नमस्कार आज हम हिंदी व्याकरण के महत्वपूर्ण अध्याय मे से एक शुद्ध अशुद्ध शब्द शुद्धि (Shudh Ashudh Shabd in Hindi) के बारे मे अध्ययन करेंगे । इस अध्ययन के दौरान हम विभिन्न बिन्दुओ पर गौर करेंगे जो इस अध्याय से संबंधित है । जैसे शब्द शुद्धि क्या है? यहाँ पर आपको शुद्ध अशुद्ध शब्द Worksheet भी दी गई है जिसकी सहायता से आप अपनी तैयारी को और भी अधिक अच्छी कर पाओगे ।
परीक्षा की दृष्टि से देखे तो यह टॉपिक अतिमहत्वपूर्ण टोपिक्स मे से एक है क्योंकि विभिन्न भर्ती परीक्षाओ मे इस अध्याय से ढेर सारे प्रश्न पूछे जाते हैं । तो आइए शुरू करते है Shudh Ashudh Shabd in Hindi का अध्ययन ।
व्याकरण अर्थात् भाषा के परिष्कृत रूप की जानकारी नहीं होने पर अनेक गलतियाँ होती हैं। जैसे स्वर सम्बन्धी, मात्रा सम्बन्धी, वर्ण सम्बन्धी, चिह्न सम्बन्धी जैसी अनेक ग़लतियाँ हैं जो अक्सर हो जाती हैं।
1. स्वरागम के कारण शुद्ध अशुद्ध शब्द –
निम्न शब्दों में किसी वर्ण के साथ अनावश्यक स्वर प्रयुक्त हो जाने से वर्तनी अशुद्ध / ग़लत हो जाती है। जिसके चलते शब्द ग़लत हो जाता है।
ग़लत शब्द | सही शब्द | ग़लत शब्द | सही शब्द |
अकाश | आकाश | आधीन | अधीन |
व्यक्ती | व्यक्ति | अनाधिकार | अनधिकार |
अगामी | आगामी | दुरावस्था | दुरवस्था |
अती | अति | गत्यावरोध | गत्यवरोध |
अर्यावर्त | आर्यावर्त | द्वारिका | द्वारका |
अवाज़ | आवाज़ | घुटुना | घुटना |
भागीरथ | भगीरथ | अत्याधिक | अत्यधिक |
शताब्दि | शताब्दी | अभ्यार्थी | अभ्यर्थी |
अविष्कार | आविष्कार | अहिल्या | अहल्या |
आशिर्वाद | आशीर्वाद | शमशान | श्मशान |
प्रदर्शिनी | प्रदर्शनी | प्रतित | प्रतीत |
पुनरावलोकन | पुनरवलोकन | व्यौपारी | व्यापारी |
पुत्रि | पुत्री | दिपिका | दीपिका |
आखरी | आख़िरी | लोकिक | लौकिक |
इद | ईद | कुटम्ब | कुटुम्ब |
गोदावरि | गोदावरी | जलूस | जुलूस |
मैथली | मैथिली | पत्नि | पत्नी |
अगामी | आगामी | तुलसिदास | तुलसीदास |
गोरव | गौरव | तिर्थ | तीर्थ |
महात्म्य | माहात्म्य | शिर्षक | शीर्षक |
अजीवका | आजीविका | पिढ़ि | पीढ़ी |
कुमुदनी | कुमुदिनी | स्वस्थ्य | स्वास्थ्य |
इश्वर | ईश्वर | वयवृद्ध | वयोवृद्ध |
प्रतिक | प्रतीक | मुकट | मुकुट |
परिक्षा | परीक्षा | अजानु | आजानु |
उन्नतशील | उन्नतिशील | प्राणि | प्राणी |
अतिश्योक्ति | अतिशयोक्ति | बिमार | बीमार |
मुकन्द | मुकुन्द | अमिर | अमीर |
आप्लवित | आप्लावित | अतीथी | अतिथि |
दुगनी | दुगुनी | बदाम | बादाम |
कीर्ती | कीर्ति | विपन्नवस्था | विपन्नावस्था |
