वृद्धि संधि के उदाहरण : परिभाषा, प्रकार, नियम [Vriddhi Sandhi ke Udaharan]

नमस्कार आज हम हिंदी व्याकरण के महत्वपूर्ण अध्याय में से एक वृद्धि संधि के बारे में अध्ययन करेंगे। इस अध्ययन के दौरान हम जानेगे की वृद्धि संधि किसे कहते हैं? वृद्धि संधि के उदाहरण, वृद्धि संधि के प्रकार अथवा भेद, वृद्धि संधि की परिभाषा एवं नियम [Vriddhi Sandhi ke Udaharan] इत्यादि के बारे में चर्चा करेंगे।

अगर आप भी किसी भर्ती परीक्षा की तैयारी करते हैं तो आपको तो पता ही होगा की आजकल के परीक्षा प्रश्न पत्र में हिंदी व्याकरण का महत्व कितना बढ़ता जा रहा है खासकर हिंदी व्याकरण के संधि वाले भाग से काफी सवाल देखे जा सकते है। इसलिए संधि एवं से संधि से जुड़े अन्य बिन्दुओ पर आपको ध्यान केंद्रित करना बहुत ही ज्यादा आवश्यक है इसलिए आज हम यहां पर वृद्धि संधि के बारे में अध्ययन करेंगे। यहां पर आपको वृद्धि संधि के उदाहरण [Vriddhi Sandhi ke Udaharan] सहित महत्वपूर्ण प्रश्न भी दिए गए है जिनके अध्ययन से आप अपनी तैयारी का मूल्यांकन स्वयं कर पाएंगे। इसलिए आप से निवेदन है कृपया करके इस अध्याय को ध्यान पूर्वक पढ़े समझे।

वृद्धि संधि

प्रस्तावना

किसी भी अध्याय को पढ़ने से पहले उसके बारे में आपको सामान्य जानकरी होना आवश्यक है क्योंकि यदि आपको उसके बारे में थोड़ा बहुत ज्ञान होगा तो आप आसानी से इस अध्याय को समझ पाएंगे। इसलिए सबसे पहले हम संधि और संधि के भेद के बारे में थोड़ी जानकारी प्राप्त करेंगे। यदि आपको पहले से थोड़ी बहुत जानकरी है तो यह बहुत अच्छी बात है।

सर्वप्रथम हम संधि की परिभाषा की बात करे तो आपको यह ज्ञात होगा की “आपसी निकटता के कारण दो वर्णो के मेल से उत्पन्न विकार (परिवर्तन) को कहते हैं।”

जैसे : जगत + नाथ = जगन्ननाथ

यहां प्रथम पद यानि जिसे पूर्व पद के नाम से जाना जाता है और द्वित्य पद यानि उत्तर पद मिलकर एक विकार उत्पन कर रहे है।

संधि के तीन भेद है। १) स्वर संधि २) व्यंजन संधि ३) विसर्ग संधि

जिनमे से स्वर संधि के उपभेद Vriddhi Sandhi के बारे में हम आज यहां अध्ययन करेंगे।

वृद्धि संधि किसे कहते हैं?

सबसे पहले मन एक प्रश्न उठता है की वृद्धि संधि किसे कहते हैं? तो इस सवाल का जवाब कुछ इस प्रकार है:-

यदि अ/आ के बाद ए/ऐ आये तो ऐ हो जाता है तथा अ/आ के बाद यदि ओ/औ आये तो औ हो जाता है। जहां ऐ तथा औ वृद्धि संधि स्वर कहलाते है।

वृद्धि संधि की परिभाषा

वृद्धि संधि की परिभाषा की परिभाषा कुछ इस प्रकार है की :-

यदि ‘अ/आ’ के बाद असमान स्वर ‘ए/ऐ’ आ जाए तो ‘ऐ’ हो जाता है और यदि ‘अ/आ’ के बाद असमान स्वर ‘ओ/औ’ आ जाए तो ‘औ’ हो जाता है।

अ/आ + ए/ऐ = ऐ
अ/आ + ओ/औ = औ

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वृद्धि संधि का सूत्र

अगर आपको पता हो तो हमने पहले भी पढ़ रखा है की किसी भी संधि के संधि विच्छेद और संधि करने के लिए आपको एक सूत्र की आवश्यकता होती है जिससे यह जानकारी मिलती है सक्षेप में की किन वर्णो के मेल से किस वर्ण का निर्माण होता है। इसलिए आपको भी वृद्धि संधि का सूत्र याद होना चाहिए। जिसकी साहयता से आप आसानी से किसी प्रश्न का हल कुछ ही मिनटों में निकल पायेंग।

