नमस्कार साथियो , इस आर्टिकल में हम जानंगे की गणित में कोण किसे कहते है। कोण के प्रकार क्या क्या है (Types Of Angles In Hindi). तथा इन कोणों की परिभाषा ,गुणधर्म , उदाहरण इत्यादि भी जानेंगे। kon ke prakar in hindi
साथ ही इस लेख में kaun kise kahate hain और definition इत्यादि का भी समावेश किया गया है जो आपके लिए परीक्षा की दृष्टि से बहुत ही लाभदायक है।
कोण की परिभाषा :-
दो किरणों के मध्य की आकृति कोण कहलाती है।
एक कोण का निर्माण तब होता है जब दो रेखाएँ (अथवा किरण अथवा रेखाखंड) एक दूसरे को मिलती हैं।
(1) पूरक कोण (Complementary angles)
पूरक कोण की परिभाषा कुछ इस प्रकार से है, जब दो कोणों के मापों का योग 90° होता है, तो ये कोण पूरक कोण (complementary angles) कहलाते हैं।
जब दो कोण पूरक होते हैं, तो इनमें से प्रत्येक कोण दूसरे कोण का पूरक कहलाता है।
उदाहरण :- 1. माना दिए गए 2 कोण 30० व 60० है तो इन दोनों कोणों का योग 90 है तो यह दोनों कोण आपस में पूरक कोण है।
दो पूरक कोण मापों का योग 90० है।
(2) संपूरक कोण (Supplementary Angles) :-
संपूरक कोण की परिभाषा कुछ इस प्रकार है , जब दो कोणों के मापों का योग 180º पाया जाये तो कोणों के ऐसे युग्म संपूरक कोण (supplementary angles) कहलाते हैं।
जब दो कोण संपूरक होते हैं तो उनमें से प्रत्येक कोण दूसरे कोण का संपूरक कहलाता है।
दो संपूरक कोण मापों का योग 180० है।
(3) आसन्न कोण (adjacent angles) :-
आसन्न कोण से तात्पर्य है की ऐसे दो कोंणो का युग्म जिनमे कोई एक भुजा उभयनिष्ट होती है।
ऐसे युग्म कोण को आसन्न कोण कहते है अर्थात यह दोनों कोण एक दूसरे पर आश्रित होते है।
उदाहरण :-निचे दिए गए चित्र में एक किताब दी गयी है जिसकी सहयता से आप समझ सकते है कोण A और
कोण B के बिच एक एक उभयनिष्ट भुजा है।
(i) उनका एक उभयनिष्ठ शीर्ष है
(ii) उनमें एक उभयनिष्ठ भुजा है और
(iii) जो भुजाएँ उभयनिष्ठ नहीं हैं, वे उभयनिष्ठ भुजा के एक-एक तरफ़ हैं।
(4) शीर्षाभिमुख कोण (vertically opposite angles) :-
जब दो रेखाएँ प्रतिच्छेद करती हैं (सामान्यतः, अक्षर X की भाँति दिखाई देती हैं) तो हमें सम्मुख कोणों के दो युग्म प्राप्त होते हैं।
इन्हें शीर्षाभिमुख कोण कहा जाता है। इनका माप समान होता है।
(4) शून्य कोण (Zero Angle) :-
शून्य कोण को इस प्रकार परिभाषित किया जा सकता है जब कोण बनाने वाली दो रेखाओ के मध्य बनने वाला कोण अर्थात झुकाव शून्य हो तो,
इस कोण को शून्य कोण (ZERO ANGLE) कहते है।
(5) न्यून कोण (Acute Angle in hindi)
न्यून कोण की परिभाषा कुछ इस प्रकार है – ऐसा कोण जो शून्य से अधिक परन्तु 90 ० से कम होता है।
एक न्यून कोण का माप 0º और 90º के बीच होता है।
उदाहरण :- 45, 60 , 55 , 35 न्यून के कुछ उदाहरण है।
(6) समकोण (Right Angle in hindi) :-
समकोण से तात्पर्य है जब किसी कोण का मान 90 अंश होता है तो , उसे समकोण कहते है।
समकोण की परिभाषा (Definition of Right Angle) :- समकोण की परिभाषा कुछ इस प्रकार है की जब किन्ही दो किरणों के मध्य झुकाव (कोण) 90 अंश होता है बनने वाले इस कोण को समकोण कहते है।
एक समकोण का माप ठीक 90º होता है।
(7) अधिक कोण (Obtuse Angle in hindi) :-
अधिक कोण से तात्पर्य है की ऐसा कोण जिसका मान 90 अंश से अधिक हो परन्तु 180 अंश से कम हो , अधिक कोण कहलाता है।
अधिक कोण : 90° < z < 180° (जहाँ :- z = कोण है)
(8) ऋजु कोण (Straight Angle) :-
ऋजु कोण (Straight Angle) से तात्पर्य है वह कोण जिसका मान 180 अंश होता है। एक ऋजु कोण 180º के बराबर होता है।
इसमें कोण बनाने वाली दोनों रेखाएं विपरीत दिशा में होती है।
(9) बृहत कोण (Reflex Angle in hindi)/ प्रतिवर्ती कोण :-
बृहत कोण (Reflex Angle in hindi) से तात्पर्य है ऐसा कोण जिसका मान 180 अंश से अधिक होता है परन्तु 360 अंश होता है।
बृहत कोण को प्रतिवर्ती कोण भी कहा जाता है।
प्रतिवर्ती कोण : 180° < m < 360° (जहाँ :- m= कोण है)
(10) सम्पूर्ण कोण (Complete angle) :-
सम्पूर्ण कोण से तात्पर्य है की वह कोण जिसका मन 360 होता है। यानि कोण बनाने वाली दोनों रेखाओ के बिच का जुकाव 360 अंश होता है।
-: कोणों का संक्षिप्त विवरण (Summary of angle sizes) :-
कोण का नाम /प्रकार | कोण का मान |
---|---|
शून्य कोण (Zero Angle) | 0० |
न्यून कोण (Acute Angle) | 0° < m < 90° |
समकोण (Right Angle) | 90° |
अधिक कोण (Obtuse Angle) | 90° < m < 180° |
ऋजु कोण (Straight Angle) | 180° |
बृहत कोण (Reflex Angle) | 180° < m < 360° |
सम्पूर्ण कोण (Complete angle) | 360° |
-: कोणों के प्रकार वीडियो (Types Of Angles In Hindi Video) :-
महत्वपूर्ण तथ्य :-
- यदि दो रेखाएँ परस्पर प्रतिच्छेद करें, तो शीर्षाभिमुख कोण बराबर होते हैं।
- वे रेखाएँ जो एक ही रेखा के समांतर होती हैं परस्पर समांतर होती हैं।
- एक त्रिभुज के तीनों कोणों का योग 180 होता है।
- दि किसी त्रिभुज की एक भुजा को बढ़ाया जाए, तो इस प्रकार बना बहिष्कोण अपने दोनों अंतः अभिमुख कोणों के योग के बराबर होता है।
- आप के सहयोग के लिए कोण के प्रकार को इंग्लिश में भी दिया गया types of angles in english.
Types of angles in hindi pdf
निचे दिए गए बटन से आप कोणों के प्रकार की पीडीऍफ़ डाउनलोड कर सकते है।
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