कुटीया | कुटिया | सतरंगनी | सतरंगिनी |
गीनना | गिनना | युधिष्ठर | युधिष्ठिर |
ओरत | औरत | मिट्टि | मिट्टी |
मिठा | मीठा | अन्त्यक्षरी | अन्त्याक्षरी |
पाकीस्तान | पाकिस्तान | फिटकरी | फिटकिरी |
पुष्टी | पुष्टि | विरहणी | विरहिणी |
सङ्घी | सिद्धि | वाहनी | वाहिनी |
रिदी | रिद्धि | परितोषक | पारितोषिक |
भगीरथी | भागीरथी | जिरा | जीरा |
अष्टवक्र | अष्टावक्र | जमाता | जामाता |
हिंग | हींग | नृत्यंगना | नृत्यांगना |
2. वर्ण सम्बन्धी ग़लती शुद्ध अशुद्ध शब्द
जब शब्द में वर्ण से सम्बन्धित ग़लती हो जाती है तो उसे वर्ण सम्बन्धी ग़लती कहा जाता है।
जैसे:-
ग़लत शब्द | सही शब्द | ग़लत शब्द | सही शब्द |
अवन्नति | अवनति | षष्ठम् | षष्ठ |
बुद्धवार | बुधवार | सदृश्य | सदृश |
अहिल्य | अहल्या | निश्च्छल | निश्छल |
उत्पात् | उत्पात | समुन्द्र | समुद्र |
केन्द्रीयकरण | केन्द्रीकरण | शुभेच्छुक | शुभेच्छु |
कृत्य – कृत्य | कृत-कृत्य | प्रज्ज्वलित | प्रज्वलित |
अन्तर्ध्यान | अन्तर्धान | पूज्यनीय | पूजनीय |
श्राप | शाप | निन्द्रित | निद्रित |
गोवर्धन | गोवर्धन |
3. व्यंजन लोप के कारण Shudh Ashudh Shabd in Hindi
: जब शब्द में व्यंजन का लोप हो जाता है तो उसे व्यंजन सम्बन्धी ग़लती कहा जाता है।
जैसे :
ग़लत शब्द | सही शब्द | ग़लत शब्द | सही शब्द |
अध्यन | अध्ययन | विदयालय | विद्यालय |
उमीदवार | उम्मीदवार | महछाया | महच्छाया |
व्यंग | व्यंग्य | उछृंखल | उच्छृंखल |
लक्ष्मीछाया | लक्ष्मीच्छाया | उद्देश | उद्देश्य |
विछेद | विच्छेद | महत्व | महत्त्व |
सन्धिछेद | सन्धिच्छेद | समुचय | समुच्चय |
सचरित्र | सच्चरित्र | उपलक्ष | उपलक्ष्य |
समुद | समुद्र | तरुछाया | तरुच्छाया |
वृक्षछाया | वृक्षच्छाया | आर्द | आर्द्र |
निरलम्ब | निरवलम्ब | राजाभिषेक | राज्याभिषेक |
पुनजन्म | पुनर्जन्म | स्वातन्त्र | स्वातन्त्रय |
ईर्षा | ईर्ष्या | तदन्तर | तदनन्तर |
सजन | सज्जन | सामर्थ | सामर्थ्य |
सचरित्र | सच्चरित्र | उपलक्ष | उपलक्ष्य |
वर्स्य | वर्त्स्य | द्वन्द | द्वंद्व |
उत्पन | उत्पन्न | समुनयन | समुन्नयन |
मिष्टान | मिष्टान्न | योधा | योद्धा |
उलंघन | उल्लंघन | स्तनपान | स्तन्यपान |
तत्वाधान | तत्त्वावधान | तत्व | तत्त्व |
श्रेयकर | श्रेयस्कर | स्वालम्बन | स्वावलम्बन |
पुरकार | पुरस्कार |
4. वर्णक्रम भंग के कारण शुद्ध अशुद्ध शब्द :
वर्तनी में किसी वर्ण का क्रम बदलने परअर्थात् वर्ण का क्रम आगे पीछे होने पर वर्तनी अशुद्ध हो जाएगी। यथा-
