नमस्कार आज हम हिंदी व्याकरण के महत्वपूर्ण अध्याय में से एक गुण संधि(Gun Sandhi) के विषय में अध्ययन करेंगे। इस अध्याय के अध्यन के दौरान हम विभिन बिन्दुओ पर गौर करेंगे जैसी गुण संधि किसे कहते हैं? गुण संधि की परिभाषा, गुण संधि के प्रकार, गुण संधि के उदाहरण और नियम के बारे में भी विस्तार पूर्वक चर्चा करेंगे। आप यहां पर Gun Sandhi से सम्बंधित समूर्ण जानकारी प्राप्त करेंगे जो की आपके अध्ययन को और अधिक अच्छा और सुदृढ़ बना देगा।
जैसा की आजकल की एग्जाम में हिंदी व्याकरण के बहुत से प्रश्न देखने को मिलते है तो इस भाग का अध्ययन करना बहुत ही ज्यादा जरुरी हो जाता है खासकर संधि भाग का क्योंकि आजकल का ट्रेंड यही चल रहा है अधितकर सवाल जो हिंदी व्याकरण से पूछे जाते है वो लगभग इसी गुण संधि वाले भाग से आते हैं। इसलिए आपकी परीक्षा की चिंता को दूर करने के लिए हम ले आये है इसका समाधान जो की आपको यहां मिलने वाला हैं। आप यहां गुण संधि के महत्वपूर्ण प्रश्न की पीडीऍफ़ भी प्राप्त करेंगे जो आपके अध्ययन के आंकलन में आपकी साहयता करेगा। तो आइये चलिए शुरू करते है गुण संधि किसे कहते हैं? के बारे में अध्ययन।
प्रस्तावना
जैसे की आपको पहले से पता ही होगा की संधि का शाब्दिक अर्थ होता है “मेल ” अर्थात और संधि का विलोम विच्छेद।
आपको यदि संधि की परिभाषा का ज्ञान नहीं हैं तो हम बता देते है की “आपसी निकटता के कारण दो वर्णों के मेल से उत्पन्न विकार (परिवर्तन) को संधि कहते हैं।
जैसे:
हिम + आलय = हिमालय
गुण संधि किसे कहते हैं?
गुण संधि सामान्यता स्वर संधि का ही एक भेद है, जिसमे दो स्वर मिलकर एक तीसरे स्वर का निर्माण करते हैं। इस निर्माण में उतर पद और पूर्व पद मिलाकर शब्द का निर्माण होता हैं।
पूर्व पद = + के पहले आने वाला
उतर पद = + के बाद आने वाला
गुण संधि की परिभाषा
गुण संधि की परिभाषा की बात करे तो वह कुछ इस प्रकार है की,
“यदि ‘अ’ या ‘आ’ के साथ क्रमश इ/ई आए तो ‘ए’ ; ऊ/ऊ आए तो ‘ओ’ और ‘ऋ’ आए तो ‘अर’ बनता है। इस प्रकार से बनने वाले शब्दों को गुण संधि कहा जाता है।”
उदाहरण:
देव + इंद्र = देवेंद्र
शुभ + इच्छा शुभेच्छा
मानव + इतर = मानवेतर
बाल + इंदु = बालेंदु
अ + ई = ए
परम + ईश्वर = परमेश्वर
उप + ईक्षा = उपेक्षा
नर + ईश = नरेश
अंक + ईक्षण = अंकेक्षण
आ + इ = ए
महा + इंद्र = महेंद्र
यथा + इष्ट = यथेष्ट
आ + ई = ए
रमा + ईश = रमेश
राका + ईश = राकेश
महा + ईश्वर = महेश्वर
अ + उ = ओ
