नमस्कार आज हम राजस्थान के भूगोल से सम्बंधित महत्वूर्ण अध्याय यानी राजस्थान के प्रमुख उद्योग के बारे में अध्ययन करेंगे। इस अध्ययन के दौरान हम जानेंगे की कैसे आप राजस्थान की विभिन भर्ती परीक्षाओं में पूछे जाने वाले सवालो का जवाब आसानी से दे सकते हैं। राजस्थान में उद्योग के प्रकार से लेके विभिन्न क्षेत्र में विस्तार के बारे में हम यहां से जानेंगे तो आइये शुरू करते है।
राजस्थान के प्रमुख उद्योग
उद्योग-
• आजीविका यापन हेतु की जाने वाली आर्थिक क्रिया जिसमें मुद्रा का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष विनिमय होता है, उद्योग कहलाता है।
राजस्थान में उद्योग के प्रकार-
(A) कच्चे माल की उपलब्धता के आधार पर-
1. कृषि आधारित
2. खनिज आधारित
3. रसायन आधारित
4. अन्य उद्योग
❍ राजस्थान में कृषि आधारित उद्योग-
• वे उद्योग जिनमें कच्चा माल कृषि एवं कृषि संबंधी गतिविधियों से प्राप्त होता है, कृषि आधारित उद्योग कहलाता हैं।
• राजस्थान में कृषि आधारित उद्योग तीन क्षेत्रों – सार्वजनिक क्षेत्र, निजी क्षेत्र, सहकारी क्षेत्र में कार्यरत हैं।
• सूती वस्त्र उद्योग
• चीनी उद्योग
• शराब उद्योग
• वनस्पति घी उद्योग
• मिल्क पाउडर उद्योग
• बायोडीजल उद्योग
❍ सूती वस्त्र उद्योग-
• राजस्थान में प्रथम सूती वस्त्र कारखाने की स्थापना वर्ष 1889 में सेठ दामोदर दास तथा कर्नल डिक्सन के द्वारा ब्यावर (अजमेर) में ‘दी कृष्णा मिल्स’ के नाम से की गई।
• सूती वस्त्र उद्योग राजस्थान का सबसे प्राचीन तथा परंपरागत संगठित उद्योग है।
• यह रेलवे के बाद सर्वाधिक रोजगार प्रदात्ता उद्योग है।
• वर्तमान में राज्य में सूती वस्त्र मुख्यत: पाली, ब्यावर, भीलवाड़ा, कोटा, चित्तौड़गढ़, जयपुर, श्रीगंगानगर, किशनगढ़ एवं बाँसवाड़ा में केन्द्रित हैं।
❍ राजस्थान में स्वतंत्रता से पूर्व स्थापित सूती वस्त्र कारखानें-
1. दी कृष्णा मिल्स – ब्यावर (अजमेर) – वर्ष 1889
2. दी एडवर्ड मिल्स – ब्यावर (अजमेर) – वर्ष 1906
3. श्री महालक्ष्मी मिल्स – ब्यावर (अजमेर) – वर्ष 1925
4. दी मेवाड़ टेक्सटाइल मिल्स – भीलवाड़ा – वर्ष 1938
5. महाराजा उम्मेद मिल्स – पाली – वर्ष 1942
6. सार्दुल टेक्सटाइल मिल्स – श्रीगंगानगर – वर्ष 1946
❍ स्वतंत्रता के पश्चात् राजस्थान में स्थापित सूती वस्त्र कारखानें (निजी क्षेत्र)-
1. श्री आदित्य कॉटन मिल्स – किशनगढ़ (अजमेर)
2. श्री विजय कॉटन मिल्स – विजयनगर (अजमेर)
3. राजस्थान सहकारी मिल्स – गुलाबपुरा (भीलवाड़ा)
4. उदयपुर टेक्सटाइल मिल्स – उदयपुर
