इस लेख में मात्रक के विषय में संपूर्ण रूप से विस्तारपूर्वक बताया गया हैं। मात्रक से संबंधित विभिन्न प्रश्नों का समावेश भी किया गया है जैसे:- (1) मात्रक किसे कहते हैं ?( What is unit in hindi) (2) मात्रक की परिभाषा क्या हैं ? (3) मात्रक के प्रकार कितने है। (4) मात्रक की पद्धतियां (matrak kise kahate hain
मात्रक किसे कहते हैं ? क्या है?
किसी भौतिक राशि के मापन के लिए उस राशि का मानक मात्रक ज्ञात होना आवश्यक है।
मात्रक की परिभाषा :-
“भौतिक राशि के मापन के लिए नियत किये गए मान को मात्रक कहते है।”
मानक मात्रक किसे कहते हैं (Standard Unit) :-
मानक मात्रक की परिभाषा इस प्रकार है, “किसी भौतिक राशि के निश्चित वास्तविक मूर्त रूप को उस राशि का मानक मात्रक कहते है।”
भौतिक राशि का मात्रक उसके आंकिक मान के व्युतक्रमानुपाती होता है।
किसी भौतिक राशि का मात्रक चयन करते समय निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए :-
- चयन किए गए मात्रक सर्वमान्य, उचित आकार तथा परिमाण के हों।
- चयनित मात्रक, ताप दाब व समय के परिवर्तन से प्रभावित नहीं हो।
- चयनित मात्रक सरलता से परिभाषित किए जा सके एवं प्रत्येक स्थान पर उनके प्रतिरूप सरलता से बनाए जा सके।
मात्रक पद्धतियां (System of Unit)
भौतिक राशियां के मूल मात्रकों के आधार पर निम्नलिखित पद्धतियां प्रचलित हैं।
(i) C.G.S. (सेन्टीमीटर- ग्राम – सेकण्ड) पद्धति या गॉसिय पद्धति
इस पद्धति में द्रव्यमान, लंबाई, समय को क्रमश ग्राम, सेंटीमीटर, सेकण्ड में नापा जाता है।
(ii) M.K.S. (मीटर – किलोग्राम – सेकण्ड) पद्धति या जार्जी पद्धति
इस पद्धति में द्रव्यमान, लंबाई, समय को क्रमश किलोग्राम, मीटर, सेकण्ड में नापा जाता है।
(iii) F.P.S. (फुट – पाउंड – सेकण्ड)
इस पद्धति में द्रव्यमान, लंबाई, समय की इकाई क्रमश पाउंड, फुट, सेकण्ड होता है।
(iv) International System of Units (S.I) (अन्तर्राष्ट्रीय पद्धति
यह पद्धति 1960 में अन्तर्राष्ट्रीय माप तौल समिति द्वारा लागू की गई। यह पद्धति M.K.S. का परिवर्तित रूप है।
मात्रक के प्रकार (type of unit)
भौतिक राशियों के मात्रकों को निम्न प्रकार में बांटा गया है।
(1) मूल मात्रक किसे कहते हैं (Base Unit in Hindi) :-
मूल राशियों के मात्रक मूल मात्रक कहलाते है। SI पद्धति में 7 मूल मात्रक है।
(2) व्युत्पन्न मात्रक (Derived Units in Hindi) :-
व्युत्पन्न मात्रक किसे कहते हैं ?:-
व्युत्पन्न राशियों के मात्रक या वे मात्रक जिन्हें मूल मात्रकों के रूप में व्यक्त किया जा सकता है , व्युत्पन्न मात्रक कहलाते है।
जैसे चाल का मात्रक = दूरी का मात्रक/ समय का मात्रक
= मीटर / सैकंड = m/s
कुछ व्युत्पन्न मात्रकों के नाम महान वैज्ञानिकों के समान में रखे गए है।
जैसे – बल का मात्रक – न्यूटन(N), आवृत्ति का मात्रक – हर्ट्ज (Hz)
(3) पूरक मात्रक (Supplementry Units in Hindi) :-
पूरक मात्रक किसे कहते हैं :- “मात्रक की अन्तर्राष्ट्रीय पद्धति में दो पूरक मात्रक भी परिभाषित किए है , समतल कोण के लिए रेडियन (rad) और ठोस कोण के लिए स्टरेडियन (sr)।
पूरक मात्रक विमहिन होते है।
(i) रेडियन (rad) :- 1 रेडियन वह कोण है जो त्रिज्या के बराबर चाप द्वारा वृत के केंद्र पर बनाया जाता है।
