वाक्य किसे कहते हैं? वाक्य की परिभाषा, भेद और उदाहरण [Vakya]

नमस्कार आज हम हिंदी व्याकरण के महत्वपूर्ण भाग वाक्य (Vakya) के विषय में अध्ययन करेंगे। इस अध्ययन के दौरान हम विभिन्न टॉपिक को कवर करेंगे जैसे वाक्य किसे कहते हैं? वाक्य की परिभाषा, वाक्य के भेद और वाक्य के उदाहरण इत्यादि के विषय में विस्तार पूर्वक अध्ययन एवं चर्चा करेंगे।

वाक्य किसे कहते हैं? वाक्य की परिभाषा, भेद और उदाहरण [Vakya]

वाक्य किसे कहते हैं?

सार्थक शब्दों का व्यवस्थित समूह जिससे अपेक्षित अर्थ प्रकट हो, वाक्य कहलाता है।

वाक्य की परिभाषा क्या हैं?

सार्थक शब्दों का व्यवस्थित समूह जिससे अपेक्षित अर्थ प्रकट हो, वाक्य कहलाता है।

वाक्य के अनिवार्य तत्त्व–

1. सार्थकता– वाक्य का कुछ न कुछ अर्थ अवश्य होता है। अतः इसमें सार्थक शब्दों का ही प्रयोग होता है।

2. योग्यता– वाक्य में प्रयुक्त शब्दों में प्रसंग के अनुसार अपेक्षित अर्थ प्रकट करने की योग्यता होती है; जैसे– ‘चाय खाई‘, यह वाक्य नहीं है क्योंकि चाय खाई नहीं जाती बल्कि पी जाती है।

3. आकांक्षा– ‘आकांक्षा‘ का अर्थ है ‘इच्छा‘। एक पद को सुनने के बाद दूसरे पद को जानने की इच्छा को आकांक्षा कहते हैं। वाक्य अपने आप में पूरा होना चाहिए। उसमें किसी ऐसे शब्द की कमी नहीं होनी चाहिए जिसके कारण अर्थ की अभिव्यक्ति में अधूरापन लगे पत्र लिखता है, इस वाक्य में क्रिया के कर्ता को जानने की इच्छा होगी। अतः पूर्ण वाक्य इस प्रकार होगा– राम पत्र लिखता है।

4. निकटता– बोलते तथा लिखते समय वाक्य के शब्दों में परस्पर निकटता का होना बहुत आवश्यक है, रुक-रुक कर बोले या लिखे गए शब्द वाक्य नहीं बनाते। अतः वाक्य के पद निरंतर प्रवाह में पास-पास बोले या लिखे जाने चाहिए।

5. पदक्रम– वाक्य में पदों का एक निश्चित क्रम होना चाहिए। “सुहावनी है रात होती चाँदनी” इसमें पदों का क्रम व्यवस्थित न होने से इसे वाक्य नहीं मानेंगे। इसे सही क्रम में इस प्रकार होना चाहिए– “चाँदनी रात सुहावनी होती है।“

6. अन्वय– अन्वय का अर्थ है– मेल। वाक्य में लिंग, वचन, पुरुष, काल, कारक आदि का क्रिया के साथ सही मेल होना चाहिए; जैसे– “राधा मोहन का पत्नी है”, इसमें कारक का अन्वय ठीक नहीं है। अतः शुद्ध वाक्य होगा “राधा मोहन की पत्नी है।“

वाक्य के अंग–

वाक्य के दो अंग हैं–

1. उद्देश्य– जिसके बारे में कहा जाता है, उसे उद्देश्य कहते हैं; जैसे– अनुराग खेलता है। सचिन दौड़ता है।
• इन वाक्यों में ‘अनुराग‘ और ‘सचिन‘ के विषय में कहा गया है। अतः ये उद्देश्य है। इसके अंतर्गत कर्ता और कर्ता का विस्तार आता है “परिश्रम करने वाला व्यक्ति सदा सफल होता है।“ इस वाक्य में कर्ता (व्यक्ति) का विस्तार ‘परिश्रम करने वाला‘ है।

2. विधेय– वाक्य के जिस भाग में उद्देश्य के बारे में जो कुछ कहा जाता है, उसे विधेय कहते हैं; जैसे– अनुराग खेलता है। इस वाक्य में ‘खेलता है‘ विधेय है। विधेय के विस्तार के अंतर्गत वाक्य में कर्ता (उद्देश्य) व कर्ता के विस्तार को अलग करने के बाद वाक्य में जो कुछ भी शेष रह जाता है, वह विधेय व विधेय का विस्तार कहलाता है; जैसे– लम्बे-लम्बे बालों वाली लड़की अभी-अभी एक बच्चे के साथ दौड़ते हुए उधर गई।
• इस वाक्य में “अभी-अभी एक बच्चे के साथ दौड़ते हुए उधर गई” विधेय का विस्तार है तथा “लम्बे-लम्बे बालों वाली लड़की” उद्देश्य का विस्तार है।

