए। | प्रात:काल घूमना चाहिए। |
‘उत्साह’ नामक शीर्षक निबंध अच्छा है। | ‘उत्साह’ शीर्षक निबंध अच्छा है। |
अब विंध्याचल पर्वत हरा-भरा हो गया। | अब विंध्याचल हरा-भरा हो गया। |
(ब) अनुपयुक्त पद संबंधी अशुद्धि–
• जब किसी वाक्य में किसी अनुपयुक्त पद का प्रयोग कर दिया जाता है अर्थात् जो पद प्रयुक्त होना चाहिए वह पद प्रयुक्त न होकर कोई दूसरा पद प्रयुक्त कर दिया जाता है, उससे जो अशुद्धि होती है, उसे अनुपयुक्त पद सम्बन्धी अशुद्धि कहते हैं।
अशुद्ध वाक्य | शुद्ध वाक्य |
नगर की सारी जनसंख्या भूखी है। | नगर की सारी जनता भूखी है। |
कृषि हमारी व्यवस्था की रीढ़ है। | कृषि हमारी व्यवस्था का आधार है। |
जिसकी लाठी उसकी भैंस वाली कथा चरितार्थ होती है। | जिसकी लाठी उसकी भैंस वाली कहावत चरितार्थ होती है। |
वह मेरे शब्दों पर ध्यान नहीं देती। | वह मेरी बातों पर ध्यान नहीं देती। |
इस समस्या का औषध मेरे पास है। | इस समस्या का समाधान मेरे पास है। |
आज के समय में हिंदी के प्रचार-प्रसार में बड़े-बड़े संकट आ रहे हैं। | आज के समय में हिंदी के प्रचार-प्रसार में बड़ी-बड़ी बाधाएँ आ रही हैं। |
मुझे सफल होने की निराशा हैं। | मुझे सफल होने की आशा है। |
मोहन ने सोहन के लिए गाने कीकुछ लड़ियाँ सुनाई। | मोहन ने सोहन के लिए गाने कीकुछ कड़ियाँ सुनाई। |
• सर्वनाम संबंधी अशुद्धियाँ–
अशुद्ध वाक्य | शुद्ध वाक्य |
मेरे से मत पूछो। | मुझसे मत पूछो। |
तेरे को अब जाना चाहिए। | तुझे अब जाना चाहिए। |
मैंने नहीं जाना है। | मुझे नहीं जाना है। |
जो सोता है वह खोता है। | जो सोता है सो खोता है। |
आँख में कौन पड़ गया? | आँख में क्या पड़ गया? |
वह कौन लोग थे? | वे कौन लोग थे? |
• विशेषण संबंधी अशुद्धियाँ–
अशुद्ध वाक्य | शुद्ध वाक्य |
उसे भारी प्यास लगी है। | उसे बहुत प्यास लगी है। |
जीवन और साहित्य में घना सम्बन्ध है। | जीवन और साहित्य में घनिष्ठ सम्बन्ध है। |
मुझे बड़ी भूख लगी है। | मुझे बहुत भूख लगी है। |
यह एक गहरी समस्या है। | यह एक गंभीर समस्या है। |
वहाँ भारी-भरकम भीड़ जमा थी। | वहाँ बहुत भीड़ जमा थी। |
• वचन संबंधी अशुद्धियाँ–
अशुद्ध वाक्य | शुद्ध वाक्य |
उसने अनेक प्रकार की विधा सीखी। | उसने अनेक प्रकार की विधाएँ सीखी। |
मेरे आँसुओं से रूमाल भीग गया। | मेरे आँसू से रूमाल भीग गया। |
मैंने अपना हस्ताक्षर कर दिया। | मैंने अपने हस्ताक्षर कर दिए। |
उसका प्राण निकल गए। | उसके प्राण निकल गए। |
हमारे सामानों का ध्यान रखना। | हमारे सामान का ध्यान रखना। |
वे विविध विषय से परिचित हैं। | वे विविध विषयों से परिचित हैं। |
ऐसी एकाध बातें सुनकर दु:ख होता है। | ऐसी एकाध बात सुनकर दु:ख होता है। |
सबों ने यही राय दी । | सब ने यही राय दी । |