5. राजस्थान टेक्सटाइल मिल्स – भवानी मण्डी (झालावाड़)
6. श्री गोपाल टेक्सटाइल मिल्स – कोटा
❍ राजस्थान में सहकारी क्षेत्र में स्थापित सूती वस्त्र कारखाने-
1. राजस्थान सहकारी कताई मिल्स गुलाबपुरा (भीलवाड़ा) में स्थित है जिसकी स्थापना वर्ष 1965 में की गई।
2. श्रीगंगानगर सहकारी कताई मिल्स हनुमानगढ़ में स्थित है, जिसकी स्थापना वर्ष 1978 में की गई।
3. गंगापुर सहकारी कताई मिल्स गंगापुर (भीलवाड़ा) में वर्ष 1981 में स्थापित की गई।
• वित्तीय रुग्णता के परिणामस्वरूप राष्ट्रीय वस्त्र निगम द्वारा सन् 1974 में राजस्थान की तीन सूती वस्त्र मिल्स का अधिग्रहण कर सूती वस्त्र उद्योग को सार्वजनिक क्षेत्र का दर्जा दिया गया-
1. दी एडवर्ड मिल्स
2. श्री महालक्ष्मी मिल्स
3. श्री विजय कॉटन मिल्स
• राजस्थान में सहकारी तथा निजी क्षेत्र की सूती वस्त्र कारखानों के नियंत्रण, निर्देशन व संचालन हेतु 1 अप्रैल, 1993 को जयपुर में स्पीनफैड (SPINFED – राजस्थान राज्य सहकारी स्पिनिंग एण्ड जिनिंग मिल्स संघ) की स्थापना तीन सहकारी तथा एक निजी क्षेत्र की सूती वस्त्र मिल्स को मिलाकर किया गया-
1. राजस्थान सहकारी मिल्स – गुलाबपुरा (भीलवाड़ा) (निजी क्षेत्र)
2. राजस्थान सहकारी कताई मिल्स – गुलाबपुरा (भीलवाड़ा) (सहकारी क्षेत्र)
3. श्रीगंगानगर सहकारी कताई मिल्स – हनुमानगढ़ (सहकारी क्षेत्र)
4. गंगापुर सहकारी कताई मिल्स – गंगापुर (भीलवाड़ा) (सहकारी क्षेत्र)
• राजस्थान का मैनचेस्टर (वस्त्र नगरी) भीलवाड़ा को कहा जाता है।
❍ चीनी उद्योग-
• यह राजस्थान का दूसरा सबसे बड़ा कृषि आधारित उद्योग है।
1. दी मेवाड़ शुगर मिल की स्थापना वर्ष 1932 में भोपालसागर (चित्तौड़गढ़) में की गई।
• यह एक निजी क्षेत्र का उद्योग है।
2. दी गंगानगर शुगर मिल की स्थापना वर्ष 1956 में श्रीगंगानगर में की गई।
• यह एक सार्वजनिक क्षेत्र का उद्योग है।
3. केशोरायपाटन शुगर मिल की स्थापना वर्ष 1965 में बूंदी जिले में की गई।
• यह एक सहकारी क्षेत्र का उद्योग है।
• दी गंगानगर शुगर मिल में वर्ष 1968 में चुकुन्दर से चीनी बनाने का एशिया में पहला संयंत्र श्रीगंगानगर स्थापित किया।
• वर्ष 1968 में दी गंगानगर शुगर मिल में राजस्थान के प्रथम शराब बनाने के कारखाने की स्थापना की गई।
• वर्तमान राजस्थान में शराब बनाने के सर्वाधिक कारखाने अलवर में स्थित है इसलिए अलवर को राजस्थान का स्कॉटलैंड कहा जाता है।
❍ वनस्पति घी उद्योग-
• इस उद्योग का प्रथम कारखाना वर्ष 1964 में भीलवाड़ा में स्थापित किया गया।
• वर्तमान राजस्थान में 6 कारखानें स्थापित हैं-
1. जयपुर – 4