वाक्य के भेद/ वाक्य के प्रकार

वाक्य अनेक प्रकार के हो सकते हैं। उनका विभाजन हम दो आधारों पर कर सकते हैं–

1. अर्थ के आधार पर वाक्य के भेद– 

अर्थ के आधार पर वाक्य के निम्नलिखित आठ भेद होते हैं–
(i) विधानवाचक (Assertive Sentence)– जिन वाक्यों में क्रिया के करने या होने की सूचना मिले, उन्हें विधानवाचक वाक्य कहते हैं; जैसे–मैंने दूध पिया। वर्षा हो रही है। राम पढ़ रहा है।

(ii)  निषेधवाचक (Negative Sentence)– जिन वाक्यों से कार्य न होने या किसी विषय के अभाव का भाव प्रकट होता है, उन्हें निषेधवाचक वाक्य कहते हैं; जैसे– मैंने दूध नहीं पिया। मैंने खाना नहीं खाया। तुम मत लिखो।

(iii) आज्ञावाचक (Imperative Sentence)– जिन वाक्यों से आज्ञा, आदेश, उपदेश आदि देने का ज्ञान होता है, उन्हें आज्ञावाचक वाक्य कहते हैं; जैसे– बाजार जाकर फल ले आओ। मोहन तुम बैठ कर पढ़ो। बड़ों का सम्मान करो।

(iv) इच्छावाचक (Illative Sentence)– जिन वाक्यों से इच्छा, आशीष एवं शुभकामना आदि भाव का ज्ञान होता है, उन्हें इच्छावाचक वाक्य कहते हैं; जैसे– तुम्हारा कल्याण हो। आज तो मैं केवल फल खाऊँगा। भगवान तुम्हें लम्बी आयु दे।

(V) प्रश्नवाचक– जिन वाक्यों से प्रश्न का भाव प्रकट हो, उन्हें प्रश्नवाचक वाक्य कहते हैं; जैसे– आप सब कहाँ गए थे?, यहाँ पर कौन रहता है?

(vi) संदेहवाचक (Sentence indicating doubt)– जिन वाक्यों से संदेह या संभावना व्यक्त होती है, उन्हें संदेहवाचक वाक्य कहते हैं; जैसे– शायद शाम को वर्षा हो जाए। यह आ रहा होगा, पर हमें क्या मालूम। हो सकता है राजेश आ जाए।

(vii) विस्मयवाचक (Exclamatory Sentence)– जिन वाक्यों से आश्चर्य, विस्मय, घृणा, क्रोध, शोक आदि भावों की अभिव्यक्ति होती है, उन्हें विस्मयवाचक वाक्य कहते हैं; जैसे– वाह! कितना सुंदर दृश्य है। हाय! उसके माता-पिता दोनों ही चल बसे। शाबाश! तुमने बहुत अच्छा काम किया।

(viii) संकेतवाचक (Conditional Sentence)– जिन वाक्यों में संकेत या शर्त का बोध हो, उन्हें संकेतवाचक वाक्य कहते हैं; जैसे– यदि परिश्रम करोगे तो अवश्य सफल होंगे। पिताजी अभी आते तो अच्छा होता। अगर वर्षा होगी तो फसल भी होगी।

2. रचना के आधार पर वाक्य के भेद–

 रचना के आधार पर वाक्य के निम्नलिखित तीन भेद होते हैं–

(i) सरल वाक्य/साधारण वाक्य (Simple Sentence)–
• जिन वाक्यों में केवल एक ही उद्देश्य और एक ही विधेय होता है, उन्हें सरल वाक्य या साधारण वाक्य कहते हैं, इन वाक्यों में एक ही क्रिया होती है; जैसे– मुकेश पढ़ता है। शिल्पी पत्र लिखती है। राकेश ने भोजन किया।

(ii) संयुक्त वाक्य (Compound Sentence)–
• जिन वाक्यों में दो या दो से अधिक सरल वाक्य समुच्चयबोधक अव्ययों (और, तथा, एवं, पर, लेकिन, किन्तु, परन्तु आदि) से जुड़े हों, उन्हें संयुक्त वाक्य कहते हैं; जैसे– वह सुबह गया और शाम को लौट आया। प्रिय बोलो पर असत्य नहीं। उसने परिश्रम तो बहुत किया किन्तु सफलता नहीं मिली।

(iii) मिश्रित/मिश्र वाक्य (Complex Sentence)–
• जिन वाक्यों में एक मुख्य या प्रधान वाक्य हो और एक या एक से अधिक आश्रित उपवाक्य हों, उन्हें मिश्रित वाक्य कहते हैं। इनमें एक मुख्य उद्देश्य और मुख्य विधेय के अलावा एक से अधिक समापिका क्रियाएं होती हैं; जैसे– ज्यों ही उसने दवा पी, वह सो गया। यदि परिश्रम करोगे तो उत्तीर्ण हो जाओगे। मैं जानता हूँ कि तुम्हारे अक्षर अच्छे नहीं बनते।

उपवाक्य (Clause)

उपवाक्य किसे कहते हैं?