ग़लत शब्द | सही शब्द | ग़लत शब्द | सही शब्द |
अथिति | अतिथि | मध्यान्ह | मध्याह्न |
आव्हान | आह्वान | गव्हर | गह्वर |
आल्हाद | आह्लाद | अलम | अमल |
चिन्ह | चिह्न | ब्रम्हा | ब्रह्मा (ब्रह्मा) |
जिव्हा | जिहवा | आन्नद | आनन्द |
प्रशसा | प्रशंसा | मतबल | मतलब |
5. वर्ण परिवर्तन के कारण शुद्ध अशुद्ध शब्द:–
किसी वर्तनी में किसी वर्ण के स्थान पर दूसरा वर्ण लिख देने पर वर्तनी अशुद्ध हो जाती है।
जैसे :
गलत शब्द | सही शब्द | ग़लत शब्द | सही शब्द |
उमरना | उमड़ना | बतक | बतख |
कोशी | कोसी | दस्तकत | दस्तख़त |
करोर | करोड | जुखाम | जुकाम |
कराही | कड़ाही | संगटन | संघटन |
पापर | पापड़ | संघठन | संगठ |
सच्जन | सज्जन | यथेष्ठ | यथेष्ट |
जगत्जीवन | जगज्जीवन | मिष्ठान्न | मिष्टान्न |
कीचर | कीचड़ | संश्लिष्ठ | संश्लिष्ट |
किवार | किवाड़ | कनिष्ट | कनिष्ठ |
भेरिया | भेड़िया | पांच | पाँच |
कुष्ट | कुष्ठ | दूद | दूध |
धनाड्य | धनाढ्य | पीरा | पीड़ा |
ऋन | ऋण | अविस्कार | अविष्कार |
सुश्रूषा | शुश्रूषा | असोक | अशोक |
आशीश | आशीष | अभिसेक | अभिषेक |
कोशी | कोसी | कौसल्या | कौशल्या |
समसान | श्मशान | सुसमा | सुषमा |
छेम | क्षेम | विसमता | विषमता |
आकांछा | आकांक्षा | कलस | कलश |
आमिश | आमिष | कुसल | कुशल |
विध्वंश | विध्वंस | प्रस्न | प्रश्न |
निसिद्ध | निषिद्ध | कैलाश | कैलास |
ऊँगना | ऊँघना | दुस्कर | दुष्कर |
मेगनाद | मेघनाद | दुशासन | दुश्शासन |
रिमजिम | रिमझिम | निस्श्वास | निश्श्वास |
सन्तुष्ठ | सन्तुष्ट | जाचना | याचना |
परिशिष्ठ | परिशिष्ट | जुवती | युवती |
बलिष्ट | बलिष्ठ | जुवा | युवा |
कटहरा | कठहरा | ||
पापर | पापड़ | सीडी | सीढ़ी |
भीस्म | भीष्म | रामायन | रामायण |
वास्प | वाष्प | पुन्य | पुण्य |
जोग | योग | अवकास | अवकाश |
जम | यम | जदि | यदि |
पुरष्कार | पुरस्कार | रामचन्दर | रामचन्द्र |
विध्यालय | विद्यालय | छमा | क्षमा |
छीण | क्षीण | लघुमन | लक्ष्मण |
वांगमय | वाङ्मय | मन्डल | मण्डल |
सम्वत् | संवत् | सन्यासी | संन्यासी |
सम्वाद | संवाद | इन्होनें | इन्होंने |
करेगें | करेंगे | सम्वर्धन | संवर्धन |
6. जब चन्द्रबिन्दु के स्थान पर अनुस्वार का प्रयोग किया जाता है तो उसे चन्द्रबिन्दु से सम्बन्धित ग़लती कहा जाता है। यदि अनुस्वार का गलत प्रयोग करते हैं तो वह अनुस्वार से सम्बन्धित ग़लती कहलाती है।
जैसे :
गलत शब्द | सही शब्द | ग़लत शब्द | सही शब्द |
दांत | दाँत | डांट | डाँट |
आंख | आँख | उंगली | ऊँगली |
ऊंट | ऊँट | चांद | चाँद |