2. चित्तौड़गढ़ – 1
3. भीलवाड़ा – 1
• मिल्क पाउडर बनाने का कारखाना 15 जुलाई, 2011 को एग्रो फूड पार्क कोटा के रूप में स्थापित किया गया।
❍ खनिज आधारित उद्योग-
• वे उद्योग जिनमें कच्चा माल खनिजों से प्राप्त होता है। जैसे- सीमेंट उद्योग, काँच उद्योग, रत्न उद्योग, संगमरमर उद्योग, अभ्रक ईंट उद्योग।
❍ अभ्रक ईंट उद्योग-
• यह उद्योग भीलवाड़ा में स्थापित है।
• भारत में इसका उद्योग धनबाद (झारखण्ड) में स्थित है।
• माइकासाइट – अभ्रक के चूर्ण से चद्दर या ईंट बनाना जिसका उपयोग विद्युतरोधी उपकरणों में किया जाता है।
❍ रत्न आभूषण उद्योग-
• रत्न आभूषण उद्योग और पन्ना मण्डी जयपुर में स्थित है।
• जैन्स एण्ड ज्वैलरी (SEZ – विशेष आर्थिक क्षेत्र) की स्थापना सीतापुर (जयपुर) दो इकाइयों के रूप में की गई।
❍ संगमरमर उद्योग-
• संगमरमर प्रोसेसिंग इकाइयाँ राजसमंद जिले में स्थित है।
• संगमरमर मूर्ति उद्योग जयपुर में स्थित है।
• संगमरमर मूर्ति उद्योग को बढ़ावा देने के लिए रीको द्वारा C-DOS (सेंटर फॉर डवलपमेंट ऑफ स्टोन) की स्थापना की गई।
• राजस्थान में संगमरमर मण्डी किशनगढ़ (अजमेर) में स्थित है।
❍ काँच उद्योग-
• काँच के निर्माण में बालु मिट्टी, सिलिका, सोडियम सल्फेट, शीरा एवं कोयला आदि प्रयुक्त होते हैं।
• राज्य में छोटे पैमाने पर काँच का सामान बनाने के कारखाने जयपुर, कोटा, भरतपुर, उदयपुर, बीकानेर, पाली, जोधपुर आदि स्थानों पर केन्द्रित हैं।
• काँच उद्योग राजस्थान में खनिज आधारित दूसरा सबसे बड़ा उद्योग है।
❍ राजस्थान में काँच बनाने के कारखाने-
1. दी हाइटेक प्रिसीजन ग्लास फैक्ट्री – धौलपुर – यह राजस्थान का पहला ग्लास बनाने का कारखाना है। (सार्वजनिक क्षेत्र)
2. धौलपुर ग्लास फैक्ट्री – धौलपुर (निजी क्षेत्र)
3. सेमकोर ग्लास फैक्ट्री – कोटा (यह टी.वी. की पिक्चर ट्यूब के लिए उपयोगी)
4. सेन्ट गोबेन ग्लास फैक्ट्री – कहरानी (अलवर) – यह एक बहुराष्ट्रीय फ्रांस कंपनी द्वारा स्थापित की गई।
❍ सीमेंट उद्योग-
• यह राजस्थान का खनिज आधारित सबसे बड़ा उद्योग है।
• ये पूर्णत: निजी क्षेत्र में कार्यरत है।
• राजस्थान में सीमेंट बनाने के सर्वाधिक कारखाने चित्तौड़गढ़ में स्थित हैं।
• राजस्थान का सीमेंट उत्पादन में भारत में प्रथम स्थान है।
• भारत में प्रथम सीमेंट कारखाना वर्ष 1904 में मद्रास प्रेसीडेंसी में स्थापित किया गया।
❍ राजस्थान में सीमेंट बनाने के कारखाने-
• जे.के. सीमेंट निम्बाहेड़ा (चित्तौड़गढ़) में स्थापित है जो राजस्थान में सर्वाधिक सीमेंट उत्पादन क्षमता वाला कारखाना है।