पर + उपकार = परोपकार
अ + ऊ = ओ
नव + ऊढ़ा = नवोढ़ा
जल + ऊर्मि = जलोर्मि
सूर्य + ऊष्मा = सूर्योष्मा
अ + ऋ = अर्
देव + ऋषि = देवर्षि
आपको यदि गुण संधि की परिभाषा समज नहीं आयी है तो आप चिंता न करे आपको निचे दिए गए नियमो अध्ययन के दौरान विस्तृत रूप से समझ आ जायेगा।
गुण संधि का सूत्र
किसी भी संधि का सूत्र उस संधि के पहचान के लिए बेहद ही आवश्यक है इसलिए आपको इस बात का ज्ञान तो होना चाहिए की सम्बंधित संधि का सूत्र क्या है। इसलिए हम यहां पर आपको गुण संधि का सूत्र बता रहे है जसिकी साहयता से आप आसानी से Gun Sandhi की पहचान कर पाएंगे। इस पहचान के फलस्वरूप आप गुण संधि का संधि विच्छेद भी आसनी से कर पाएंगे।
अ/ आ + इ/ ई = ए
अ/ आ + उ/ ऊ = ओ
अ/ आ + ऋ = अर्
अर्थात ऊपर दिए गए सूत्र के अनुसार हम यह भी कह सकते है की
- जब अ,आ के साथ इ, ई हो तो “ए” बनता है।
- जब अ,आ के साथ उ,ऊ हो तो “ओ” बनता है।
- जब अ,आ के साथ ऋ हो तो” अर” बनता है।
गुण संधि के नियम
गुण संधि के नियम नियमो के बारे में बात करे तो यह ऊपर दिए जानकारी का ही विस्तृत रूप है जिसे आप आसनी से समझ सके इसलिए आपको यहाँ बताए जा रहे है । इन Gun Sandhi के नियमों की सहायता से आप आसानी से किसी प्रश्न पत्र मे इस संधि की पहचान कर कर पाएंगे । संधि के पहचान करने से आप आसनी से उस संधि का संधि विछेद कर पाएंगे। इसलिए इन बताये गए नियमो का ध्यान पूर्वक अध्ययन करना बेहद ही ज्यादा जरुरी हैं।
प्रथम नियम:
यदि अ/आ के बाद इ/ई आये तो दोनों के स्थान पर ‘ए’ हो जाता है।
अ/ आ + इ/ ई = ए
दूसरा नियम:
यदि अ/आ के बाद उ/ऊ आये तो दोनों के स्थान पर ‘ओ’ हो जाता है।
अ/ आ + उ/ ऊ = ओ
तीसरा नियम:
यदि अ/आ के बाद ऋ आये तो इस के स्थान पर ‘अर्‘ हो जाता है।
अ/ आ + ऋ = अर्
गुण संधि के उदाहरण
यहां पर आपके ऊपर किये गए अध्ययन के बारे में आपकी समझ और अच्छे से विकसित हो सके उसके लिए यहां पर आपको कुछ महत्वपूर्ण गुण संधि के उदाहरण दिए जा रहे है। जिनके अध्ययन से अआप अपनी तैयारी को और भी अच्छी कर पाएंगे। इसलिए निचे दिए गए gun sandhi ke udaharan को ध्यान से पढ़े।
गुण संधि के 20 उदाहरण
• अ/आ + इ/ई = ए
देव + इन्द्र = देवेन्द्र
भुजंग + इन्द्र = भुजंगेन्द्र
बाल + इन्दु = बालेन्दु
शुभ + इच्छा = शुभेच्छा
ज्ञान + इन्द्रिय = ज्ञानेन्द्रिय
न + इति = नेति
साहित्य + इतर = साहित्येतर
राम + ईश्वर = रामेश्वर
गुडाका + ईश = गुडाकेश
हृषीक + ईश = हृषीकेश
अंक + ईक्षण = अंकेक्षण
