प्रकाश का वर्ण-विक्षेपण (Dispersion)
- प्रकाश का प्रिज्म से गुजरने पर सातों रंगों में विभक्त होने की घटना वर्ण-विक्षेपण कहलाता है।
- सातों रंग की रूप रेखा- वर्णक्रम (Spectrum) कहलाता है। ‘VIBGYOR’
- इस घटना में लाल रंग का विचलन न्यूनतम तथा बैंगनी रंग विचलन सर्वाधिक होता है क्योंकि रंगों का तरंगदैर्घ्य न्यूनतम अर्थात् आवृत्ति ज्यादा होती है अतः कणों से ज्यादा टकराहट होने से वेग में कमी अधिक होती है अतः सर्वाधिक विचलित होता है।
- द्वितीयक इन्द्रधनुष –
- प्राथमिक की अपेक्षा धुंधला दिखाई देता है।
- सबसे बाहरी रंग = बैंगनी (5405), सबसे भीतरी रंग= लाल (500.8)।
- प्राथमिक इन्द्रधनुष –
- सबसे बाहरी – लाल (420.8′), सबसे भीतरी – बैंगनी (400.8′)।
- प्राथमिक इन्द्र धनुष में – दो बार अपवर्तन एवं एक बार परावर्तन होता है।
- द्वितीयक इन्द्र धनुष में – दो बार अपवर्तन एवं दो बार परावर्तन होता है।
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