• लाफार्ज सीमेंट निम्बाहेड़ा (चित्तौड़गढ़) मे स्थापित है। यह बहुराष्ट्रीय फ्रांस की कंपनी है।
• अल्ट्राटेक सीमेंट कोटपुतली (जयपुर) में स्थापित है जो वर्तमान में सर्वाधिक सीमेंट उत्पादन वाला कारखाना है।
• श्रीराम सीमेंट श्रीराम नगर (कोटा) में स्थापित है जो न्यूनतम सीमेंट उत्पादन वाला कारखाना है।
• श्री सीमेंट ब्यावर (अजमेर) में स्थापित है।
• राजश्री सीमेंट खारिया मीठापुर (नागौर) में स्थापित है।
• मंगलम सीमेंट मोडक (कोटा) में स्थापित है।
• माही सीमेंट बाँसवाड़ा में स्थापित है।
• हिन्दुस्तान सीमेंट उदयपुर में स्थापित है।
• बिनानी सीमेंट सिरोही में स्थापित है।
• चेतक सीमेंट चित्तौड़गढ़ में स्थापित है।
• बिड़ला सीमेंट चित्तौड़गढ़ में स्थापित है।
• त्रिशूल सीमेंट कारखाना एशिया का सबसे बड़ा सीमेंट कारखाना है जो सवाई माधोपुर में स्थापित किया गया। यह कारखाना वर्ष 1955 में स्थापित किया गया तथा वर्ष 1958 में बन्द कर दिया गया।
• ए.सी.सी. सीमेंट राजस्थान का पहला सीमेंट बनाने का कारखाना लाखेरी (बूंदी) में वर्ष 1915 में स्थापित किया गया।
❍ राजस्थान में सफेद सीमेंट बनाने के कारखानें-
• जे.के. व्हाइट सीमेंट गोटन (नागौर) में वर्ष 1984 में स्थापित की गई।
• बिड़ला व्हाइट सीमेंट खारिया खंगार (जोधपुर) में वर्ष 1988 में स्थापित है।
• अम्बुजा व्हाइट सीमेंट मूण्डवा (नागौर) में स्थापित है।
❍ रासायनिक खाद बनाने के कारखाने-
1. श्रीराम फर्टिलाइजर राजस्थान का पहला रासायनिक खाद बनाने का कारखाना कोटा में स्थापित किया गया।
2. चंबल फर्टिलाइजर (DAP – डाई अमोनियम फॉस्फेट) खाद बनाने का प्रथम कारखाना गढ़ेपान (कोटा) में स्थापित किया गया।
3. राजस्थान राष्ट्रीय केमिकल एण्ड फर्टिलाइजर कपासन (चित्तौड़गढ़) में स्थित है जो (DAP – डाई अमोनियम फॉस्फेट) बनाने का सबसे बड़ा कारखाना है।
4. झामर कोटड़ा फर्टिलाइजर उदयपुर में स्थित है।
5. जीवन ज्योति फर्टिलाइजर कोटा में स्थित है।
❍ नमक उद्योग-
• सांभर सॉल्ट लिमिटेड की स्थापना वर्ष 1960 में सांभर (जयपुर) में की गई।
• वर्ष 1964 में भारत सरकार द्वारा इसका अधिग्रहण कर इसे हिन्दुस्तान सांभर सॉल्ट लिमिटेड किया गया।
• राजस्थान सॉल्ट एण्ड केमिकल्स डीडवाना (नागौर) में स्थापित है जहाँ सोडियम सल्फेट का निर्माण किया जाता है जिसका उपयोग चमड़ा व रंगाई-छपाई उद्योग में किया जाता है।
• राजस्थान सॉल्ट लिमिटेड पचपदरा (बाड़मेर) में स्थापित है जो खाने योग्य सर्वश्रेष्ठ नमक का उत्पादन करता है।
• सॉल्ट मॉडल मण्डी नावां (नागौर) में स्थित है।