यदि किसी एक वाक्य में एक से अधिक समापिका क्रियाएँ होती हैं तो वह वाक्य उपवाक्यों में बँट जाता है और उसमें जितनी भी समापिका क्रियाएँ होती हैं उतने ही उपवाक्य होते हैं। इन उपवाक्यों में से जो वाक्य का केन्द्र होता है, उसे मुख्य या प्रधान वाक्य कहते हैं और शेष को आश्रित उपवाक्य कहते हैं।

आश्रित उपवाक्य तीन प्रकार के होते हैं–

1. संज्ञा उपवाक्य– जो आश्रित उपवाक्य प्रधान वाक्य की क्रिया के कर्ता, कर्म अथवा पूरक के रूप में प्रयुक्त हों, उन्हें संज्ञा उपवाक्य कहते हैं; जैसे– मैं जानता हूँ कि वह बहुत ईमानदार है। उसका विचार है कि राम सच्चा आदमी है। रश्मि ने कहा कि उसका भाई पटना गया है। इन वाक्यों में रेखांकित अक्षरों वाले अंश संज्ञा उपवाक्य हैं। संज्ञा उपवाक्य का प्रारंभ प्रायः ‘कि’ से होता है।

2. विशेषण उपवाक्य– जब कोई आश्रित उपवाक्य प्रधान वाक्य की संज्ञा पद की विशेषता बताते हैं, उन्हें विशेषण उपवाक्य कहते हैं; जैसे– मैंने एक व्यक्ति को देखा जो बहुत मोटा था। वह फल कहाँ है जो बहुत मीठा था।
• इन वाक्यों में रेखांकित अक्षरों वाले अंश विशेषण उपवाक्य हैं। विशेषण उपवाक्य का प्रारंभ ‘जो’ अथवा इसके किसी रूप (जिसे, जिसका, जिसके, जिसकी आदि) से होता है।

3. क्रियाविशेषण उपवाक्य– जो आश्रित उपवाक्य प्रधान वाक्य की क्रिया की विशेषता बताए, उसे क्रियाविशेषण उपवाक्य कहते हैं। ये प्रायः क्रिया का काल, स्थान, रीति, परिमाण, कारण आदि के सूचक क्रियाविशेषणों के द्वारा प्रधान वाक्य से जुड़े रहते हैं; जैसे– जब वर्षा हो रही थी तब मैं कमरे में था। जहाँ-जहाँ वे गए, उनका स्वागत हुआ। मैं वैसे ही जाता हूँ, जैसे रमेश जाता है। यदि मैंने परिश्रम किया होता तो अवश्य सफल होता। इन वाक्यों में रेखांकित अक्षरों वाले अंश क्रियाविशेषण उपवाक्य है।

प्रधान उपवाक्यआश्रित उपवाक्यउपवाक्य का प्रकार
1. रवि ने कहाकि मैं गाँव नहीं जाऊँगा।संज्ञा उपवाक्य
2. वे सफल होते हैंजो परिश्रम करते हैं।विशेषण उपवाक्य
3. अशोक को गाड़ी नहीं मिली।क्योंकि वह समय पर नहीं गया।क्रियाविशेषण उपवाक्य

वाक्य विश्लेषण–

रचना के आधार पर बने वाक्यों को उनके अंगों सहित पृथक् कर उनका पारस्परिक सम्बन्ध बताने को वाक्य विश्लेषण कहते हैं–

1. साधारण वाक्य का वाक्य विश्लेषण– साधारण वाक्य के वाक्य विश्लेषण में सर्वप्रथम साधारण वाक्य के दो अंग-उद्देश्य तथा विधेय को बतलाना होता है, तत्पश्चात् उद्देश्य के अंगों कर्ता तथा कर्ता का विस्तारक तथा ‘विधेय’ के अन्तर्गत कर्म, कर्म का विस्तारक, पूरक, पूरक का विस्तारक तथा क्रिया एवं क्रिया के विस्तारक जो भी हो, उसका उल्लेख करना होता है; जैसे–
मेरा भाई प्रशान्त धार्मिक पुस्तकें बहुत पढ़ता है।

उद्‌देश्यविधेय
कर्ताकर्ता का विस्तारककर्मकर्म का विस्तारकपूरकपूरक का विस्तारकक्रियाक्रिया का विस्तारक
प्रशान्तमेरा भाईपुस्तकेंधार्मिकपढ़ता हैबहुत

 आगरा का ताजमहल दर्शनीय स्थल है।

उद्‌देश्यविधेय
कर्ताकर्ता का विस्तारककर्मकर्म का विस्तारकपूरकपूरक का विस्तारकक्रियाक्रिया का विस्तारक
ताजमहलआगरास्थल हैदर्शनीय

2.  मिश्र या मिश्रित वाक्य का वाक्य विश्लेषण– मिश्र या मिश्रित वाक्य के वाक्य विश्लेषण में उसके प्रधान उपवाक्य तथा आश्रित उपवाक्य एवं उसके प्रकार का उल्लेख किया जाता है; जैसे–
1. सुशील ने कहा कि मैं गाँव नहीं जाऊँगा।
2. जो परिश्रम करते हैं, वे सफल होते हैं।
3. श्याम को गाड़ी नहीं मिली, क्योंकि वह समय पर नहीं गया।