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वृद्धि संधि के उदाहरण [Vriddhi Sandhi ke Udaharan]

किसी भी अध्याय की समझ विकसित करने के लिए आपको उस अध्याय के उदाहरण का सहारा लेना होता हैं इसलिए आपको बता दे की वृद्धि संधि के उदाहरण [Vriddhi Sandhi ke Udaharan] यहां पर इसी लिए दिए गए है ताकि आप आसानी से अपना अध्ययन कर सके । आपको यही बात ध्यान मे रही है की आपको ज्यादा से ज्यादा संख्या मे वृद्धि संधि के उदाहरण [Vriddhi Sandhi ke Udaharan] को पढ़ना है ताकि आपका सारा अभ्यास हो जाए । यहाँ पर वृद्धि संधि के 100 उदाहरण दिए गए है जो की पर्याप्त संख्या है समझने के लिए ।

 अ/आ + ए/ऐ = ऐ शब्द वाले वृद्धि संधि के उदाहरण

एक + एक = एकैक
मत + ऐक्य = मतैक्य
सदा + एव = सदैव
गंगा + ऐश्वर्य = गंगैश्वर्य
अधुना + एव = अधुनैव
वसुधा + एव = वसुधैव
महा + ऐन्द्रजालिक = महैन्द्रजालिक
वित्त + एषणा = वित्तैषणा
पुत्र + एषणा = पुत्रैषणा
महा + ऐश्वर्य = महैश्वर्य

 अ/आ + ओ/औ = औ शब्द वाले वृद्धि संधि के उदाहरण

परम + औषधि = परमौषधि
परम + ओजस्वी = परमौजस्वी
गंगा + ओघ = गंगौघ
महा + ओज = महौज
प्र + औद्योगिकी = प्रौद्योगिकी
परम + औपचारिक = परमौपचारिक
महा + औत्सुक्य = महौत्सुक्य
वन + औषधि = वनौषधि
परम + औदार्य = परमौदार्य

वृद्धि संधि की पहचान

प्रत्येक संधि की अपनी एक पहचान होती है जिसकी सहायता से आप आसनी से किसी भी संधि का पहचान कर पाएंगे की यह संधि कौनसी हैं ? पहचान के माध्यम से संधि विच्छेद करने में बहुत सहायता मिलती है। इसलिए आप भी वृद्धि संधि की पहचान के बारे में सम्पूर्ण जानकारी का ध्यान पूर्वक अध्ययन करे।

वृद्धि संधि की पहचान

वृद्धि संधि वाले शब्दों में आपको यह दो मात्राए जरूर मिलेगी जो है “” . इन मात्राओं के माध्यम से आप आसानी से पहचान कर पाओगे की यह दिया गया Vriddhi Sandhi ke Udaharan हैं। “

वृद्धि संधि के नियम

प्रत्येक संधि के भांति वृद्धि संधि के भी नियम है जिनके माध्यम से ही संधि या संधि विच्छेद के सवाल को हल किये जाते है, इसलिए आपके पास Vriddhi Sandhi के नियम से जुडी सारी की सारी जानकारी होना बहुत ही ज्यादा जरुरी हैं।

प्रथम नियम:

यदि ‘अ/आ’ के बाद असमान स्वर ‘ए/ऐ’ आ जाए तो ‘ऐ’ हो जाता है।

द्वित्य नियम :

यदि ‘अ/आ’ के बाद असमान स्वर ‘ओ/औ’ आ जाए तो ‘औ’ हो जाता है।

अन्य अध्ययन सामग्री

यहां पर आपके हिंदी व्याकरण के ज्ञान को और अधिक बढ़ने के लिए सम्पूर्ण हिंदी व्याकरण के विभिन अध्ययन सामग्री को दिया गया है ताकि आप आसानी से हिंदी व्याकरण का अध्ययन कर सके।

संज्ञाकारक
सर्वनामवाक्य विचार
विशेषणवाच्य
क्रियाकाल
शब्दअविकारी शब्द
क्रिया विशेषणमुहावरे
संधिलोकोक्तियाँ
लिंगवर्ण विचार
वचनविराम चिन्ह
समासवाक्यांश के लिए एक शब्द
उपसर्गपारिभाषिक शब्दावली
प्रत्ययकारक चिन्ह
अनेकार्थी शब्दविलोम शब्द
तत्सम शब्दतद्भव शब्द
एकार्थक शब्दअन्य सभी लेख

महत्वपूर्ण प्रश्न

Q.21
‘प्रसाविका’ शब्द का सही संधि-विच्छेद है–

1
प्रसौ + इका

2
प्रसो + इका

3
प्रसौ + ईका

4
प्रसा + विका

Q.22
निम्नलिखित में से कौन-सा शब्द स्वर सन्धि का अपवाद है?