❍ फुटलूज उद्योग
• वे उद्योग जिनकी स्थापना पर स्थान पर्यावरण, कच्चे माल की उपलब्धता आदि परिस्थितियों का कोई प्रभाव नहीं पड़ता, फुटलूज उद्योग कहलाता है।
उदाहरण – सॉफ्टवेयर उद्योग
❍ पर्यटन उद्योग
• 4 मार्च, 1989 को मो. युनूस खान समिति की सिफारिश पर पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिया गया। राजस्थान भारत का ऐसा पहला राज्य है जिसने पर्यटन को उद्योग का दर्जा प्रदान किया। राजस्थान में नई पर्यटन नीति की घोषणा 2015 में की गई।
❍ राजस्थान के अन्य उद्योग
1. सेन्ट्रल इण्डिया मशीनरी मेन्यूफेक्चरिंग कंपनी
[CIMCO- सिमको] – भरतपुर (रेलवे डिब्बे)
2. इन्स्ट्रमेन्टेशन लिमिटेड – कोटा
(थर्मल पॉवर एवं रासायनिक उद्योगों की मशीनरी)
3. नेशनल इंजीनियरिंग इण्डस्ट्रीज – जयपुर (बॉल बियरिंग)
4. राजस्थान इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन – जयपुर (टेलीविजन)
5. राजस्थान टेलीफोन इण्डस्ट्रीज–भिवाड़ी (अलवर) (टेलीफोन)
6. केपस्टन मीटर कंपनी – जयपुर/अलवर (पानी के मीटर)
8. अशोका लेलैंड – अलवर
9. अवन्ती स्कूटर – अलवर
10. आयशर ट्रैक्टर – अलवर
11. पानी के पंप बनाने का कारखाना- लूणकरणसर (बीकानेर)
12. खेलकूद सामग्री बनाने का कारखाना – हनुमानगढ़
13. कृषि औजार बनाने का कारखाना – गजसिंहपुरा (श्रीगंगानगर)
14. कृषि मशीनरी बनाने का कारखाना – नागौर
15. बिजली के मीटर बनाने का कारखाना – जयपुर
❍ राजस्थान में केंद्र सरकार के उपक्रम
1. हिन्दुस्तान सांभर साल्ट लिमिटेड – सांभर (जयपुर) – स्थापना 1964 (भारत का सबसे बड़ा नमक उत्पादक केंद्र)
2. हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड देबारी (उदयपुर) – 10 जनवरी, 1966 अमेरिका के सहयोग
चंदेरिया (चित्तौड़गढ़) – वर्ष 1982 – ब्रिटेन के सहयोग
राजपुर दरीबा (राजसमंद) – वर्ष 2004
3. हिन्दुस्तान मशीन टूल्स लिमिटेड – अजमेर – वर्ष 1967 – चेकोस्लाविया के सहयोग
4. हिन्दुस्तान कॉपर लिमिटेड – खेतड़ी (झुंझुनूं) – वर्ष 1967 – अमेरिका के सहयोग
5. इण्डियन इंस्ट्रमेंट लिमिटेड – कोटा – वर्ष 1967
6. इण्डियन ड्रग्स एण्ड फार्मा लिमिटेड – जयपुर – वर्ष 1980
7. राजस्थान इलेक्ट्रॉनिक्स एवं इंजीनियरिंग लिमिटेड – जयपुर – वर्ष 1982 – जर्मनी के सहयोग
8. मॉर्डन बैकरिज – जयपुर – वर्ष 1965
9. नेशनल बियरिंग कॉर्पोरेशन – जयपुर – वर्ष 1964
10. सांभर साल्ट लिमिटेड – हिन्दुस्तान साल्ट लिमिटेड की सहायक इकाई के रूप में स्थापित – 1964
Note – राजस्थान इलेक्ट्रॉनिक्स एवं इंजीनियरिंग लिमिटेड (जयपुर) राजस्थान की एक मात्र मिनरल दर्जा प्राप्त कंपनी जिसका 2016 में केंद्र सरकार ने अधिग्रहण कर लिया।