प्रधान उपवाक्यआश्रित उपवाक्यउपवाक्य का प्रकार
1. सुशील ने कहाकि मैं गाँव नहीं जाऊँगा।संज्ञा उपवाक्य
2. वे सफल होते हैंजो परिश्रम करते हैं।विशेषण उपवाक्य
3. श्याम को गाड़ी नहीं मिलीक्योंकि वह समय पर नहीं गया।क्रियाविशेषण उपवाक्य

3. संयुक्त वाक्य का वाक्य विश्लेषण– संयुक्त वाक्य के विश्लेषण में साधारण वाक्यों या प्रधान उपवाक्यों या समानाधिकरण उपवाक्यों के उल्लेख के साथ उन्हें जोड़ने वाले संयोजक शब्द का उल्लेख करना होता है; जैसे–
कृष्ण बाँसुरी बजाते थे और राधा नाचती थी।

साधारण वाक्य/प्रधान उपवाक्य/समानाधिकरण उपवाक्य संयोजक शब्द
(अ) कृष्ण बाँसुरी बजाते थे और
(ब) राधा नाचती थी।

वाक्य में पदों का क्रम–

प्रत्येक भाषा की वाक्य रचना में पदों का एक निश्चित क्रम होता है। हिन्दी में इस सम्बन्ध में कुछ नियम इस प्रकार हैं–
1. सामान्य वाक्यों में पहले कर्ता फिर कर्म तथा अन्त में क्रिया होती है; जैसे– मोहन भोजन करता है। (कर्ता + कर्म + क्रिया)
2. कर्ता, कर्म तथा क्रिया के विस्तारक क्रमशः इनसे पहले ही आते हैं; जैसे– भूखा भिखारी गर्म रोटी जल्दी-जल्दी खा गया।
3. पदवी या व्यवसाय-सूचक शब्द नाम से पहले आते हैं; जैसे– डॉ. मनोज आज जर्मनी जायेंगे।
प्रोफेसर रामप्रसाद छात्रों को पढ़ा रहे हैं।
4. वाक्य में सम्बन्ध कारक का प्रयोग सम्बन्धी से पहले किया जाता है; जैसे– यह रवि का घर है।
5. क्रिया-विशेषण क्रिया से पहले लगाया जाता है; जैसे– घोड़ा तेज दौड़ता है।
6. प्रश्नवाचक पद प्रायः व्यक्ति या विषय से पूर्व लगाया जाता है; जैसे– तुम किस व्यक्ति की बात कर रहे हो?
7. पूर्वकालिक क्रिया मुख्य क्रिया से पहले आती है; जैसे– वह आम खाकर चला गया।
8. द्विकर्मक क्रिया में गौण कर्म पहले और मुख्य कर्म बाद में आता है; जैसे– शोक ने सुशील को पुस्तक दी।
9. निषेधात्मक वाक्यों में ‘न’ अथवा ‘नहीं’ का प्रयोग प्रायः क्रिया से पूर्व किया जाता है; जैसे– दुष्यन्त वहाँ नहीं जायेगा।
10. करण कारक, सम्प्रदान कारक, अपादान कारक तथा अधिकरण कारक कर्ता और कर्म के मध्य रखे जाते हैं तथा वाक्य में इनका प्रयोग विपरीत क्रम यानी अधिकरण, अपादान, सम्प्रदान, करण कारक में होता है; जैसे– मीना ने कागज पर रिंकु के लिए पेन्सिल से चित्र बनाया।
11. मिश्रवाक्य की संरचना में प्रधान वाक्य प्रायः आश्रित उपवाक्य के पहले आता है; जैसे– गाँधी जी ने कहा कि सदा सत्य बोलो। राम सफल नहीं हुआ क्योंकि वह पढ़ा नहीं।
12. पूरक, कर्तृ पूरक स्थिति में सदैव कर्ता के बाद तथा कर्म पूरक स्थिति में कर्म के बाद रहता है।
13. यदि वाक्य में सम्बोधन या विस्मयादिबोधक है, तो वह कर्ता से पहले आता है; जैसे– अजय, मेरी बात सुनो। अरे! हरिण भाग गया।
14. मिश्र या संयुक्त वाक्यों में योजक दो उपवाक्यों के बीच प्रयुक्त होता है; जैसे–
तुम इसी समय रवाना हो जाओ ताकि गाड़ी मिल जाय।– मिश्र वाक्य
कृष्ण बाँसुरी बजा रहे हैं और राधा नाच रही है।– संयुक्त वाक्य

 वाक्य में पदों की अन्विति–

किसी वाक्य में पदों का सही क्रम ही पर्याप्त नहीं होता बल्कि उसके पदों में अन्विति का होना भी आवश्यक होता है। ‘अन्विति’ का अर्थ होता है– ‘सम्बद्धता’। अर्थात् वाक्य में प्रयुक्त विभिन्न पदों में उचित मेल होना आवश्यक है।