भारत + इन्दु = भारतेन्दु
गोप + ईश्वर = गोपेश्वर
महा + ईश्वर = महेश्वर
एक + ईश्वर = एकेश्वर
इतर + इतर = इतरेतर
भुवन + ईश्वर = भुवनेश्वर
कमला + ईश = कमलेश
रमा + ईश = रमेश
राका + ईश = राकेश
लंका + ईश्वर = लंकेश्वर
उमा + ईश = उमेश
गुण संधि के 100 उदाहरण
• अ + उ = ओ
सर्व + उपरि = सर्वोपरि
लुप्त + उपमा = लुप्तोपमा
भाग्य + उदय = भाग्योदय
यज्ञ + उपवीत = यज्ञोपवीत
मद + उन्मत्त = मदोन्मत्त
लोक + उक्ति = लोकोक्ति
काव्य + उत्कर्ष = काव्योत्कर्ष
हर्ष + उल्लास = हर्षोल्लास
समुद्र + ऊर्मि = समुद्रोर्मि
• आ + उ/ऊ = ओ
महा + उत्सव = महोत्सव
गंगा + उदक = गंगोदक
यथा + उचित = यथोचित
लम्बा + उदर = लम्बोदर
गंगा + ऊर्मि = गंगोर्मि
महा + ऊर्जा = महोर्जा
महा + उपदेश = महोपदेश
• अ/आ + ऋ = अर्
सप्त + ऋषि = सप्तर्षि
देव + ऋषि = देवर्षि
महा + ऋषि = महर्षि
वर्षा + ऋतु = वर्षर्तु
कण्व + ऋषि = कण्वर्षि
राजा + ऋषि = राजर्षि
ग्रीष्म + ऋतु = ग्रीष्मर्तु
शीत + ऋतु = शीतर्तु
अन्य अध्ययन सामग्री
यहां पर आपके हिंदी व्याकरण के ज्ञान को और अधिक बढ़ने के लिए सम्पूर्ण हिंदी व्याकरण के विभिन अध्ययन सामग्री को दिया गया है ताकि आप आसानी से हिंदी व्याकरण का अध्ययन कर सके।
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Gun Sandhi के महत्वपूर्ण प्रश्न
गुण संधि किसका भेद है?
गुण संधि, स्वर संधि का ही भेद है।
गुण स्वर संधि क्या है?
गुण संधि सामान्यता स्वर संधि का ही एक भेद है, जिसमे दो स्वर मिलकर एक तीसरे स्वर का निर्माण करते हैं। इस निर्माण में उतर पद और पूर्व पद मिलाकर शब्द का निर्माण होता हैं।
Q.1‘ शिशिरर्तु’ शब्द में संधि है–
1
दीर्घ स्वर संधि
2
वृद्धि स्वर संधि
3
गुण स्वर संधि
4
अयादि स्वर संधि
Q.2 निम्नलिखित में से गुण स्वर सन्धि है–
1
लोकोक्ति
2
सर्वोत्तम
3
बालोचित
4
उपर्युक्त सभी
Q.3 ‘ऐक्यात्म’ शब्द का संधि-विच्छेद कौन-सा सही है?
1
ऐक्य + आत्म
2
एक्य + आत्म
3
एक्य + आत्मा
4
एक + आत्मा
Q.4 निम्नलिखित में से किस विकल्प में यण स्वर संधि का उदाहरण है?
1
वनौषधि
2
महौदार्य
3
गुर्वाज्ञा
4
षडानन
Q.5 ‘अब्धि’ व ‘कृदन्त’ शब्द किस संधि के उदाहरण हैं?
1
यण स्वर संधि
2
वृद्धि स्वर संधि
3
गुण स्वर संधि
4
व्यंजन संधि
Q.6‘ स्वयंवर’ शब्द के सही संधि-विच्छेद का चयन कीजिए–
1
स्व + अयंवर
2
स्वयम् + यवर
3
स्वयं + वर
4
स्वयम् + वर
Q.7 यण स्वर संधि का उदाहरण किस विकल्प में है?