❍ राजस्थान में बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ
1. होण्डा स्कूटर (जापान) – टपूकड़ा (अलवर)
2. होण्डा कार (जापान) – खुशखेड़ा (अलवर)
3. पिर्टो (ब्राजील) – मनोहरपुरा (जयपुर) – AT❍ मशीन
4. केर्टो (दक्षिण कोरिया) – घिलोट (अलवर)
5. नेशनल टायर-ट्यूब (थाइलैंड) – भिवाड़ी (अलवर)
6. लाफार्ज (फ्रांस) – निम्बाहेड़ा (चित्तौड़गढ़) – सीमेंट
7. सेन्ट गोबेन (फ्रांस) – भिवाड़ी (अलवर) – काँच
8. एमटेक ऐरी (अमेरिका) – महुआ खुर्द – रेल वैगन
9. निप्पन (थाइलैंड) – अलवर – स्टील पाइप (पाइप मोबाइल्स)
10. जिलेट इण्डिया लिमिटेड (अमेरिका) – भिवाड़ी (अलवर) – स्टेनलेस स्टील
❍ राज्य स्तरीय औद्योगिक संस्थाएँ
निवेश संवर्द्धन ब्यूरो (BIP)
• निवेश संवर्द्धन ब्यूरो राजस्थान की निवेश संवर्द्धन एजेंसी है, जो राज्य में निवेश प्रस्तावों की स्थापना हेतु सुविधा प्रदान करती है। इसकी स्थापना वर्ष 1991 में हुई थी।
❍ राजस्थान राज्य औद्योगिक विकास एवं विनियोजन निगम लिमिटेड (रीको)
• इसकी स्थापना वर्ष 1969 में की गई जिसका मुख्यालय जयपुर में स्थित है।
❍ रीको द्वारा विकसित विशेष पार्क
• एग्रो फूड पार्क
एग्रो फूड पार्क क्रमश: बोरानाडा (जोधपुर), कोटा, अलवर एवं श्रीगंगानगर में विकसित किए गए है। रीको द्वारा औद्योगिक क्षेत्र तिंवरी (जोधपुर) में लगभग 33 हेक्टेयर भूमि पर “कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र” बनाया गया।
• विशेष आर्थिक क्षेत्र (सेज)
रीको द्वारा दो विशेष आर्थिक क्षेत्र जेम्स एण्ड ज्वैलरी प्रथम एवं द्वितीय, सीतापुरा औद्योगिक क्षेत्र जयपुर में स्थापित किए गए हैं।
Note- राजस्थान में दो जापानी पार्क स्थित है–
A. प्रथम जापानी पार्क – भिवाड़ी (अलवर)
B. द्वितीय जापानी पार्क – निमराना (अलवर) – जेट्रो कंपनी
राजस्थान में एक दक्षिण कोरियाइर पार्क – घिलोट (अलवर) – कोटरा कंपनी
❍ राजस्थान ड्रग्स एण्ड फार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड जयपुर-
• केंद्र सरकार की कंपनी इण्डियन ड्रग्स एवं फार्मास्यूटिकल्स
लिमिटेड की सहायक कंपनी के रुप में रीको के साथ वर्ष
1978 में जयपुर में स्थापित की गई।
राज्य के प्रमुख लघु, कुटीर, खादी ग्रामोद्योग-
राज्य के प्रमुख लघु, कुटीर, खादी ग्रामोद्योग | ||
क्र.सं. | लघु, कुटीर, खादी ग्रामोद्योग | स्थान |
1 | लकड़ी के खिलौनें | उदयपुर,सवाई माधोपुर |
2 | रसील/वुडन फर्नीचर | बीकानेर/चित्तौड़गढ़ |
3 | पापड़ भुजिया | बीकानेर |