पहुंच | पहुँच | ऊंचा | ऊँचा |
ऊंचाई | ऊँचाई | छांह | छाँह |
ढूंढ़ना | ढूँढ़ना | सांसी | झाँसी |
कुँआ | कुआँ | टांगना | टाँगना |
दुनियाँ | दुनिया | हंसना | हँसना |
चन्चल | चंचल | षन्मुख | षण्मुख |
कंगना | कँगना | एकाकी | एकांकी |
उन्नीसवी | उन्नीसवीं | दूंगा | दूँगा |
स्वयम्वर | स्वयंवर | क्रांन्ति | क्रान्ति |
गांधी | गाँधी | हंसी | हँसी |
आंधी | आँधी | तांत | ताँत |
मुह | मुँह | सूंड | सूँड |
सांझ | साँझ | जाऊंगा | जाऊँगा |
दांत | दाँत | बंगला | बँगला |
महंगा | महँगा | सांकल | साँकल |
पाँचवां | पाँचवाँ | दिनाँक | दिनांक |
7. रेफ सम्बन्धी शुद्ध अशुद्ध शब्द:-र रेफ के रूप में उचित वर्ण पर न लगाने से भी वर्तनीअशुद्ध हो जाती है। ‘र्’ रेफ के रूप में उस वर्ण पर लगाना चाहिए जिस वर्ण से पूर्व ‘र्’ का उच्चारण होता है।
गलत शब्द | सही शब्द | ग़लत शब्द | सही शब्द |
आर्शीवाद | आशीर्वाद | करमनाशा | कर्मनाशा |
आकषर्ण | आकर्षण | प्रर्वतक | प्रवर्तक |
उर्त्तीण | उत्तीर्ण | अर्न्तगत | अन्तर्गत |
प्रार्दुभाव | प्रादुर्भाव | अंर्तयामी | अंतर्यामी |
दशर्नीय | दर्शनीय | अर्न्तभाव | अन्तर्भाव |
मुर्हरम | मुहर्रम | मर्हण | महर्ण |
दुव्यर्सन | दुर्व्यसन | प्राथर्ना | प्रार्थना |
पुर्नजन्म | पुनर्जन्म | शरर्दतु | शरदर्तु |
गर्वनर | गवर्नर | आर्युवेद | आयुर्वेद |
र्मिच | मिर्च | शार्गीद | शागीर्द |
8. ॠ के स्थान पर र () के प्रयोग के कारण शुद्ध अशुद्ध शब्द :-
गलत शब्द | सही शब्द | ग़लत शब्द | सही शब्द |
श्रृंगार | श्रृंगार | द्रश्य | दृश्य |
द्रष्टि | दृष्टि | पैत्रिक | पैतृक |
ग्रहिणी | गृहिणी | रितु | ऋतु |
भ्रंग | भृंग | रिण | ऋण |
जाग्रति | जागृति | श्रंग | श्रृंग |
तिरस्क्रत | तिरस्कृत | सम्रद्ध | समृद्ध |
ह्रदय | हृदय | श्रृंखला | श्रृंखला |
स्रष्टि | सृष्टि | अनुग्रहीत | अनुगृहीत |
द्रष्टि | दृष्टि | प्रक्रति | प्रकृति |
भ्रगु | भृगु | संग्रहीत | संगृहीत |
ग्रहीत | गृहीत | भ्रत्य | भृत्य |
व्रत्तान्त | वृतांत | म्रदंग | मृदंग |
9. ‘र’ के स्थान पर ‘ऋ’ के प्रयोग के कारण ग़लती हो जाती है। जैसे-
गलत शब्द | सही शब्द | ग़लत शब्द | सही शब्द |
बृज | ब्रज | दृष्टा | द्रष्टा |
अनुगृह | अनुग्रह | जागृत | जाग्रत |
बृटिश | ब्रिटिश | दृष्टव्य | द्रष्टव्य |
10. र () के स्थान पर ‘त्र‘ के प्रयोग के कारण ग़लती हो जाती है। जैसे:-
गलत शब्द | सही शब्द | ग़लत शब्द | सही शब्द |
सहस्त्र | सहस्र | अजस्त्र | अजस्र |
स्रोत | सत्रोत | स्त्राव | स्राव |