उसका दर्शन हो गए। | उसके दर्शन हो गए। |
• अव्यय संबंधी अशुद्धियाँ–
अशुद्ध वाक्य | शुद्ध वाक्य |
पुस्तक विद्वतापूर्ण लिखी गई। | पुस्तक विद्वतापूर्वक लिखी गई। |
जैसी करनी उसी प्रकार भरनी। | जैसी करनी वैसी भरनी। |
कार्य आसानीपूर्वक कर लिया गया। | कार्य आसानी से कर लिया गया। |
यद्यपि वह बीमार था परन्तुविद्यालय गया। | यद्यपि वह बीमार था तथापिविद्यालय गया। |
• संज्ञा/सर्वनाम/विशेषण के विभक्ति रूपों से संबंधी अशुद्धियाँ–
अशुद्ध वाक्य | शुद्ध वाक्य |
आपका कुत्ता भाग गया, कहाँ से आएगा? | आपका कुत्ता भाग गया, अब वह कहाँ से आएगा? |
आलसी व्यक्ति ने भगवान से कहा कि मुझे सुख मिले। | आलसी व्यक्ति ने भगवान से कहा कि मैं सुखी रहना चाहता हूँ। |
कृष्ण और राम अपने घर गए। | कृष्ण और राम अपने-अपने घर गए। |
गौतम बुद्ध की मूर्ति में एक आभा नृत्य करती है। | गौतम बुद्ध की मूर्ति में एक आभा प्रतिभासित होती है। |
कबीर ने कहा कि अकेला वही दु:खीहूँ। | कबीर ने कहा कि मैं ही दु:खीहूँ। |
• क्रिया संबंधी अशुद्धियाँ–
अशुद्ध वाक्य | शुद्ध वाक्य |
गाँव के प्रधानाध्यापक के पदोन्नति पर जाने पर गाँव वालों ने उन्हें अभिनन्दन-पत्र प्रदान किया। | गाँव के प्रधानाध्यापक के पदोन्नति पर जाने पर गाँव वालों ने उन्हें अभिनन्दन-पत्र भेंट किया। |
क्या उस प्रश्न के हल करने कीआवश्यकता है? | क्या उस प्रश्न के हल कीआवश्यकता है? |
वह आज दूध निकालकर गायों कोचराने का काम करेगा। | वह आज दूध दुहकर गायेंचराएगा। |
जेम्स वॉट ने भाप के इंजन कीखोज की। | जेम्स वॉट ने भाप के इंजन काआविष्कार किया। |
जगदीश चन्द वसु ने टेलीफोन कीउत्पत्ति की। | जगदीश चन्द वसु ने टेलीफोनका आविष्कार किया। |
मैं आप सबका धन्यवाद करता हूँ। | मैं आप सबको धन्यवाद देता हूँ। |
चालक ने पूछा कि यह सड़क कहाँजाती है? | चालक ने पूछा कि इस सड़कसे कहाँ पहुँचा जा सकता है? |
• कारक संबंधी अशुद्धियाँ–
(i) कर्ता कारक संबंधी अशुद्धियाँ–
अशुद्ध वाक्य | शुद्ध वाक्य |
मैं लिख लिया। | मैंने लिख लिया। |
वह छोटी बच्ची ने रोयी। | वह छोटी बच्ची रोयी। |
वह कहा कि मैं स्कूल में पढ़ आया। | उसने कहा कि मैं स्कूल में पढ़ आया। |
राम ने पढ़कर घर गया। | राम पढ़कर घर गया। |
मोहन ने सोहन को देखकर बहुत हँसा। | मोहन, सोहन को देखकर बहुत हँसा। |
(ii) कर्म कारक संबंधी अशुद्धियाँ–
अशुद्ध वाक्य | शुद्ध वाक्य |
इस पाठ को पढ़ो। | यह पाठ पढ़ो। |
उसको तो देर से आने की आदत है। | उसे तो देर से आने की आदत है। |
उद्यमी व्यक्ति को समय को नष्ट नहीं करना चाहिए। | उद्यमी व्यक्ति को समय नष्ट नहीं करना चाहिए। |
कश्मीर सीमा पर सरकार आतंकवाद को सहन नहीं करेगी। | कश्मीर सीमा पर सरकार आतंकवाद सहन नहीं करेगी। |