1. कर्ता और क्रिया की अन्विति–
(i) कर्ता के साथ परसर्ग नहीं होने पर क्रिया ‘कर्ता’ के लिंग, वचन के अनुसार होती है; जैसे– राम पुस्तक पढ़ता है। सीता पुस्तक पढ़ती है।
(ii) वाक्य में भिन्न लिंग और वचन के अनेक कर्ता परसर्ग रहित हो तो क्रिया बहुवचन में होती है तथा उसका लिंग अन्तिम कर्ता के अनुसार होता है; जैसे– लड़के और लड़कियाँ खेलती हैं। लड़कियाँ और लड़के खेलते हैं।
(iii) यदि एक से अधिक कर्ता परसर्ग रहित हो और अन्त में समूह वाचक शब्द हो तो क्रिया बहुवचन में होती हैं; जैसे– राम, श्याम, राधा सब जा रहे हैं।
(iv) यदि एक से अधिक परसर्ग रहित कर्ता एक ही पुरुष, लिंग के एकवचन हो, तो क्रिया इसी लिंग के बहुवचन में होगी; जैसे– संजु, मंजु और अंजु खेल रही है।
(v) यदि भिन्न लिंग, वचन के परसर्ग रहित एकवचन के कर्ता ‘और’, ‘तथा’ आदि से जुड़े हो, तो वाक्य में क्रिया बहुवचन पुल्लिंग में होगी; जैसे–
शाह और बेगम सुरैया विमान से उतरे।
राम और सीता वन से नहीं आए।
(vi) यदि भिन्न लिंग वचन के परसर्ग रहित कर्ता एकवचन हो तथा वाक्य में विभाजक समुच्चय बोधक (अथवा, या) लगा हो, तो क्रिया का लिंग, वचन अन्तिम कर्ता के लिंग, वचन के अनुसार होगा; जैसे–
मयंक या अभिषेक चला गया।
प्रशान्त अथवा टीना गाना गायेगी।
(vii) आदरसूचक एकवचन कर्ता के साथ क्रिया बहुवचन में आती है; जैसे– माताजी खाना बना रही हैं। गुरुजी पढ़ा रहे हैं।
(viii) कर्ता का लिंग अज्ञात होने पर क्रिया पुल्लिंग ही होती है; जैसे–कौन आया है? वहाँ कोई खड़ा है।
(ix) हिन्दी में आँसू, होश, प्राण, हस्ताक्षर, दर्शन, भाग्य, दाम, होठ, अक्षत आदि शब्दों का प्रयोग सदैव बहुवचन में ही होता है; जैसे– आज आपके दर्शन हो गये। ये मेरे ही हस्ताक्षर हैं।

2. कर्म और क्रिया की अन्विति–
(i) यदि कर्ता परसर्ग ‘ने’ सहित हो तथा कर्म के साथ ‘को’ न लगा हो, तो क्रिया कर्म के लिंग, वचन के अनुसार होती है; जैसे–
भूपेन्द्र ने आम खाया। नीता ने आम खाया।
महेन्द्र ने चाय पी। सन्तोष ने चाय पी।

(ii) यदि कर्ता और कर्म दोनों के साथ परसर्ग लगा हो तो क्रिया एकवचन, पुल्लिंग और अन्यपुरुष में होती है; जैसे–
राम ने मोहन को पीटा।  सीता ने गीता को पीटा।
लड़कियों ने लड़कों को मारा। पुलिस ने चोर को पकड़ा।

(iii) परसर्ग सहित कर्ता के साथ एक से अधिक कर्म समान लिंग, वचन के होने पर क्रिया उन्हीं लिंग, वचन में होगी; जैसे–
मैंने आम और केले खरीदे। उसने पुस्तक और कॉपी खरीदी।

(iv) यदि कर्ता के साथ परसर्ग ‘ने’ लगा हो और वाक्य में दो कर्म हो, तो क्रिया अन्तिम कर्म के अनुसार होती है; जैसे–
राम ने पुस्तकें और रबड़ खरीदा।
सीता ने रबड़ और पेन्सिलें खरीदीं।

3. संज्ञा और सर्वनाम की अन्विति–
(i) वाक्य में सर्वनाम का वचन उस संज्ञा के वचन के अनुसार होता है जिसके स्थान पर वह प्रयुक्त हुआ है; जैसे–
राम ने कहा, “मैं पत्र लिखूँगा।”
छात्रों ने कहा, “हम खेल खेलेंगे।”
(ii) जो सर्वनाम अनेक संज्ञाओं के स्थान पर आए, वह बहुवचन होता है; जैसे– गीता, सीता, नीता अजमेर गई, वे कल लौटेंगी।
(iii) किसी एक संज्ञा के स्थान पर एक ही सर्वनाम का प्रयोग उचित है, अलग-अलग नहीं; जैसे–
राम ने अपने बड़े भाई से कहा, “आप जल्दी जाइये, आपको देर हो जायेगी।“

4. विशेषण और विशेष्य का मेल–
(i) विशेषण का प्रयोग विशेष्य के अनुसार होता है। आकारान्त विशेषण विशेष्य के लिंग, वचन के अनुसार प्रायः बदल जाते हैं।
तुम पीला कुरता पहनो।
वह पीली साड़ी पहनेगी।
पीले झण्डे फहरा रहे हैं।
किन्तु अन्य विशेषण में विशेष्य के अनुसार परिवर्तन नहीं होता है; जैसे–लाल कमीज, लाल साड़ियाँ, लाल झण्डे।