11. संयुक्ताक्षर सम्बन्धी शुद्ध अशुद्ध शब्द:
सही संयुक्ताक्षर का प्रयोग न करने सेवर्तनी अशुद्ध हो जाती है। जैसे :
गलत शब्द | सही शब्द | ग़लत शब्द | सही शब्द |
कब्बड़ी | कबड्डी | सचचा | सच्चा |
प्रसिध | प्रसिद्ध | पकका | पक्का |
विध्यालय | विद्यालय | द्वन्द्व | द्वंद्व |
लगन | लग्न | दूधवाला | दूधवाला |
दफ्तर | दफ़्तर | गद्धा | गद्दा |
तत्व | तत्त्व | महत्व | महत्त्व |
ज्योत्सना | ज्योत्स्ना | वर्स्य | वर्त्स्य |
पध्य | पद्य | गद | गद्य |
12. सन्धि सम्बन्धी शुद्ध अशुद्ध शब्द :
सही सन्धि न होने पर वर्तनी अशुद्ध हो जाती है।
जैसे:-
गलत शब्द | सही शब्द | ग़लत शब्द | सही शब्द |
अत्याधिक | अत्यधिक | निरस | नीरस |
सम्वाद | संवाद | उपरोक्त | उपर्युक्त |
अत्योक्ति | अत्युक्ति | पुनरोक्ति | पुनरुक्ति |
उज्जवल | उज्ज्वल | निरोग | नीरोग |
इत्यार्थ | इत्यर्थ | तदोपरान्त | तदुपरान्त |
मध्वारि | मध्वर | सदोपदेश | सदुपदेश |
लघुतर | लघूत्तर | अन्तसाक्ष्य | अन्तः साक्ष्य |
मनहर | मनोहर | निसंतान | निस्संतान |
मरुद्यान | मरूद्यान | अध्यन | अध्ययन |
यावत्जीवन | यावज्जीवन | इतिःपूर्व | इतःपूर्व |
उत्शिष्ट | उच्छिष्ट | षड़यन्त्र | षड्यन्त्र |
विसाद | विषाद | मनोकामना | मन:कामना |
रविन्द्र | रवीन्द्र | संमान | सम्मान |
शरदुत्सव | शरदोत्सव | उज्वल | उज्ज्वल |
महेश्वर्य | महैश्वर्य | महत्जन | महज्जन |
अनुसंग | अनुषंग | सत्जन | सज्जन |
अन्तर्चेतना | अन्तश्चेतना | भाष्कर | भास्कर |
पयोपान | पयःपान | प्रातोकाल | प्रातःकाल |
षट्मुख | षण्मुख | जगनाथ | जगन्नाथ |
13. समास सम्बन्धी शुद्ध अशुद्ध शब्द:
सामासिक प्रक्रिया में पदों के मेल पर उनके रूप में परिवर्तन भी होता है। अतः सही समास न होने से वर्तनी हो अशुद्ध जाती है।
जैसे :
गलत शब्द | सही शब्द | ग़लत शब्द | सही शब्द |
हस्तीदन्त | हस्तिदन्त | मन्त्री परिषद् | मन्त्रि-परिषद् |
योगीराज | योगिराज | मंत्रीमण्डल | मंत्रिमण्डल |
पिता-भक्ति | पितृ-भक्ति | माताहीन | मातृहीन |
सलज्जित | सलज्जत | पक्षीराज | पक्षिराज |
पक्षीगण | पक्षिगण | दुरात्मागण | दुरात्मगण |
निर्दोषी | निर्दोष | मुनीजन | मुनिजन |
एकलौता | इकलौता | नवरात्रि | नवरात्र |
एकतारा | इकतारा | दुपहर | दोपहर |
निशिशेष | निशाशेष | सशंकित | सशंक |
प्राणी- विज्ञान | प्राणि-विज्ञान | चक्रपाणी | चक्रपाणि |
आत्मापुरूष | आत्मपुरुष | राजागण | राजगण |
अहोरात्र | अहोरात्र | पिताभक्ति | पितृभक्ति |
राजापथ | राजपथ | विद्यार्थीगण | विद्यार्थिगण |