मुझे बहुत पुस्तकों को पढ़ना पड़ता है। | मुझे बहुत पुस्तकें पढ़नी पड़ती है। |
(iii) करण कारक संबंधी अशुद्धियाँ–
अशुद्ध वाक्य | शुद्ध वाक्य |
जल्दी करो, नल में पानी भर लो | जल्दी करो, नल से पानी भर लो |
दो दिन से वह बस के साथ यात्रा कर रहा है। | दो दिन से वह बस से यात्रा कर रहा है। |
अपनी गरज को वह नाकरगड़ता फिरता है। | अपनी गरज से वह नाक रगड़ताफिरता है। |
यह कार्यालय ईंट और चूने काहै। | यह कार्यालय ईंट और चूने सेबनाया गया है। |
(iv) सम्प्रदान कारक संबंधी अशुद्धियाँ–
अशुद्ध वाक्य | शुद्ध वाक्य |
पिता ने पुत्र के लिए सौ रुपये दिए। | पिता ने पुत्र को सौ रुपये दिए। |
कृपया आप मेरे लिए क्षमा करें। | कृपया आप मुझे क्षमा करें। |
गाँधीजी ने देश के लिए स्वतंत्रता दिलाई। | गाँधीजी ने देश को स्वतंत्रता दिलाई। |
कुछ लोग खाने को जीते हैं औरकुछ जीने को खाते हैं। | कुछ लोग खाने के लिए जीते हैं और कुछ जीने के लिए खाते हैं। |
मुकेश बाजार से सुरेश को पुस्तक लाया। | मुकेश बाजार से सुरेश के लिए पुस्तक लाया। |
माता संतान के लिए शिक्षा देती है। | माता संतान को शिक्षा देती है। |
(v) अपादान कारक संबंधी अशुद्धियाँ–
अशुद्ध वाक्य | शुद्ध वाक्य |
वह आज सुबह का ऊब रहा है। | वह आज सुबह से ऊब रहा है। |
वहाँ का घी शुद्ध होता है। | वहाँ से लाया हुआ घी शुद्ध होता है। |
विजय गाँव का दूध लाकर शहरमें बेचता है। | विजय गाँव से दूध लाकर शहरमें बेचता है। |
घर में अत्यंत दु:खी होकरराजेश वहाँ चला गया। | अत्यंत दु:खी होकर राजेश घर से वहाँ चला गया। |
घुड़सवारी सीखते हुए बच्चाघोड़े पर से गिर गया। | घुड़सवारी सीखते हुए बच्चाघोड़े से गिर गया। |
(vi) सम्बन्ध कारक संबंधी अशुद्धियाँ–
अशुद्ध वाक्य | शुद्ध वाक्य |
राम-श्याम के गाँव अलग-अलग हैं। | राम का और श्याम का गाँव अलग-अलग है। |
यह पानी का कुआँ है। | यह कुआँ है। |
यहाँ गाँव के विद्यालयों के छात्र हैं। | यहाँ ग्रामीण विद्यालयों के छात्र हैं। |
यह विदेश का आदमी यहाँ कैसे आ गया? | यह विदेशी यहाँ कैसे आ गया? |
(viii) अधिकरण कारक संबंधी अशुद्धियाँ–
अशुद्ध वाक्य | शुद्ध वाक्य |
आज बजट के ऊपर बहस होगी। | आज बजट पर बहस होगी। |
अधिकारी ने कहा किअधिसूचना ऐसा नहीं कहती। | अधिकारी ने कहा कि अधिसूचना मेंऐसा नहीं कहा गया है। |
आदर्श वाक्य है कि माता-पिता से आस्था रखो। | आदर्श वाक्य है कि माता-पिता मेंआस्था रखो। |
(ix) विराम चिह्न संबंधी अशुद्धियाँ–
अशुद्ध वाक्य | शुद्ध वाक्य |
धीरे-धीरे ध्यान से चलो। | धीरे-धीरे, ध्यान से चलो। |
गुरुदेव यह तो सरासरअन्याय है। | गुरुदेव! यह तो सरासर अन्याय है। |
आप कल कहाँ गए थे। | आप कल कहाँ गए थे? |
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