(ii) यदि वाक्य में एक से अधिक विशेष्य हो तो विशेषण अपने निकट वाले विशेष्य के अनुरूप होगा; जैसे–
काली टोपियाँ और कुरते लाओ।
काले कुरते और टोपियाँ लाओ।

5. सम्बन्ध और सम्बन्धी का अन्वय–
(i) वाक्य में आने वाले सम्बन्धवाचक शब्दों के लिंग, वचन सम्बन्धी के लिंग, वचन के अनुरूप होते हैं; जैसे–
यह राम की गाय है। (प्रस्तुत वाक्य में सम्बन्धी ‘गाय’ के अनुरूप सम्बन्धवाचक ‘की’ स्त्रीलिंग, एकवचन का प्रयोग हुआ है।)
ये राजा के घोड़े हैं। (यहाँ सम्बन्धी ‘घोड़े’ के अनुरूप सम्बन्धवाचक ‘के’ पुल्लिंग, बहुवचन का प्रयोग हुआ है।)

(ii) एक वाक्य में भिन्न लिंग, वचन की अनेक संज्ञाएँ सम्बन्धी हो तो सम्बन्ध कारक अपने बाद में आने वाली संज्ञा के अनुरूप होगा; जैसे–
1. उसकी अँगूठी और हार तैयार है। (‘उसकी’ अँगूठी के अनुसार)
2. उसका हार और अँगूठी तैयार है। (‘उसका’ हार के अनुसार)
3. उसके कपड़े और जूते लाओ (‘उसके’ कपड़े के अनुसार)
4. उसकी पुस्तक और पेन खो गया। (‘उसकी’ पुस्तक के अनुसार)

वाक्य से संबंधित प्रश्न MCQ

Q.1
“मोहन बाजार जा रहा है।” इस वाक्य में उद्देश्य है–

1
मोहन

2
खरीददारी

3
घूमना

4
बाजार

Q.2
“यदि तुम मेरे साथ रहोगे तो अच्छा लगेगा।“ किस प्रकार का वाक्य है‌?

1
संदेहार्थक वाक्य

2
संकेतार्थक वाक्य

3
विधानार्थक वाक्य

4
इच्छार्थक वाक्य

Q.3
कौन-सा सरल वाक्य है?

1
उसने आज सुबह दूध पिया।

2
गिलास नीचे गिरा और टूट गया।

3
मैंने समझाया और वह बात मान गया।

4
वह ऐसे चल रही थी जैसे कोई बीमार चलता हो।

Q.4
“मेरा वह पेन खो गया, जो तुमने मुझे दिया था।” यह वाक्य है–

1
मिश्रित वाक्य

2
संयुक्त वाक्य

3
साधारण वाक्य

4
इनमें से कोई नहीं

Q.5
“किशन भी परीक्षा में उत्तीर्ण होगा और हरि भी क्योंकि दोनों बहुत पढ़ते हैं।” यह वाक्य है–

1
मिश्र-संयुक्त

2
मिश्र-मिश्र

3
संयुक्त-मिश्र

4
केवल-मिश्र

Q.6
निम्नलिखित में से संयुक्त वाक्य नहीं है–

1
गाँधी जी ने कहा कि सदा सत्य बोलो

2
हवा का तीव्र झोंका आया और सब कुछ उड़ा ले गया।

3
मेरा भाई दसवीं कक्षा में पढ़ता है और तुम्हारा भाई आठवीं कक्षा में पढ़ता है।

4
वह बहुत ईमानदार है इसलिए वह सभी जगह आदर पाता है।

Q.7
निम्नांकित में ‘संकेतार्थक’ वाक्य है–

1
वह कल जयपुर जाएगा।

2
यदि वह कहेगा तो मैं भी जाऊँगा।

3
कक्षा में शोरगुल मत करो।

4
मेरी बात ध्यानपूर्वक सुनो।

Q.8
“गुरुजन का सम्मान करना सीखो।” किस प्रकार का वाक्य है?

1
आज्ञार्थक

2
संकेतवाचक

3
संदेहवाचक

4
इच्छार्थक

Q.9
‘ममता आज बहुत खुश लग रही है।’ किस प्रकार का वाक्य है?

1
इच्छार्थक वाक्य

2
संकेतार्थक वाक्य

3
संदेहार्थक वाक्य

4
विधानार्थक वाक्य

Q.10
संदेहार्थक वाक्य का उदाहरण है–

1
यदि तुम पैसे दो तो मैं चलूँ।

2
उन दोनों में जाने, कौन खेलेगा।

3
वाह! कैसा नयनाभिराम दृश्य है।

4
भूपेन्द्र खेलता है।

Q.11
“यदि मन लगाकर काम करोगे तो सफलता प्राप्त करोगे।”
इस वाक्य का प्रकार बताइए–

1
साधारण वाक्य

2
मिश्र वाक्य

3
संयुक्त वाक्य

4
सभी तीनों

Q.12
“सरोज चाहती है कि वह पढ़-लिखकर प्रोफेसर बने।” वाक्य किस प्रकार का आश्रित उपवाक्य है–

1
विशेषण आश्रित उपवाक्य

2
क्रियाविशेषण आश्रित उपवाक्य

3
संज्ञा आश्रित उपवाक्य

4
उपर्युक्त में से कोई नहीं

Q.13
‘निषेधात्मक वाक्य’ का उदाहरण है–

1
आप कहाँ जा रहे हैं?