1
अभीप्सा

2
अभीष्ट

3
अधरोष्ठ

4
अतीत

Q.23
ह्रस्वीकरण के अनुसार स्वर सन्धि का अपवाद है–

1
मार्तण्ड

2
मतैक्य

3
महैश्वर्य

4
महौज

Q.24
दीर्घीकरण के अनुसार स्वर सन्धि का अपवाद है–

1
परीक्षण

2
प्रतीकार

3
परीक्षित

4
परीक्षा

Q.25
गुणादेश के आधार पर स्वर संधि का अपवाद है–

1
श्रवण

2
पवन

3
प्रेषिति

4
गवेषणा

Q.26
‘दिग्भ्रम’ शब्द में संधि है–

1
व्यंजन संधि

2
यण् स्वर संधि

3
अयादि स्वर संधि

4
गुण स्वर संधि

Q.27
‘तिबन्त’ शब्द का सही संधि-विच्छेद होगा–

1
तिप + अंत

2
तिप् + अंत

3
तिब + अंत

4
तिब् + अंत

Q.28
निम्नलिखित में से किस विकल्प में संधि-विच्छेद शुद्ध है?

1
षट् + आनन = षडानन

2
उद् + हार = उद्धार

3
वाग् + देवी = वाग्देवी

4
अब् + ज = अब्ज

Q.29
‘भवन’ शब्द में संधि है–

1
यण् स्वर संधि

2
अयादि स्वर संधि

3
गुण स्वर संधि

4
व्यंजन संधि

Q.30
निम्नलिखित में से किस विकल्प में शब्द व उससे संबंधित संधि अशुद्ध है?

1
वाग्घरि – व्यंजन संधि

2
भावुक – अयादि स्वर संधि

3
पावक – दीर्घ स्वर संधि

4
तिबादि – व्यंजन संधि

Q.31
निम्नलिखित में से किस विकल्प में शब्द व उससे संबंधित संधि शुद्ध है?

1
हवन – यण् स्वर संधि

2
जगदीश – गुण स्वर संधि

3
सुबन्त – वृद्धि स्वर संधि

4
षडऋतु – व्यंजन संधि

Q.32
‘उद्धरण’ शब्द में संधि है–

1
व्यंजन संधि

2
यण् स्वर संधि

3
अयादि स्वर संधि

4
गुण स्वर संधि

Q.33
‘पितृच्छाया’ शब्द का सही संधि-विच्छेद है–

1
पितृ + च्छाया

2
पितृ + छाया

3
पित् + छाया

4
पित + च्छाया

Q.34
‘सन्नारी’ शब्द में संधि है–

1
दीर्घ स्वर संधि

2
व्यंजन संधि

3
गुण स्वर संधि

4
वृद्धि स्वर संधि

वृद्धि संधि का उदाहरण कौन सा है?

एक + एक = एकैक
मत + ऐक्य = मतैक्य

स्वर संधि कितने प्रकार के होते हैं?

स्वर संधि के पांच भेद होते हैं। 

वृद्धि संधि कैसे पहचाने?

जब संधि करते समय जब (अ , आ) के साथ (ए , ऐ) हो तो ‘ ऐ ‘ बनता है और जब (अ , आ) के साथ (ओ , औ) हो तो ‘ औ ‘ बनता है।

निष्कर्ष

यदि आपको यह अध्ययन सामग्री “भारतीय संविधान की विशेषताएं पीडीएफ नोट्स” पसंद आई है तो अपने मित्र अथवा सहपाठियों के साथ जरूर शेयर करे। और भी अन्य प्रकार की अध्ययन सामग्री जो विभिन्न भर्ती परीक्षाओ मे आपके तैयारी को और भी आसानी बना सकती है, उसे आप यहाँ से प्राप्त कर सकते है । इसलिए आपसे निवेदन है की वृद्धि संधि के उदाहरण : परिभाषा, प्रकार, नियम [Vriddhi Sandhi ke Udaharan] के अलग अलग प्रश्न जैसे अन्य पाठ्य सामग्री के प्राप्त करने के लिए, हमारे टेलीग्राम चैनल से जुड़े ।

नमस्कार, मेरा नाम अजीतपाल हैं। मैंने हिंदी साहित्य से स्नातक किया है। मेरा शुरूवात से ही हिंदी विषय के प्रति लगाव होने के कारण मैंने हिंदी विषय के बारे में लेखन का कार्य आरभ किया। हाल फ़िलहाल में Pathatu एजुकेशन प्लेटफार्म के लिए लेखन का कार्य कर रहा हूँ।

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