4 | लकड़ी का नक्काशीदार फर्नीचर | बाड़मेर |
5 | मटके, सुराही | रामसर (बीकानेर) |
6 | वुडन/पेटेंड फर्नीचर | किशनगढ़ (अजमेर) |
7 | सरसों का इंजन छाप तेल | भरतपुर |
8 | आम पापड़ | बाँसवाड़ा |
9 | सरसों का वीर बालक छाप तेल | जयपुर |
10 | मेहंदी | सोजत |
11 | बादला एवं मोठड़े | जोधपुर |
12 | कुप्पों पर मोमबत्ती का काम | बीकानेर |
13 | तार कशी के जेवर | नाथद्वारा |
14 | नमदे की दरियाँ | टोंक |
15 | गोटा किनारी | खण्डेला (सीकर) |
16 | नांदणे (घाघरे की छपी फड़द) | भीलवाड़ा |
17 | ब्ल्यू पॉटरी | जयपुर, नेवटा (सांगानेर) |
18 | शीशम की फर्नीचर | हनुमानगढ़/श्रीगंगानगर |
19 | चमड़े की मोजड़ियाँ | जोधपुर, जयपुर, नागौर |
20 | कागजी टेराकोटा | अलवर |
21 | सुनहरी टेराकोटा | बीकानेर |
22 | कठपुतलियाँ | उदयपुर |
23 | थेवा कला | प्रतापगढ़ |
24 | फड चित्रण | शाहपुरा (भीलवाड़ा) |
25 | रामदेवजी के घोड़े | पोकरण (जैसलमेर) |
26 | कृषिगत औजार | गजसिंहपुरा (श्रीगंगानगर) |
27 | मिनिएचर पेंटिंग्स | जोधपुर, जयपुर, किशनगढ़ (अजमेर) |
28 | आजम प्रिंट | आकोला (चित्तौड़गढ़) |
29 | अजरक व मलीर प्रिण्ट | बाड़मेर |
30 | लाख की पॉटरी, मोण्डे | बीकानेर |
31 | चुनरी | जोधपुर |
32 | पीतल पर मुरादाबादी नक्काशी का काम | जयपुर |
33 | मसूरिया या कोटा डोरिया | कैथून (कोटा)/मांगरोल (बारां) |
34 | मिट्टी के खिलौने | मोलेला (नाथद्वारा), बस्सी (चित्तौड़गढ़) |
35 | पत्थर की मूर्तियाँ (संगमरमर) | जयपुर |
36 | पत्थर की मूर्तियाँ (लाल पत्थर) | थानागाजी (अलवर) |
37 | गरासियों की फाग (आंठनी) | सोजत |
38 | ऊनी बरडी, पट्टू एवं लोई | जैसलमेर |
39 | पेचवर्क व चटापटी का कार्य | शेखावाटी |
40 | पाव रजाई | जयपुर |
41 | जस्ते की मूर्तियाँ व वस्तुएँ | जोधपुर |
42 | खेंसले | लेटा (जालोर) |
43 | दरियाँ | टाकला (नागौर) |
44 | ऊनी कंबल | बीकानेर/जैसलमेर |
45 | खेस | चौमू (जयपुर) |
46 | लाख का काम | जयपुर |
47 | मीनाकारी एवं कुंदन कार्य | जयपुर |
48 | कोफ्तागिरी व तहनिशा कार्य | जयपुर |
49 | पेपरमेशी (कुट्टी) का नाम | जयपुर, उदयपुर |
50 | सूंघनी नसवार | ब्यावर |
51 | लकड़ी की कावड़ | बस्सी (चित्तौड़गढ़) |
52 | लहरिया एवं पोमचा | जयपुर |
53 | लकड़ी के झूले | जोधपुर |
54 | हाथीदाँत एवं चंदन पर खुदाई एवं पेंटिंग्स | जयपुर |
55 | रमकड़ा (सोप स्टोन के तराशे हुए खिलौने) | गलियाकोट (डूंगरपुर) |
56 | गलीचे | जयपुर, बीकानेर |
अन्य अध्ययन सामग्री
राजस्थान से सम्बंधित विभिन्न प्रकार की अध्ययन सामग्री।