2
ईश्वर सबका भला करे।

3
राम खेल रहा है।

4
सड़क पर मत खेलो।

Q.14
इनमें से कौन-सा कथन सही है?

1
हिन्दी के सरल वाक्य में कर्म, कर्ता, क्रिया का क्रम होता है।

2
संयुक्त वाक्य में केवल दो ही उपवाक्य होते हैं।

3
मिश्र वाक्य में संज्ञा उपवाक्य प्राय: ‘कि’ से आरम्भ होता है।

4
मिश्र वाक्य में विशेषण उपवाक्य ‘जब’ से आरंभ होता है।

Q.15
‘यह कथन विश्वसनीय नहीं है कि धीर भी आपत्ति में विचलित हो जाता है।‘ वाक्य किस प्रकार का आश्रित उपवाक्य है?

1
संज्ञा आश्रित उपवाक्य

2
विशेषण आश्रित उपवाक्य

3
क्रिया विशेषण उपवाक्य

4
उपर्युक्त में से कोई नहीं

Q.16
मुझे बताओ कि तुम्हारा जन्म कब और कहाँ हुआ था? वाक्य का भेद बताइए–

1
सरल वाक्य

2
आश्रित वाक्य

3
संयुक्त वाक्य

4
मिश्र वाक्य

Q.17
“मोहन ने शादी के लिए कार्ड छपवाए।“ वाक्य किस प्रकार का वाक्य है?

1
संयुक्त वाक्य

2
सरल वाक्य

3
मिश्र वाक्य

4
उपर्युक्त में से कोई नहीं

Q.18
निम्नलिखित में से मिश्रवाक्य का उदाहरण है–

1
जैसे ही शाम हुई, वह चला गया।

2
शाम हुई और वह चला गया।

3
वह शाम को चला गया।

4
शाम हुई परन्तु वह चला गया।

Q.19
“जब तक वह घर पहुँचा तब तक उसके पिताजी आ चुके थे।” वाक्य है–

1
सरल वाक्य

2
संयुक्त वाक्य

3
मिश्र वाक्य

4
इनमें से कोई नहीं

Q.20
“जो ज्ञानी होते हैं, उनका सभी सम्मान करते हैं।” इस वाक्य में इनमें से कौन-सा उपवाक्य हैं?

1
विशेषण उपवाक्य

2
संज्ञा उपवाक्य

3
क्रियाविशेषण उपवाक्य

4
संज्ञा तथा क्रिया-विशेषण उपवाक्य

Q.21
“तेंदुलकर ने एक ओवर में पाँच छक्के लगाए।” इस वाक्य में उद्‌देश्य है–

1
छक्के

2
तेंदुलकर

3
ओवर

4
पाँच

Q.22
‘वह पढ़कर घर चला गया।‘ किस प्रकार का वाक्य है‌?

1
मिश्रित वाक्य

2
संयुक्त वाक्य

3
सरल वाक्य

4
उपर्युक्त में से कोई नहीं

Q.23
“उसने अपने को निर्दोष घोषित किया।” इस सरल वाक्य के मिश्र वाक्य का रूप निम्नलिखित में से कौन-सा है?

1
उसने कहा कि मैं निर्दोष हूँ।

2
उसने कहा और वह निर्दोष घोषित हुआ।

3
उसने कहा कि उसे निर्दोष घोषित किया जाए।

4
उसने कहा कि मैं अपने को निर्दोष घोषित कर रहा हूँ।

Q.24
“वह जहाँ चाहे, जाये, मुझे क्या लेना देना।” यह कैसा वाक्य है?

1
संयुक्त वाक्य

2
सरल वाक्य

3
मिश्रित वाक्य

4
संयुक्त-मिश्रित वाक्य

Q.25
व्याकरण की दृष्टि से (वाक्य-निर्माण से सम्बन्धित) कौन-सा कथन सही नहीं है?

1
कर्ता और क्रिया वाक्य के आवश्यक घटक (तत्त्व) हैं।

2
क्रिया को ‘उद्‌देश्य’ और कर्ता को ‘विधेय’ कहते हैं।

3
वाक्य में व्याकरण सम्मत शब्दों को एक विशेष क्रम में रखा जाता है।

4
वाक्य में वक्ता के कथन का पूरा (समग्र) अर्थ निकलना आवश्यक है।

Q.26
निम्नलिखित में से ‘इच्छार्थक’ वाक्य है–

1
सौरभ को बुलाओ।

2
तुम्हारा मंगल हो।

3
तुमने सुना होगा।

4
महाविद्‌यालय में अवकाश है।

Q.27
“मयंक सुन्दर है, वह हँसमुख भी है।” इस वाक्य का सरल वाक्य में रूपान्तर होगा–

1
मयंक सुन्दर है तथा हँसमुख भी है।

2
मयंक सुन्दर है लेकिन हँसमुख है।

3
मयंक सुन्दर और हँसमुख है।

4
मयंक सुन्दर भी है और हँसमुख भी।

Q.28
निम्नलिखित वाक्यों में से कौन-सा वाक्य मिश्र वाक्य नहीं है?