1
अंत्योदय
2
स्त्र्युचित
3
शब्देतर
4
नाविक
Q.8‘ बलाध्यक्ष’ शब्द में सन्धि है–
1
गुण स्वर सन्धि
2
दीर्घ स्वर सन्धि
3
अयादि स्वर सन्धि
4
वृद्धि स्वर सन्धि
Q.9 निम्नलिखित में से किस विकल्प में वृद्धि संधि नहीं है?
1
सदैव
2
मनोदशा
3
महौज
4
स्वैच्छिक
Q.10‘ लक्ष्मीश’ शब्द का सही संधि-विच्छेद होगा–
1
लक्ष्मी + इश
2
लक्ष्मी + ईशा
3
लक्ष्मि + ईश
4
लक्ष्मी + ईश
Q.11 इनमें से किस विकल्प में गुण संधि है?
1
मनोदशा
2
ग्रीष्मर्तु
3
मतैक्य
4
पित्रनुमति
Q.12‘ उम्मय’ शब्द में संधि है–
1
यण स्वर संधि
2
अयादि स्वर संधि
3
विसर्ग संधि
4
व्यंजन संधि
Q.13 निम्नलिखित में से किस विकल्प में अयादि स्वर संधि का उदाहरण है?
1
पर्यवसान
2
नार्यादेश
3
प्रसाविका
4
पर्यावरण
Q.14‘ सिद्धेश्वर’ शब्द का सही संधि-विच्छेद होगा–
1
सिद्ध + ईश्वर
2
सिद्ध + इश्वर
3
सीद्ध + ईश्वर
4
सिद्धे + श्वर
Q.15 निम्नलिखित में से किस शब्द में दीर्घ संधि नहीं है?
1
अद्यावधि
2
भावाविष्ट
3
लावारिस
4
मेघाच्छन्न
Q.16‘ नार्युद्धार’ शब्द का सही संधि-विच्छेद व संधि का नाम है–
1
नारी + उद्धार (यण स्वर संधि)
2
नारि + ऊद्धार (गुण स्वर संधि)
3
नारी + ऊद्धार (वृद्धि स्वर संधि)
4
नार्य + उद्धार (गुण स्वर संधि)
Q.17 निम्नलिखित में से किस विकल्प में संधि-शब्द गलत है?
1
वृक्ष + छाया = वृक्षच्छाया
2
शिशु + ऐक्य = शिश्वैक्य
3
स्त्री + उचित = स्त्र्योचित
4
पृष् + थ = पृष्ठ
Q.18 गुर्वाज्ञा शब्द में कौन-सी संधि है?
1
दीर्घ संधि
2
यण संधि
3
गुण संधि
4
वृद्धि संधि
Q.19 निम्नलिखित में से स्वर संधि का उदाहरण नहीं है–
1
भाग्योदय
2
पावक
3
वागीश
4
अपेक्षा
Q.20 निम्नलिखित में से व्यंजन संधि किस विकल्प में है?
1
वाग्धारा
2
नीलोत्पल
3
आविष्कार
4
ब्रह्मर्षि
निष्कर्ष
यदि आपको यह अध्ययन सामग्री “भारतीय संविधान की विशेषताएं पीडीएफ नोट्स” पसंद आई है तो अपने मित्र अथवा सहपाठियों के साथ जरूर शेयर करे। और भी अन्य प्रकार की अध्ययन सामग्री जो विभिन्न भर्ती परीक्षाओ मे आपके तैयारी को और भी आसानी बना सकती है, उसे आप यहाँ से प्राप्त कर सकते है । इसलिए आपसे निवेदन है की गुण संधि किसे कहते हैं? परिभाषा, प्रकार, नियम और 100+ उदाहरण [Gun Sandhi] के अलग अलग प्रश्न जैसे अन्य पाठ्य सामग्री के प्राप्त करने के लिए, हमारे टेलीग्राम चैनल से जुड़े ।