धनीत्व | धनित्व | शशीभूषण | शशिभूषण |
सानन्दि | सानन्द | सउदाहरण | सोदाहरण |
सकुशलपूर्वक | सकुशल | अनुवादित | अनूदित |
लघुत्तर | लघूत्तर | मातादेव | मातृदेव |
महाराजा | महाराज | नेतागण | नेतृगण |
निर्गुणी | निर्गुण | दुराज | दूराज |
सूराज | सुराज | सतोगुण | सत्त्वगुण |
पक्षीराज | पक्षिराज |
14. प्रत्यय सम्बन्धी शुद्ध अशुद्ध शब्द:
प्रत्यय का सही प्रयोग न होने पर प्रत्यय सम्बन्धी ग़लती हो जाती है।
जैसे :
गलत शब्द | सही शब्द | ग़लत शब्द | सही शब्द |
व्यवहारिक | व्यावहारिक | आधीन | अधीन |
सेनिक | सैनिक | पुराणिक | पौराणिक |
धैर्यता | धैर्य, धीरता | योगिक | यौगिक |
उत्कर्षता | उत्कर्ष | माधुर्यता | माधुर्य |
सौन्दर्यता | सौन्दर्य | कौशलता | कौशल |
ज्ञानमान् | ज्ञानवान् | बाहुल्यता | बाहुल्य |
देहिक | दैहिक | निरपराधी | निरपराध |
दाइत्व | दायित्व | निर्दयी | निर्दय |
निर्दोषी | निर्दोष | अभ्यन्तरिक | आभ्यान्तरिक |
यौवनावस्था | यौवन | अनुयाई | अनुयायी |
आवश्यकीय | आवश्यक | उत्तरदाई | उत्तरदायी |
अनुवादित | अनूदित | ऐक्यता | ऐक्य |
कृधित | कृतघ्न | चारूताई | चारूता |
लब्धप्रतिष्ठित | लब्ध-प्रतिष्ठ | जानतान्त्रिक | जनतान्त्रिक |
अनुपातिक | आनुपातिक | तत्व | तत्त्व |
इतिहासिक | ऐतिहासिक | वेदिक | वैदिक |
तत्कालिक | तात्कालिक | भूगोलिक | भौगोलिक |
सौन्दर्यता | सौन्दर्य | त्रिवार्षिक | त्रैवार्षिक |
औदार्यता | औदार्य | अभिशापित | अभिशप्त |
प्रधान्यता | प्राधान्य | नैपुण्यता | निपुणता |
मान्नीय | माननीय,मान्य | लावण्यता | लावण्य |
नीरोगी | नीरोग | दरिद्री | दरिद्र |
विधिवत | विधिवत् | निर्धनी | निर्धन |
मान्यनीय | माननीय | एकत्रित | एकत्र |
15. लिंग सम्बन्धी शुद्ध अशुद्ध शब्द :
अशुद्ध लिंग रूप भी वर्तनी सम्बन्धी अशुद्धि बन जाती है।
जैसे :
गलत शब्द | सही शब्द | ग़लत शब्द | सही शब्द |
कवियित्री | कवयित्री | अनाथिनी | अनाथा |
दिगम्बरी | दिगम्बरा | हथनी | हथिनी |
पिशाचनी | पिशाची | सुलोचन | सुलोचना |
भुजंगिनी | भुजंगी | विदुषि | विदुषी |
हंसनी | हंसिनी | गायकी | गायिका |
ठाकुराइन | ठकुराइन | गृहणी | गृहिणी |
सरोजनी | सरोजिनी | कामनी | कामिनी |
चातकिनी | चातकी | कृशांगिनी | कृशांगी |
श्रीमति | श्रीमती | श्रीमान्रानी | श्रीमती रानी |
साम्राज्ञी | सम्राज्ञी | चमारन | चमारिन |
नारि | नारी | प्रियदर्शनी | प्रियदर्शिन |
कमलनी | कमलिनी | गोपिन | गोपी |
बुद्धिमति | बुद्धिमती | कर्ती | कर्त्री |
प्रयेषि | प्रेयसी | तपस्वनी | तपस्विनी |