1
बादल खूब गरजे किन्तु वर्षा नहीं हुई।

2
रजनी इसलिए विद्यालय नहीं गई क्योंकि वह बीमार थी।

3
प्रमोद ने कहा कि मैं गाँव नहीं जाऊँगा।

4
अध्यापक ने कहा कि अनावश्यक कमेन्ट मत करो।

Q.29
“मोदी जी ने देशवासियों से कहा कि घर में ही रहें अन्यथा कोरोना और अधिक फैल जाएगा।” किस प्रकार का वाक्य है?

1
मिश्रित वाक्य

2
सरल वाक्य

3
संयुक्त वाक्य

4
उपर्युक्त में से कोई नहीं

Q.30
जिन वाक्य में सामान्य रूप से किसी कार्य के होने या करने का बोध होता है, उसे क्या कहते हैं?

1
निषेधार्थक वाक्य

2
विधानार्थक वाक्य

3
आज्ञार्थक वाक्य

4
संकेतार्थक वाक्य

Q.31
“जो कवि लोकप्रिय होता है, उसका सम्मान सभी करते हैं।” इस वाक्य का सरल वाक्य होगा–

1
जो कवि होते हैं, वे लोकप्रिय होते हैं।

2
लोकप्रिय कवि का सम्मान सभी करते हैं।

3
कवि लोकप्रिय होते हैं और सम्मानित होते हैं।

4
कवि लोकप्रिय होते हैं इसलिए सम्मानित होते हैं।

Q.32
‘मालगाड़ी आने पर सवारी गाड़ी जाएगी।’ साधारण वाक्य से बना मिश्र वाक्य निम्नलिखित में से है–

1
मालगाड़ी आएगी और सवारी गाड़ी जाएगी।

2
मालगाड़ी आएगी तब सवारी गाड़ी जाएगी।

3
मालगाड़ी आएगी परन्तु सवारी गाड़ी जाएगी।

4
मालगाड़ी आएगी इसलिए सवारी गाड़ी जाएगी।

Q.33
‘दोष तुम्हारा है, और इसका मुझे यकीन है।‘ संयुक्त वाक्य से बना मिश्रवाक्य निम्नलिखित में से है–

1
दोष तुम्हारा है, परन्तु इसका मुझे यकीन है।

2
दोष तुम्हारा है लेकिन इसका मुझे यकीन है।

3
मुझे यकीन है कि दोष तुम्हारा है।

4
मुझे यकीन है लेकिन दोष तुम्हारा है।

Q.34
‘मैं परीक्षा में फेल हो गया।’ सरल वाक्य का मिश्र वाक्य में रूपान्तरण पर सही कौन-सा विकल्प है?

1
मैंने परीक्षा दी और फेल हो गया।

2
मैं परीक्षा देकर फेल हो गया।

3
मैंने परीक्षा दी फिर भी फेल हो गया।

4
मैंने परीक्षा दी थी परन्तु फेल हो गया।

Q.35
“माँ ने घर आकर मिठाई बनाई।“ सरल वाक्य का संयुक्त वाक्य होगा-

1
माँ घर आई और मिठाई बनाई।

2
माँ घर पर आई और मिठाई बनाई।

3
माँ ने मिठाई बनाई।

4
उपर्युक्त में से कोई नहीं

Q.36
उद्‌देश्य और विधेय किसके अंग हैं?

1
वाक्य

2
रचना

3
शब्द

4
अर्थ

Q.37
निम्नलिखित में से किस विकल्प में सरल वाक्य का उदाहरण नहीं है?

1
जैसे ही शेर को देखा वैसे ही वे डर गए।

2
शेर को देखते ही सब डर गए।

3
मनीषा को हरी मिर्च खाने के कारण हिचकियाँ आने लगीं।

4
रमेश और सुरेश पढ़ और लिख रहे हैं।

Q.38
“तुम्हारा भाई बहुत बोलता है।“ किस प्रकार का वाक्य है?

1
मिश्र वाक्य

2
संयुक्त वाक्य

3
सरल वाक्य

4
उपर्युक्त में से कोई नहीं

Q.39
निम्नलिखित में से मिश्रित वाक्य है–

1
वर्षा हो रही है।

2
मैं पढ़ता हूँ और वह खेलता है।

3
सुधीर पढ़ता है।

4
मैंने सुना है कि नीना पास हो गई।

Q.40
कौन-सा मिश्र वाक्य है?

1
राहुल पढ़ रहा है।

2
सुरेश नदी में डूबने लगा।

3
मैंने सुना है कि सुरैया ने निकाह कर लिया है।

4
वह आया, थोड़ी देर बैठा और तुरन्त लौट गया।

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नमस्कार, मेरा नाम अजीतपाल हैं। मैंने हिंदी साहित्य से स्नातक किया है। मेरा शुरूवात से ही हिंदी विषय के प्रति लगाव होने के कारण मैंने हिंदी विषय के बारे में लेखन का कार्य आरभ किया। हाल फ़िलहाल में Pathatu एजुकेशन प्लेटफार्म के लिए लेखन का कार्य कर रहा हूँ।

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