(ii) स्टरेडियन (sr) :- 1 स्टरेडियन वह ठोस कोण है जो गोले की त्रिज्या के वर्ग के बराबर क्षेत्रफल की गोले की सतह द्वारा गोले के केंद्र पर बनाया जाता है।
(4) प्रायोगिक मात्रक (Practical Units in Hindi) :-
SI मात्रकों के निश्चित मान होने के कारण, कुछ प्रायोगिक मात्रकों को मूलभूत तथा व्युत्पन्न राशियों के लिए परिभाषित किया गया है। जैसे प्रकाश वर्ष दूरी (मूलभूत राशि) का प्रायोगिक मात्रक है और अश्व शक्ति (hp) शक्ति (व्युत्पन्न राशि) का प्रायोगिक मात्रक है। प्रायोगिक मात्रक किसी निश्चित पद्धति से संबंधित हो ऐसा आवश्यक नहीं है। लेकिन उन्हें मात्रकों की किसी भी पद्धति में व्यक्त किया का सकता है।
उदाहरण :- 1 मील (mile) = 1.6 km =1.6×103 m = 1.6×105 cm
(5) अनुपयुक्त मात्रक (Improper Unit in Hindi)
ये वे मात्रक होते है जिनकी प्रकृति उन भौतिक राशियों की प्रकृति के समान नहीं होती है जिसके लिए इनका उपयोग किया जाता है।
उदाहरण :- किग्रा – भार (Kg-wt) भार का अनुपयुक्त मात्रक है। यहां किग्रा द्रव्यमान मान का मात्रक है, लेकिन इसका उपयोग भार को मापने के लिए किया गया है।
मूल मात्रकों की परिभाषा
1. मीटर (metre) :-
एक मीटर वह दूरी है जिसमें Kr86 से उत्सर्जित नारंगी लाल प्रकाश कि 16,50,763,73 तरंगे निर्वात में स्थित होती है एवं दूसरे शब्दों में 1 मीटर वह दूरी है जो प्रकाश निर्वात में 1/299,792,458 सेकण्ड में तय करता हैं।
2. किलोग्राम (Kilogram) :-
एक किलोग्राम अन्तर्राष्ट्रीय भार तथा माप संस्था पेरिस में रखे प्लेटिनम – इरेडियम के एक विशेष बेलन के द्रव्यमान के बराबर होता है।
3. सेकण्ड (Second) :-
एक सेकण्ड वह समय है जिसमें सीजियम परमाणु, परमाणुक घड़ी में 9,192,631,770 बार कम्पन करता है। परमाणु घड़ियां इस परिभाषा पर आधारित होती हैं वे समय का यथार्थ मापन करती है और इनमें केवल 5000 वर्षों में एक सेकण्ड की त्रुटि हो सकती है।
4. एम्पियर (Ampere) :-
एक एम्पियर वह विद्युत धारा है जो निर्वात में 1 मीटर की दूरी पर रखे दो सीधे, समानतर, अनन्त लंबाई व नगण्य वृताकार परिच्छेद वाले तारो में प्रवाहित होने पर उनके मध्य प्रतिमिटर लंबाई पर 2×10-7 N/m बल उत्पन्न करती है।
5. केल्विन (Kelvin) :-
1 केल्विन सामान्य वायुमंडलीय दाब पर जल के कवथनाक व बर्फ के गलनांक के अंतर का 1/100 वा भाग होता है।
6. केंडेला (Candela) :-
एक कैंडेला कृष्णिका के तल के लंबवत दिशा में उसके 1/60000 मी2 क्षेत्रफल की प्रदीपन तीव्रता है जबकि कृष्णिका का दाब 100,325 N/m2 तथा ताप प्लेटिनम के गलनांक के बराबर होता है।
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महत्वपूर्ण प्रश्न
Q.1. मात्रक किसे कहते हैं?
मापन का ऐसा मानक आधार जिसके गुणज के रूप में किसी भौतिक राशि को प्रदर्शित किया जाता है, उस राशि का मात्रक कहलाता है।
Q.2. मूल मात्रक किसे कहते हैं ?
मूल राशियों के मात्रक मूल मात्रक कहलाते है। SI पद्धति में 7 मूल मात्रक है।
Q.3. व्युत्पन्न मात्रक किसे कहते हैं ?
व्युत्पन्न राशियों के मात्रक या वे मात्रक जिन्हें मूल मात्रकों के रूप में व्यक्त किया जा सकता है , व्युत्पन्न मात्रक कहलाते है।
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