त्रिनयनी | त्रिनयना | विहंगिनी | विहंगी |
16. वचन सम्बन्धी शुद्ध अशुद्ध शब्द :
बहुवचन बनाने में भी गलतियाँ हो जाती हैं।
जैसे:
गलत शब्द | सही शब्द | ग़लत शब्द | सही शब्द |
दवाईयाँ | दवाइयाँ | ग़लतीयाँ | ग़लतियाँ |
मिठाईयाँ | मिठाइयाँ | परीक्षार्थीयों | परीक्षार्थियों |
संन्यासीवर्ग | संन्यासिवर्ग | प्राणीवृन्द | प्राणिवृन्द |
इकाईयाँ | इकाइयाँ | महीलाओं | महिलाओं |
हिन्दूओं | हिन्दुओं | खेतीहर | खेतिहर |
विद्यार्थीगण | विद्यार्थिगण | नारीयों | नारियों |
17. विसर्ग सम्बन्धी शुद्ध अशुद्ध शब्द
वर्तनी में सही विसर्ग का प्रयोग न करने या विसर्ग से सम्बन्धित की अशुद्धि पर वर्तनी सम्बन्धी अशुद्धि हो जाती है। जैसे :
गलत शब्द | सही शब्द | ग़लत शब्द | सही शब्द |
प्रातकाल | प्रातःकाल | निश्वास | निःश्वास |
दुख | दुःख | प्राय | प्रायः |
नमशिवाय | नमः शिवाय | अन्तकरण | अन्तःकरण |
अतः एव | अतएव | प्रात | प्रातः. |
अत | अतः | अधोपतन | अधःपतन |
निश्वास | निःश्वास | निकंटक | निष्कंटक/निःकंटक |
निसन्देह | निःसन्देह/निस्सन्देह |
18. हलन्त सम्बन्धी ग़लतियाँ शुद्ध अशुद्ध शब्द –
गलत शब्द | सही शब्द | ग़लत शब्द | सही शब्द |
परिषद | परिषद् | अर्थात | अर्थात् |
षडयन्त्र | षड्यन्त्र | भगवन | भगवान् |
षटरस | षड्रस | महान | महान् |
भविष्यत | भविष्यत् | तड़ित | तड़ित् |
भाषाविद | भाषाविद् | सदगुण | सद्गुण |
उच्छवास | उच्छ्वास | सतचित | सच्चित् |
उदघाटन | उद्घाटन | उदगार | उद्गार |
साक्षात | साक्षात् | विद्युत | विदयुत् |
बुद्धिमान | बुद्धिमान् | पृथक | पृथक् |
19. उपसर्ग सम्बन्धी शुद्ध अशुद्ध शब्द :
सही उपसर्ग का प्रयोग न होने या अनावश्यक उपसर्ग लगा देने से भी वर्तनी सम्बन्धी ग़लती हो जाती है।
जैसे :
गलत शब्द | सही शब्द | ग़लत शब्द | सही शब्द |
उदण्ड | उद्दण्ड | सजन | सज्जन |
बेफ़ज़ूल | फजूल | सोदाहरणपूर्वक | सोदाहरण |
सविनयपूर्वक | सविनय |
20. मात्रा सम्बन्धी शुद्ध अशुद्ध शब्द:
स्वर की उचित स्थान पर मात्रा के प्रयोग न करने से सर्वाधिक वर्तनी सम्बन्धी ग़लतियाँ होती हैं।
जैसे :
गलत शब्द | सही शब्द | ग़लत शब्द | सही शब्द |
रात्री | रात्रि | गिरी | गिरि |
हानी | हानि | निधी | निधि |
वाल्मीकी | वाल्मीकि | सरस्वति | सरस्वती |
मूर्ती | मूर्ति | तिलांजली | तिलांजलि |
ईकाई | इकाई | इसाई | ईसाई |
बिमार | बीमार | संधी | सन्धि |
पत्नि | पत्नी | महादेवि | महादेवी |
रचियता | रचयिता | दिना | दीना |
दिवार | दीवार | इप्सित | ईप्सित |
लघू | लघु | शत्रू | शत्रु |
