न्यूटन का गति का द्वितीय नियम (दूसरा) क्या है Newton’s second law of motion in hindi

इस लेख में हम न्यूटन का गति का द्वितीय नियम(दूसरा) के बारे में जानेंगे। यहाँ पर विभिन्न प्रश्नो का जवाब देने का पर्यतन किया गया है
जैसे न्यूटन की गति का द्वितीय नियम क्या है ? what is Newton’s second law of motion in hindi न्यूटन के गति के नियम बहुत ही महत्वपूर्ण चैप्टर हैं।

न्यूटन का गति का द्वितीय नियम (दूसरा)

इस नियम के अनुसार “किसी वस्तु के संवेग में परिवर्तन की दर उस पर आरोपित बाह्य असंतुलित बल के समानुपाती होती है तथा संवेग में यह परिवर्तन बल की दिशा में होता है। अर्थात

F ~ dp / dt

F = K dp/ dt

यहां K समानुपाती नियतांक है जिसके मान चयनित मात्रको पर निर्भर करता है।
मात्रकों का चयन इस प्रकार करते है कि K का मान 1 प्राप्त हो।

K = 1 मानने पर

F = dp/ dt

संवेग p = mv

F = d(mv) / dt

= m dv/dt ( त्वरन a = dv/dt)

F = ma

अत किसी वस्तु का द्रव्यमान तथा उसमें उत्पन त्वरण का गुणन- फल उस पर आरोपित बल के बराबर होता है
तथा त्वरण की दिशा बल की दिशा में होती है ।

Note:- न्यूटन का प्रथम नियम बल की परिभाषा देता है जबकि न्यूटन का द्वितीय नियम बल का परिमाण निर्धारित करता है।

न्यूटन की गति के द्वितीय नियम के उदाहरण (Example of Newton’s second law of motion in hindi)

(1) क्रिकेट का कोई खिलाड़ी तीव्र गति से आती गेंद को पकड़ते समय अपने हाथ को पीछे की ओर खींचता है।
इसका कारण यह है कि प्रारंभ में गेंद गतिशील है तथा खिलाड़ी हाथो से गेंद को रोकने के लिए मंदक बल लगाता है।
अब यदि खिलाड़ी गेंद को अचानक पकड़ ले तब गेंद का मंदन बहुत अधिक होने से गेंद को रोकने के लिए
बहुत अधिक बल लगाना पड़ेगा जिससे खिलाड़ी की हथेली में चोट लग सकती है।

जब खिलाड़ी अपने हाथ को पीछे की ओर ले जाकर गेंद को धीरे से पकड़े तब मंदन कम होगा।
अत खिलाड़ी को गेंद पकड़ने में कम बल लगाना पड़ेगा और खिलाड़ी की हथेली में चोट लगने की संभावना नहीं रहेगी ।

(2) जब कोई व्यक्ति किसी ऊंचाई से कठोर फर्श पर कूदता है तब व्यक्ति का वेग तुरंत ही शून्य हो जाता है और
व्यक्ति पर फर्श द्वारा आरोपित बल अत्यधिक होता है जिससे व्यक्ति को चोट लग जाती है ।
इसके विपरीत यदि व्यक्ति उसी ऊंचाई से रेत में कूदता है तब उसके पैर रेत में धंसने से उसके वेग में परिवर्तन
धीरे – धीरे होता है जिसके फर्श द्वारा आरोपित बल कम होने से व्यक्ति को चोट नहीं लगती है।

महत्त्वपूर्ण तथ्य :-

  • गति के द्वितीय नियम में F = 0 से यह उपलक्षित होता है कि a = 0 प्रत्यक्ष रूप से द्वितीय नियम
    प्रथम नियम के अनुरूप है ।
  • न्यूटन का गति का द्वितीय नियम एक सदिश नियम है।
  • समान समय के लिए लगाया गया समान बल विभिन्न पिंडो में समान संवेग परिवर्तन करता है।
  • बल केवल संवेग परिवर्तन पर ही निर्भर नहीं करता, वह इस बात पर भी निर्भर करता है कि कितनी तीव्रता से यह परिवर्तन
    किया जाता है।
  • न्यूटन का द्वितीय नियम नेट बाह्य बल व वस्तु के त्वरण में संबंध दर्शाता है।

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नमस्कार मेरा नाम मानवेन्द्र है। मैं वर्तमान में Pathatu प्लेटफार्म पर लेखन और शिक्षण का कार्य करता हूँ। मैंने विज्ञान संकाय से स्नातक किया है और वर्तमान में राजस्थान यूनिवर्सिटी से भौतिक विज्ञान विषय में स्नात्तकोत्तर कर रहा हूँ। लेखन और शिक्षण में दिसलचस्पी होने कारण मैंने यहाँ कुछ जानकारी उपलब्ध करवाई हैं।