ज़ारि | जारी | मूमूर्ष | मुमूर्ष |
तारिफ | तारीफ़ | सुक्ष्म | सूक्ष्म |
तारिख | तारीख | मुहुर्त | मुहूर्त |
जीला | ज़िला | एरावत | ऐरावत |
वित्तेषणा | वित्तैषणा | मुल्य | मूल्य |
न्यौछावर | न्योछावर | ओजार | औज़ार |
त्यौहार | त्योहार | कालीदास | कालिदास |
सच्चीदानंद | सच्चिदानंद | पानि | पानी |
मधूर | मधुर | दिनार | दीनार |
अमुल्य | अमूल्य | प्रतिनिधी | प्रतिनिधि |
मिनार | मीनार | परिक्षा | परीक्षा |
पती | पति | सत्यवति | सत्यवती |
निरिक्षण | निरीक्षण | सरस्वति | सरस्वती |
महिना | महीना | देवि | देवी |
पिपिलिका | पिपीलिका | पालीका | पालिका |
गुरू | गुरु | वधु | वधू |
अश्रू | अश्रु | समुह | समूह |
सामुहिक | सामूहिक | जाउँगा | जाऊँगा |
विणा | वीणा | कुतुहल | |
एच्छिक | ऐच्छिक | वीषय | विषय |
त्यौहार | त्योहार | भोतिक | भौतिक |
दधीची | दधीचि | ओरत | औरत |
रूपया | रुपया | नीती | नीति |
नुपुर | नूपुर | वधु | वधू |
21. अन्य कारण शुद्ध अशुद्ध शब्द:
उपर्युक्त कारणों के अतिरिक्त वर्तनी अशुद्धि के और भी कई कारण हो सकते हैं।
जैसे :
ग़लत शब्द | सही शब्द | ग़लत शब्द | सही शब्द |
इस्कूल | स्कूल | कचेड़ी | कचहरी |
कृष्णा | कृष्ण | सपेशल | स्पेशल |
कालेज | कॉलेज | सपलेण्डर | स्पलेण्डर |
बारहवी | बारहवीं | तेहरवी | तेरहवीं |
सहाब | साहब | इस्नान | स्नान |
गुप्ता | गुप्त | वालीबाल | वॉलीबॉल |
तियालीस | तैंतालीस | मंजिल | मंज़िल |
फ़ारसी | फ़ारसी |
अन्य अध्ययन सामग्री
संज्ञा | कारक |
सर्वनाम | वाक्य विचार |
विशेषण | वाच्य |
क्रिया | काल |
शब्द | अविकारी शब्द |
क्रिया विशेषण | मुहावरे |
संधि | लोकोक्तियाँ |
लिंग | वर्ण विचार |
वचन | विराम चिन्ह |
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उपसर्ग | पारिभाषिक शब्दावली |
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महत्वपूर्ण प्रश्न
शुद्ध अशुद्ध शब्द क्या है?
व्याकरण अर्थात् भाषा के परिष्कृत रूप की जानकारी नहीं होने पर अनेक गलतियाँ होती हैं। जैसे स्वर सम्बन्धी, मात्रा सम्बन्धी, वर्ण सम्बन्धी, चिह्न सम्बन्धी जैसी अनेक ग़लतियाँ हैं जो अक्सर हो जाती हैं।
आवाज का शुद्ध शब्द क्या होगा?
आवाज़
शुद्ध वर्तनी कैसे पहचाने?
किसी शब्द में आये हुए अक्षरों को मात्राओं सहित कहने या लिखने की रीति को वर्तनी कहते हैं।
वर्तनी का सम्बन्ध का सीधा सम्बन्ध उच्चारण से होता है ।
यदि उच्चारण शुद्ध होगा तो वर्तनी शुद्ध होगी और यदि उच्चारण अशुद्ध होगा तो वर्तनी भी अशुद्ध होगी।